Iran Israel War: ईरान-इजरायल के बीच बढ़ते तनाव पर भारत ने जताई गंभीर चिंता, जानें किन-किन चीजों पर पड़ सकता है असर

विदेश मंत्री एस जयशंकर। फाइल

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज : Iran Israel War: इजरायल पर ईरान की तरफ से किए गए हमले के बाद मध्य पूर्व में स्थिति के बिगड़ने की संभावना से भारत भी चिंतित है। भारत उन गिने चुने देशों में है जिनके इजरायल और ईरान दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं। ऐसे में भारत ने मौजूदा हालात पर गंभीर चिंता जताते हुए इसे समूचे क्षेत्र की शांति व स्थिरता के लिए खतरा बताया है। भारत पूरे हालात पर करीबी निगाह रख रहा है और हालात बिगड़ने पर वहां से अपने नागरिकों को बाहर निकालने का विकल्प भी खुला रखा है। भारतीय दूतावास ने इजरायल में सभी भारतीयों को शांत रहने और स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा जारी सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन करने की सलाह दी है।

कच्चे तेल की आपूर्ति व कीमतों पर असर पड़ने की संभावना

 

दोनों देशों में बढ़ते तनाव को देखते हुए सिर्फ कूटनीतिक असर को लेकर ही भारत चिंतित नहीं है बल्कि इसके आर्थिक प्रभाव को लेकर भी चिंतित है। लाल सागर में पहले से ही स्थिति खराब है जिसकी वजह से भारत के लिए आयात-निर्यात की लागत बढ़ गई है। यह समस्या और गंभीर हो सकती है। दूसरा असर कच्चे तेल की आपूर्ति व कीमतों पर पड़ने की संभावना है। इससे भारतीय शेयर बाजार में लगातार तेजी के माहौल पर भी उल्टा असर संभव है। 15 अप्रैल से शुरू हो रहे सप्ताह में भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन बहुत हद तक इस बात से तय होगा कि खाड़ी क्षेत्र से इजरायल-ईरान विवाद को लेकर क्या सूचनाएं आती हैं। साथ ही हालात बिगड़ते हैं तो खाड़ी क्षेत्र में काम करने वालों लाखों भारतीयों के जीवकोपार्जन पर भी असर संभव है। यही वजह है कि भारत ने इन दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव के शीघ्र खत्म होने की बात की है।

पूरे क्षेत्र में शांति व स्थिरता के लिए खतरा

 

भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया – ‘ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के हालात बिगड़ने से हम गंभीर तौर पर चिंतित है। इससे पूरे क्षेत्र में शांति व स्थिरता के लिए खतरा हो गया है। हम तनाव को शीघ्रता से कम करने, संयम बना कर रखने, हिंसा को छोड़ने और कूटनीति की राह अपनाने की अपील करते हैं। हम पूरी स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। उस क्षेत्र में हमारे दूतावास भारतीय समुदाय से लगातार संपर्क बना कर रखे हुए हैं। यह बहुत ही जरूरी है कि इस क्षेत्र में सुरक्षा व स्थिरता को बना कर रखा जाए।’ विदेश मंत्रालय के इस बयान के कुछ घंटे बाद तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर स्थापित कर दिया है। इसके जरिये भारतीय नागरिकों को समय पर मदद पहुंचाने की कोशिश होगी। अगर इजरायल की तरफ से भी कार्रवाई होती है और युद्ध की स्थिति बनती है तो संभव है कि ईरान से भारतीयों को बाहर निकालने का भी काम करना पड़े। उधर, नई दिल्ली में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा है कि ईरान आतंकी संगठन हमास की वित्तीय मदद करता है और अब उसने हमास के समर्थन में इजरायल पर सीधा हमला कर दिया है। उन्होने 331 क्रूज मिसाइलों व राकेट इजरायल पर दागे हैं लेकिन उन्हें हवा में ही मार गिराया गया है।

ईरान में 5,000 तो इजरायल में करीब 19,000 भारतीय

ईरान से ज्यादा भारतीय अभी इजरायल में है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि ईरान में करीब पांच हजार भारतीय हैं जबकि इजरायल में पहले से 18 हजार भारतीयों के होने की सूचना है और हाल ही में 900 के करीब भारतीय श्रमिक वहां पहुंचे हैं। हालात बिगड़ने पर उनको बाहर निकालना सरकार की पहली प्राथमिकता होगी। पिछले वर्ष भी भारत ने इजरायल व हमास के बीच टकराव के दौरान 1500 के करीब भारतीयों को इजरायल से निकाला था। मौजूदा हालात में इजरायल को भारतीय श्रमिकों भेजने संबंधी योजना के भी स्थगित किए जाने की संभावना है।

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