झारखंड के मुख्यमंत्री की बहन ने कहा, हेमंत को किया जा रहा परेशान, कल्पना हो सकती हैं अगली सीएम

भुवनेश्वर, BNM News। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा समन भेजे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उनकी बहन अंजलि सोरेन ने रविवार को केंद्र सरकार पर उनके भाई (हेमंत सोरेन) को ‘परेशान’ करने का आरोप लगाया, क्योंकि वह एक ‘आदिवासी’ हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार आदिवासियों के उत्थान की बात करती है और द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रपति बनाती है और दूसरी तरफ हमें परेशान किया जा रहा है। झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार आदिवासी सरकार है। इसलिए मैं कहूंगी कि उन्हें परेशान किया जा रहा है क्योंकि वह आदिवासी हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को डर है कि अगर हेमंत सोरेन सरकार जारी रहती है, तो उन्हें (भाजपा) आदिवासी वोट नहीं मिलेंगे। इसलिए, वे किसी भी तरह से उन्हें बदनाम करना चाहते हैं।

हेमंत सोरेन को परेशान कर रही है केंद्र सरकार

यह पूछे जाने पर कि ईडी ने झारखंड के सीएम को 7 समन क्यों भेजे, अंजलि सोरेन ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि केंद्र सरकार हेमंत सोरेन को परेशान कर रही है। इस बीच, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की स्थिति में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन राज्य की अगली सीएम हो सकती हैं, इन अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उनकी बहन ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह मुख्यमंत्री बन सकती हैं।

विधायक दल की बैठक में तय किया जाएगा

उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह (मुख्यमंत्री) बन सकती हैं। हमारी पार्टी के अन्य सदस्य भी हैं, यह विधायक दल की बैठक में तय किया जाएगा। मैं आपको पुष्टि के साथ नहीं बता सकती लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो वह ऐसा करेंगी। इससे पहले पिछले हफ्ते ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधान के तहत झारखंड के सीएम को सातवां समन जारी किया था, जिसमें उन्हें अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा गया था। चूंकि वह ईडी के सात समन के लिए उपस्थित नहीं हुए थे, इस बार एजेंसी ने कहा कि यह बयान दर्ज करने का उनका आखिरी अवसर है।

बयान दर्ज कराने का अंतिम अवसर

 

पत्र में कहा गया है कि आप जारी किए गए समन का पालन नहीं किया है। प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में नहीं आए, इसलिए हम आपको धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 50 के तहत आपके साथ-साथ अधोहस्ताक्षरी (ईडी) के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक स्थान, तारीख और समय पर अपना बयान दर्ज कराने का यह अंतिम अवसर दे रहे हैं। ईडी ने अपने समन में कहा कि यह नोटिस या समन प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर होना चाहिए। एजेंसी ने उनसे यह पत्र मिलने के 2 दिन के भीतर स्थान, तारीख और समय बताने को कहा है।

ईडी ने भूमि घोटाले के मामले में तलब किया

पत्र में कहा गया है कि 6 समन जारी किए जाने के बावजूद आप (हेमंत सोरेन) निराधार कारणों का हवाला देते हुए इस कार्यालय के समक्ष पेश नहीं हुए। ईडी ने समन में कहा कि यह गैर-उपस्थिति वर्तमान मामले में जांच की प्रगति को बाधित कर रही है।  ईडी ने पूछताछ के लिए 12 दिसंबर को छठा समन जारी किया था, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यवाही में शामिल नहीं हुए। मुख्यमंत्री सोरेन को ईडी ने अगस्त के मध्य में भूमि घोटाले के मामले में तलब किया था। हालांकि, सीएम ने समन को नजरअंदाज कर दिया और दावा किया कि वह राज्य के स्वतंत्रता दिवस समारोह में व्यस्त थे।

उन्हें 24 अगस्त और 9 सितंबर को फिर से पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने व्यस्तताओं का हवाला देते हुए तारीखों को छोड़ दिया। इसके बाद एजेंसी ने झारखंड के मुख्यमंत्री को चौथा समन जारी किया और उनसे 23 सितंबर को एजेंसी को रिपोर्ट करने को कहा। मुख्यमंत्री ने इससे पहले धमकी दी थी कि अगर केंद्र ने उनके खिलाफ जारी समन वापस नहीं लिए तो वह उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। एजेंसी को लिखे अपने पत्र में सोरेन ने कहा कि उन्होंने ईडी को सभी आवश्यक दस्तावेज और सूचना मुहैया करा दी है।

 

 

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