कैथल में 18 लोगों से 1.36 करोड़ की ठगी: कंपनी में कराया निवेश, मोटे मुनाफे का लालच

रुपए लेने के लिए आरोपियों द्वारा कार्यालय में बुलाए गए लोग

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal News:  हरियाणा के कैथल जिले के चीका में एक इंवेस्टमेंट कंपनी के माध्यम से धोखाधड़ी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ 18 लोगों ने मिलकर एक करोड़ 36 लाख रुपये की ठगी का शिकार बने हैं। आरोपियों ने निवेश का लालच देकर इन लोगों को झांसे में लिया और जब पीड़ितों ने अपने पूंजी वापस मांगे, तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने इस प्रकरण में मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

आरोपियों की पहचान

इस मामले में आरोपी तीन व्यक्ति हैं – कुरुक्षेत्र निवासी गौरव प्रताप राणा, सुखी सराय निवासी रामशरण भारद्वाज और धोबी मोहल्ला कुरुक्षेत्र निवासी दिनेश मेहता। इन तीनों ने मिलकर “मैसर्स मेटाएफ प्राइवेट लिमिटेड” नामक एक कंपनी बनाई और चीका, कुरुक्षेत्र एवं करनाल में अपने कार्यालय स्थापित किए। आरोपियों ने निवेशकों को लुभाने के लिए कई आकर्षक योजनाएं पेश की।

मुनाफे का झांसा

अगस्त 2022 में, पीड़ितों में से दो लोगों, जगसीर और जसविंद्र, को आरोपियों से मिलवाया गया। उनसे कहा गया कि उनकी फर्म विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करती है जैसे प्रॉपर्टी, शेयर मार्केट, और क्रिप्टो। आरोपियों ने दावा किया कि उनके निवेश पर प्रति माह 4 से 5 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा और उनका मूल धन सुरक्षित रहेगा। इस लालच में आकर, जसविंद्र ने पहले चार लाख रुपये का निवेश किया।

विश्वास जीतने की शुरुआत

जसविंद्र को प्रारंभ में अच्छे ब्याज का भुगतान किया गया, जिसने उसे और अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उसने अपने जानकार जगसीर से भी आरोपियों को मिलवाया। जगसीर ने भी आरोपियों के झांसे में आकर 5 लाख 50 हजार रुपये का निवेश किया। अब, आरोपियों ने दोनों से कहा कि वे और लोगों को जोड़ें ताकि निवेश का दायरा बढ़ सके।

पीड़ितों की बढ़ती संख्या

 

जगसीर और जसविंद्र के कहने पर उनके जानकारों को भी इस फर्म में पैसे लगाने के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने अमरीक सिंह, लक्ष्मण सिंह, बसंत, सत्यवान, बलबीर सिंह, हरप्रीत सिंह, राजपाल, आकाश, सतपाल, दिलबाग राणा, संदीप, गुरतेज, ज्ञान, नरेश, सुनील, और चरणा जैसे लोगों से भी बातचीत की। इन सभी ने मिलकर 1 करोड़ 36 लाख रुपये लगाए। कुछ राशि नकद दी गई, जबकि कुछ बैंक ट्रांसफर द्वारा भेजी गई।

गायब हुए आरोपी

 

जब निवेशकों ने अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपियों ने टालमटोल करना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने फोन उठाना भी बंद कर दिया। पीड़ितों ने जब चीका, कुरुक्षेत्र और करनाल में आरोपियों के कार्यालयों पर जाकर संपर्क किया, तो उन्हें वहां ताला लगा मिला। उन्होंने जब कंपनी के दस्तावेजों की जानकारी हासिल की, तो पता चला कि सभी दस्तावेज जाली थे।

डराने-धमकाने की कोशिश

 

पीड़ितों ने जब आरोपियों के घर जाने की कोशिश की, तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इसके साथ ही, उन्हें झूठे छेड़छाड़ और रेप के केस में फंसाने की धमकी भी दी गई। इस तरीके से उन्होंने पीड़ितों को और अधिक नुकसान पहुँचाया और उनकी एक करोड़ 36 लाख रुपये की मेहनत की कमाई हड़प ली।

पुलिस की जांच

 

चीका थाना प्रभारी बलबीर सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल, सभी आरोपी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है। जांच के दौरान सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा रहा है ताकि सही तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जा सके।

संभावित अंतरराष्ट्रीय ठगी का नेटवर्क

 

सूत्रों के अनुसार, आरोपी वर्तमान में गुरुग्राम जैसे शहरों में नए ठगी के प्रयास कर रहे हैं और विदेश भागने की योजना बना सकते हैं। पुलिस ने इस दिशा में भी ध्यान देने का आश्वासन दिया है और जांच के दौरान किसी भी अन्य संभावित ठगी के मामलों को उजागर करने का प्रयास किया जाएगा।

सख्त कदम

यह मामला यह दर्शाता है कि कैसे लोग लालच में आकर ठगी का शिकार बन सकते हैं। सुनिश्चित करें कि जब भी आप किसी निवेश में पैसा लगाते हैं, तो पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें और उसकी विश्वसनीयता की जांच करें। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच इस बात को इंगित करती है कि ऐसे धोखाधड़ी के मामलों में सख्त कदम उठाए जाएंगे। व्यक्तिगत सुरक्षा, सतर्कता और जागरूकता ही आज के दौर में ऐसी ठगी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।

 

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