Kaithal News: पिता की हारी सीट पर बाजी पलटने उतरे कैथल से आदित्य सुरजेवाला और कलायत से विकास सहारण

नरेन्द्र सहारण, कलायत/कैथल। Kaithal News: कांग्रेस ने बुधवार रात को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए तीसरी सूची जारी की, जिसमें दो प्रमुख नामों ने सबको चौंका दिया। पार्टी ने कैथल से आदित्य सुरजेवाला और कलायत से विकास सहारण को उम्मीदवार बनाया है। आदित्य, कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला के बेटे हैं, जबकि विकास, हिसार से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश के बेटे हैं। इन दोनों नेताओं की उम्मीदवारी के साथ कांग्रेस ने अपने बेटों को चुनावी मैदान में उतारा है।

विकास सहारण अपनी उम्मीदवारी को लेकर इतना आश्वस्त थे कि उन्होंने नामांकन की घोषणा से पहले ही कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया था। रणदीप सुरजेवाला और जयप्रकाश ने पिछला विधानसभा चुनाव इन्हीं सीटों से लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

कैथल से अपना नामांकन पत्र दाखिल करते आदित्य सुरजेवाला.

क्या रणदीप सुरजेवाला भी टिकट की उम्मीद कर रहे थे?

 

पिछले कुछ समय से यह चर्चा थी कि रणदीप सुरजेवाला खुद कैथल से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। उन्होंने इस सीट पर टिकट की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस ने उनके बेटे आदित्य को टिकट देकर इन कयासों को समाप्त कर दिया। हालांकि, कुछ दिनों पहले यह संकेत मिल चुका था कि सुरजेवाला को टिकट नहीं मिलेगा। इसके चलते उन्होंने अपने बेटे को लॉन्च करने के लिए एक जनसभा का आयोजन किया था, जिसमें आदित्य ने अपना नामांकन दाखिल किया।

वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद जयप्रकाश भी अपने बेटे विकास की तैयारी लंबे समय से कर रहे थे, लेकिन चुनाव लड़ने का निर्णय पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया था। नाम की घोषणा से पहले ही उन्होंने अपने बेटे का नामांकन बुधवार को दाखिल कर दिया।

रणदीप सुरजेवाला और लीला राम गुर्जर ।

कैथल की लड़ाई

 

कैथल में आदित्य सुरजेवाला की राह आसान नहीं है। उन्हें यहां बीजेपी के लीलाराम गुर्जर, बसपा के अनिल तंवर और आम आदमी पार्टी के सतवीर गोयल से मुकाबला करना होगा। 2019 के चुनाव में लीलाराम ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी, और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला को केवल 1246 वोटों के छोटे अंतर से हराया था। जननायक जनता पार्टी के रामफल मलिक तीसरे स्थान पर रहे थे लेकिन उन्हें 10,000 वोट भी नहीं मिले थे। इस बार इंडियन नेशनल लोकदल और बसपा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 में बसपा को केवल 2243 वोट मिले थे, और इनेलो के अनिल कुमार को 472 वोट मिले थे। पिछले चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रहेगा। रणदीप सुरजेवाला ने पिछली बार बहुत ही कम वोटों से हार का सामना किया था, इसलिए इस बार वे अपने बेटे को जिताने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। कैथल सीट 2004 से 2014 तक सुरजेवाला परिवार के पास रही है, और आदित्य के दादा और पिता यहां से विधायक रह चुके हैं। बीजेपी उम्मीदवार की चुनौती होगी कि वह किसान आंदोलन के बाद पैदा हुई नाराजगी को दूर करे और अपना जनाधार बढ़ाए।

कलायत की लड़ाई

 

वहीं, कलायत में विकास सहारण को भी कड़ी चुनौती का सामना करना होगा। उनका मुकाबला बीजेपी की कमलेश ढांडा से है, जिन्होंने 2019 में जयप्रकाश को लगभग नौ हजार वोटों के अंतर से हराया था। इस बार आम आदमी पार्टी की तरफ से अनुराग ढांडा भी मैदान में हैं। 2019 में जननायक जनता पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी, और उसके उम्मीदवार सतविंदर सिंह ने 37,425 वोट हासिल किए थे। इस बार जजपा आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है, और जजपा ने प्रीतम मेहरा को उम्मीदवार बनाया है। यह आंकड़े बताते हैं कि कलायत में मुकाबला भी आसान नहीं होगा। विकास के पिता जयप्रकाश ने 2014 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में कलायत से चुनाव जीते थे।

 

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