Kaithal News: मुख्यमंत्री उड़नदस्ता का राजौंद उप-तहसील पर छापा, अनियमितताएं उजागर
नरेन्द्र सहारण, राजौंद (कैथल)। Kaithal News: वीरवार को मुख्यमंत्री उड़नदस्ता ने हरियाणा के राजौंद उप-तहसील कार्यालय में छापेमारी कर कई अनियमितताओं का खुलासा किया। इस कार्रवाई का उद्देश्य कार्यालय के कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और रिकॉर्ड की जांच करना था। टीम ने मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों की उपस्थिति और कार्यशैली का जायजा लिया।
शिकायतों के आधार पर कार्रवाई
पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन राकेश, दीपक और मुख्यमंत्री उड़नदस्ता के इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह ने बताया कि राजौंद उप-तहसील में अनियमितताओं की शिकायतें कई दिनों से मिल रही थीं। शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि उप-तहसील कार्यालय के कई कर्मचारी समय पर ड्यूटी पर नहीं आते और जमाबंदी, इंतकाल और रजिस्ट्री जैसे महत्वपूर्ण कार्य समय पर पूरे नहीं होते। इन सूचनाओं के आधार पर टीम ने छापा मारने का फैसला लिया।
कार्यालय में मिली खामियां
जांच के दौरान टीम को कई अनियमितताएं मिलीं। कार्यालय में तीन कर्मचारी गैरहाजिर पाए गए। इसके अलावा, रिकॉर्ड की जांच में सामने आया कि 154 जमाबंदी और 222 इंतकाल पैंडिंग थे। यह स्थिति न केवल सरकारी प्रक्रिया की लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि जनसाधारण के लिए भी समस्या का कारण बन रही थी।
रिपोर्ट तैयार कर कार्यालय भेजी गई
मुख्यमंत्री उड़नदस्ता ने उप-तहसील कार्यालय की खामियों पर रिपोर्ट तैयार की और इसे संबंधित विभाग को सौंप दिया। रिपोर्ट में कर्मचारियों की गैरहाजिरी, लंबित मामलों और कार्यालय की अनियमितताओं का विवरण दिया गया है।
लंबित मामलों का असर
लंबित जमाबंदी और इंतकाल जैसे मामलों की अधिकता के कारण जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। किसान और जमीन मालिक अपने रिकॉर्ड अपडेट करवाने के लिए कई बार कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर थे। यह स्थिति प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाती है।
सुधार के निर्देश
जांच टीम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यालय की कार्यशैली में सुधार किया जाए और लंबित मामलों का जल्द निपटारा किया जाए। गैरहाजिर कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं। इसके अलावा, कर्मचारियों को समय पर कार्यालय में उपस्थित रहने और निर्धारित समय सीमा में काम पूरा करने की हिदायत दी गई।
जनसाधारण की प्रतिक्रिया
राजौंद के स्थानीय निवासियों ने मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की इस कार्रवाई की सराहना की। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह छापेमारी बेहद जरूरी थी। कई महीनों से कार्यालय में काम समय पर नहीं हो रहे थे। हमें उम्मीद है कि अब स्थितियां बेहतर होंगी।”
प्रशासन की जिम्मेदारी
यह घटना प्रशासन के लिए एक सबक है कि सरकारी कार्यालयों में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखना कितना जरूरी है। अगर समय पर इन शिकायतों पर ध्यान दिया जाता, तो जनता को इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की इस कार्रवाई से सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली में सुधार की उम्मीद की जा रही है। यह घटना एक उदाहरण है कि प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग और जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। लंबित मामलों के समाधान और अनुशासनहीन कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से ही सरकारी कार्यालयों में सुधार संभव है।
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