Kaithal News: कैथल कृषि उपनिदेशक कार्यालय में सीएम फ्लाइंग का छापा, रिकॉर्ड खंगाल कर योजनाओं की जांच की

नरेन्द्र सहारण कैथल। Kaithal News: हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर लगातार कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम ने शुक्रवार सुबह के समय कैथल लघु सचिवालय स्थित कृषि उपनिदेशक के कार्यालय में दबिश देकर रिकॉर्ड खंगाला। इस दौरान टीम में तीन सदस्य शामिल रहे। टीम के सदस्यों ने केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों को दी जा रही योजनाओं को लेकर भी जांच की। आपको बता दें कि पिछले दिनों जींद में कृषि के उप निदेशक डा. गिरिश नागपाल को सस्पेंड कर दिया गया। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से उनके निलंबन का पत्र जारी किया गया। सूत्रों का कहना है कि भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायत पर उन पर गाज गिरी है।

उपनिदेशक डॉ. बलवंत को किया था निलंबित

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कैथल में कृषि विभाग का कार्यालय सुर्खियों में रहा था। इसमें विभाग में आला अधिकारी की ओर से रिश्वतखोरी के आरोप की एक ऑडियो भी वायरल हुई थी। इसके बाद विभाग ने तुरंत ही एक्शन लेते हुए उपनिदेशक डॉ. बलवंत सिंह को निलंबित भी किया गया था।

 

योजनाओं के रिकॉर्ड की जांच

मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम की दबिश के बाद कार्यालय के कर्मचारियों में भय का माहौल रहा। इस दौरान कर्मचारियों में अफरातफरी रही। टीम ने विभाग का हाजिरी रजिस्टर और किसानों को सरकार की ओर से मिलने वाली योजनाओं का रिकॉर्ड की जांच करीब दो घंटे तक की। गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम ने गत 12 जुलाई को टीम ने जिला नागरिक अस्पताल में एंबुलेंस से सबंधित रिकॉर्ड की जांच की थी।

रिश्वतखोरी के आरोप का मामला

 

आपको बात दें कि कुछ दिन पहले ही वाट्सएप ग्रुपों में कृषि विभाग के उपनिदेशक की ओर से रिश्वत लेने की एक ऑडियो और सूची वायरल हुई थी। इस सूची में 4 हजार से लेकर 20 लाख रुपये तक की रिश्वत देने का जिक्र हुआ था। आरोप लगाने वाले कर्मी का कहना था कि विभाग के कर्मचारियों कभी स्टॉक रजिस्टर पूरा न होने के नाम पर तो कभी दवाइयों के सैंपल लेने का डर दिखाकर रिश्वत लेता है। आरोप था कि इस गोदाम में नकली दवाइयां जमा की गई।

गोदाम से दवाइयां गायब

बाद में जब इस गोदाम को खोला गया तो उसमें से दवाइयां गायब मिली। आरोप था कि अधिकारियों ने किसी मृतक व्यक्ति के नाम किरायानामा संबंधी तस्दीकशुदा शपथ पत्र लेकर मामले को रफा- दफा कर दिया था। इसके बाद पहले तो डीडीए ने आरोप लगाने वाले कर्मचारी के खिलाफ गलत दस्तावेज देकर नियुक्ति लेने के आरोप लगाए। इसके बाद विभाग ने डीडीए को ही निलंबित कर दिया था।

खाद बीज का लाइसेंस बनाने के लिए लेते थे रुपए

जींद में कृषि के उप निदेशक पर कार्रवाई मामले में खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार जींद के सफीदों के एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी कि जिला कृषि उपनिदेशक (DDA) द्वारा खाद बीज का लाइसेंस बनाने की एवज में रुपए लिए जाते हैं। इसके बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव ने आदेश जारी कर उन्हें निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि के दौरान डा. गिरिश नागपाल का मुख्यालय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग निदेशक पंचकूला रहेगा। डा. गिरिश नागपाल करीब एक साल से जींद में जिला कृषि उप निदेशक के पद पर कार्यरत थे। इससे पहले वे अंबाला में रहे हैं।

 

 

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