कैथल में कांग्रेस समर्थित चेयरमैन को हटाया: भाजपा के 12 सदस्‍यों ने की वोटिंग, पूर्व MLA के आने पर बवाल

मनजीत कौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले के सीवन ब्लॉक समिति की राजनीति में मंगलवार को बड़ा बदलाव आया, जब कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन मनजीत कौर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को भारी समर्थन मिला। इस दिन अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई गई, जिसमें 16 सदस्यों वाली समिति में 13 सदस्य मौजूद थे। वोटिंग में 12 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि केवल एक वोट मनजीत कौर के समर्थन में पड़ा।

कैथल की अतिरिक्त उपायुक्त (ADC) बाबूलाल ने इस वोटिंग प्रक्रिया को लेकर पहले ही सभी सदस्यों को सूचित कर दिया था। 28 अक्टूबर को जारी इस नोटिस में समिति के 16 सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली वोटिंग में शामिल होने की सूचना दी गई थी। मंगलवार को, प्रस्ताव के पक्ष में जुटे भाजपा समर्थित सदस्य गुहला के पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर के नेतृत्व में ब्लॉक डेवलपमेंट पंचायत ऑफिस (BDPO) पहुंचे।

मनजीत कौर के समर्थकों का विरोध

 

जैसे ही कुलवंत बाजीगर अपने समर्थकों के साथ कार्यालय के भीतर पहुंचे, तनावपूर्ण माहौल बन गया। मनजीत कौर के समर्थकों ने विरोध किया और वहां स्थिति गर्मा गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल को तैनात करना पड़ा। पुलिस ने मनजीत के समर्थकों को कार्यालय से बाहर किया और भीड़ को शांत करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल बुलाया। पुलिस की कार्रवाई के बाद ही वोटिंग की प्रक्रिया सुचारू रूप से शुरू हो सकी।

जल्द ही नया चेयरमैन चुना जाएगा

 

पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने इस मौके पर कहा कि यह फैसला विकास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने बताया कि 12 सदस्यों ने एकजुट होकर प्रस्ताव का समर्थन किया है और आगे की रणनीति के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली से विचार-विमर्श किया जाएगा। कुलवंत ने स्पष्ट किया कि पार्टी के निर्देशों के अनुरूप नया चेयरमैन चुना जाएगा। फिलहाल, ब्लॉक समिति की कमान वाइस चेयरमैन लाभ सिंह के हाथों में रहेगी और वे ही प्रशासनिक कार्यों को देखेंगे। लाभ सिंह को समिति के सभी महत्वपूर्ण फैसलों के लिए अधिकार दिए जाएंगे।

आवश्यक वोटिंग और अविश्वास प्रस्ताव की पृष्ठभूमि

 

अविश्वास प्रस्ताव पास करने के लिए कुल सदस्यों में से दो-तिहाई बहुमत यानी 11 वोट जरूरी थे। अगर चेयरपर्सन को अपनी कुर्सी बचानी थी, तो उन्हें कम से कम 6 सदस्यों का समर्थन चाहिए था। हालांकि, मनजीत कौर ऐसा समर्थन जुटाने में असफल रहीं। 16 सदस्यों में से 12 भाजपा समर्थक सदस्य अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में खड़े रहे।

इससे पहले, पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने इन 12 सदस्यों को संगठित रखने और उन्हें मतदान के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वोटिंग से पहले, बाजीगर इन सदस्यों को लेकर क्षेत्र से बाहर चले गए थे ताकि किसी भी प्रकार के राजनीतिक दबाव या विरोधी प्रभाव से बचा जा सके। मंगलवार को सभी सदस्य वापस लौटे और प्रस्ताव के पक्ष में मतदान कर चेयरमैन को हटाने का फैसला किया।

राजनीतिक हलचल और भाजपा की रणनीति

 

इस घटनाक्रम ने सीवन ब्लॉक समिति में राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह बदल दिया है। भाजपा के लिए यह सफलता एक महत्वपूर्ण जीत के रूप में देखी जा रही है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इसे विकास और पारदर्शिता की जीत बता रहे हैं। भाजपा समर्थक सदस्यों का कहना है कि यह कदम क्षेत्र में विकास कार्यों को तेज करने के लिए उठाया गया है।

कुलवंत बाजीगर ने कहा कि पार्टी की ओर से जो भी निर्देश दिए जाएंगे, वे उसे मानने के लिए तैयार हैं। नए चेयरमैन के चुनाव के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी और प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली से बातचीत होगी। तब तक ब्लॉक समिति के प्रशासनिक कार्य लाभ सिंह की देखरेख में चलाए जाएंगे।

मनजीत कौर के लिए बड़ा झटका

यह अविश्वास प्रस्ताव मनजीत कौर के लिए बड़ा राजनीतिक झटका है। उनके समर्थकों ने इस प्रक्रिया के दौरान काफी विरोध किया, लेकिन वे इसे रोकने में सफल नहीं हो सके। विरोध प्रदर्शन के बावजूद, पुलिस और प्रशासन ने वोटिंग प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

इस घटनाक्रम से साफ है कि सीवन ब्लॉक समिति में भाजपा की पकड़ मजबूत हो रही है। आने वाले दिनों में नए चेयरमैन के चुनाव के बाद यह स्पष्ट होगा कि भाजपा अपने एजेंडे को किस तरह से आगे बढ़ाती है। वर्तमान में, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह कदम राज्य की राजनीति में भाजपा के प्रभाव को और भी सशक्त बना सकता है।

इस अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने के साथ ही समिति के कार्यों में बदलाव आना तय है, और सभी की निगाहें अब भाजपा के अगले कदम पर टिकी हैं।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और कांग्रेस का कनेक्शन

 

मनजीत कौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का कारण केवल भाजपा के भीतर की राजनीति ही नहीं है। इसके पीछे एक गहरी राजनीतिक वजह भी है। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनावों के दौरान चेयरपर्सन के प्रतिनिधि बजिंद्र सिंह कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र हंस के समर्थन में प्रचार कर रहे थे। इस बात से भाजपा नेता खासे नाराज हुए। हालांकि चुनाव के बाद मनजीत कौर भाजपा की बैठकों में सक्रिय दिखीं, परंतु पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर और अन्य भाजपा नेता अब भी उनसे नाराज हैं। पिछले चुनाव में जब मनजीत कौर को चेयरपर्सन बनाया गया था, तब भाजपा के पूर्व प्रत्याशी रवि तरावली ने उनका समर्थन किया था। लेकिन राजनीतिक समीकरण बदल चुके हैं। अब भाजपा नेता चाहते हैं कि कौर को इस पद से हटा दिया जाए।

वोटिंग के परिणाम का महत्व

अविश्वास प्रस्ताव का परिणाम न केवल ब्लॉक समिति की नेतृत्व संरचना को बदल सकता है, बल्कि यह स्थानीय राजनीतिक समीकरणों पर भी गहरा असर डालेगा। भाजपा की ओर से जो कदम उठाए जा रहे हैं, वे इस बात को स्पष्ट करते हैं कि पार्टी में एकजुटता बनाए रखने और विपक्ष को कमजोर करने की रणनीति अपनाई जा रही है। यदि अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है, तो यह पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर और उनकी टीम के लिए एक बड़ी जीत होगी। वहीं, चेयरपर्सन मनजीत कौर के लिए यह हार उनके राजनीतिक करियर पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

इस तरह, सीवन ब्लॉक समिति में आज होने वाली वोटिंग सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह स्थानीय राजनीति में बदलाव का संकेत है। सभी की नजरें अब इस परिणाम पर टिकी हैं, जो राजनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दे सकता है।

 

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