Kaithal News: दीप मलिक ने थामा था कांग्रेस का हाथ पर नहीं हो पाए सफल

दीप मलिक जाखौली - फोटो : फाइल

नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष दीप मलिक ने विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का दामन थामा था, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस सरकार न बनने के चलते वे अपनी अध्यक्ष पद की कुर्सी बचाने में नाकाम रहे। इससे पहले, अपनी कुर्सी को बचाने के लिए दीप मलिक ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का भी सहारा लिया था, लेकिन उन्हें वहां भी असफलता ही मिली।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले ही जिला पार्षदों ने जजपा समर्थित जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर वोटिंग कर दी थी, लेकिन इसका परिणाम अब जाकर स्पष्ट हो सका है। अब भाजपा की नजर इस महत्वपूर्ण पद पर है। फिलहाल, भाजपा समर्थित उपाध्यक्ष कर्मबीर कौल को जिला परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।

जिला प्रशासन जल्द ही अध्यक्ष पद के चुनाव की तारीख की घोषणा करेगा, जिससे यह साफ होगा कि अगला अध्यक्ष कौन होगा।

कांग्रेस में दीप मलिक का शामिल होना

विधानसभा चुनाव के दौरान 28 सितंबर को कलायत के जाखौली में आयोजित कांग्रेस की रैली में, दीप मलिक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस में शामिल हुए थे। हालांकि, कांग्रेस की सरकार न बनने से उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हो गई और वे अध्यक्ष पद से हट गए।

भाजपा अब इस कुर्सी पर अपनी पकड़ मजबूत करने की ओर देख रही है, और आगामी चुनाव इस दिशा में अहम साबित होगा।

करीब दो साल तक ही रह पाया जिला परिषद का अध्यक्ष

 

जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर दीप मलिक का कार्यकाल केवल दो साल ही चल पाया। नवंबर 2022 में हुए पंचायत चुनावों के बाद जनवरी 2023 में जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ था। उस समय भाजपा और जजपा के बीच गठबंधन था, जिसमें जजपा के समर्थन से दीपक मलिक उर्फ दीप मलिक ने एक वोट से जीत हासिल कर अध्यक्ष पद पर कब्जा किया था। वहीं, भाजपा समर्थित कर्मबीर कौल को उपाध्यक्ष चुना गया था।

चुनाव के समय दोनों दलों के बीच अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद को लेकर खींचतान जारी थी। जजपा की ओर से दिग्विजय चौटाला और भाजपा की ओर से नायब सैनी ने चुनाव प्रक्रिया में भाग लिया था। उस समय भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था, जबकि जजपा ने उपाध्यक्ष पद के लिए कोई प्रत्याशी नहीं दिया था। गठबंधन के तहत यह समझौता हुआ था, लेकिन समय के साथ गठबंधन टूट गया और इसके बाद जिला परिषद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया।

अविश्वास प्रस्ताव की टाइमलाइन

19 जुलाई: 20 में से 17 पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की। इसी दिन दीप मलिक की याचिका पर हाईकोर्ट ने परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी।
13 सितंबर: हाईकोर्ट ने परिणाम घोषित करने के आदेश दिए।
इसके दो दिन बाद जिला प्रशासन ने परिणाम घोषित करने की तिथि तय की, लेकिन जजपा के विरोध के चलते इसे स्थगित कर दिया गया।
11 अक्तूबर: जिला प्रशासन ने 14 अक्तूबर को परिणाम जारी करने का आदेश दिया।
14 अक्तूबर: परिणाम घोषित किया गया और दीप मलिक के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया।
इस प्रकार, गठबंधन टूटने और अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने के बाद दीप मलिक का अध्यक्ष पद छिन गया। अब भाजपा समर्थित उपाध्यक्ष कर्मबीर कौल कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

 

 

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