Kaithal News: कैथल में लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू, स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ीं
नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: कैथल जिले में सोमवार को डेंगू के पांच नए मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। इन नए मामलों के साथ जिले में डेंगू संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 48 तक पहुंच गई है। ये ताजा मामले जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए हैं, जिनमें राधा स्वामी कॉलोनी, ऋषिनगर, गांव क्योड़क, मायापुरी कॉलोनी और चिरंजीव कॉलोनी शामिल हैं। डेंगू संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग लगातार सतर्क है और संक्रमण की रोकथाम के लिए विभिन्न प्रयास कर रहा है।
जिले में कई स्थानों पर निरीक्षण किया
स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए व्यापक अभियान चलाया है। विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सोमवार को पूरे जिले में कई स्थानों पर निरीक्षण किया और 82 जगहों पर डेंगू के मच्छरों का लार्वा मिला। इन सभी स्थानों पर रहने वाले मकान मालिकों और दुकानदारों को नोटिस जारी कर दिया गया है। साथ ही, उन्हें मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग की टीमें लार्वा मिलने वाले स्थानों पर विशेष ध्यान दे रही हैं और स्थानीय लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करने का प्रयास कर रही हैं।
डोर-टू-डोर सर्वे किया गया
इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा सर्वेक्षण अभियान भी चलाया है। सोमवार को जिले में 11,324 घरों और दुकानों का डोर-टू-डोर सर्वे किया गया। इस दौरान विभाग की टीमों ने घर-घर जाकर लार्वा की जांच की और लोगों को जागरूक किया। लार्वा मिलने के मामलों में परिवारों को तुरंत साफ-सफाई का पालन करने के लिए कहा गया। इसके अलावा, टीमों ने संभावित संक्रमित लोगों की पहचान भी की। कुल 112 संदिग्ध व्यक्तियों के ब्लड सैंपल लिए गए, जिन्हें डेंगू और अन्य बीमारियों की जांच के लिए भेजा गया है।
2,625 जगहों पर मच्छरों के लार्वा मिले
अब तक जिले में 2,625 जगहों पर मच्छरों के लार्वा मिल चुके हैं, जो यह दर्शाता है कि डेंगू का खतरा अभी भी बना हुआ है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार प्रयासरत हैं कि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके। जिला सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए विशेष कदम उठा रहा है। उन्होंने बताया कि टेस्ट कराने की प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिए टेस्ट की कीमत भी निर्धारित की गई है। डेंगू एलाइजा टेस्ट की कीमत 600 रुपये तय की गई है, जबकि चिकनगुनिया एलाइजा टेस्ट का मूल्य भी 600 रुपये है। इसके अलावा, चिकनगुनिया के आरटी-पीसीआर टेस्ट की कीमत एक हजार रुपये निर्धारित की गई है।
विभिन्न इलाकों में जागरूकता अभियान
डॉ. रेनू चावला ने आगे बताया कि विभाग ने विभिन्न इलाकों में जागरूकता अभियान भी चलाए हैं। स्थानीय निवासियों को डेंगू के लक्षण, इसके बचाव और इलाज के बारे में जागरूक किया जा रहा है। जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं और माइक के जरिए लोगों को अपने आसपास साफ-सफाई रखने की अपील की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मी लोगों को यह बता रहे हैं कि डेंगू के मच्छर साफ और ठहरे हुए पानी में पनपते हैं, इसलिए घरों में पानी जमा न होने दें। पुराने टायर, गमले, और ऐसी जगहें जहां पानी ठहर सकता है, उनकी सफाई नियमित रूप से करें।
जिले में कुल 118 डेंगू के मामले
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि पिछले साल जिले में कुल 118 डेंगू के मामले सामने आए थे। इस बार संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए विशेष सावधानी बरती जा रही है। विभाग का मानना है कि समय पर की गई कार्रवाई से स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पूरे जिले में सक्रिय हैं और संभावित खतरे को कम करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
लोगों से अपील
लोगों से भी अपील की जा रही है कि वे मच्छरों के प्रजनन को रोकने में सहयोग करें। किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें और निर्धारित जांच करवाएं। डेंगू के सामान्य लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते और आंखों के पीछे दर्द शामिल हैं। डेंगू से बचाव के लिए लोग अपने घरों में मच्छरदानी का उपयोग करें, शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें, और मच्छर रोधी क्रीम या स्प्रे का इस्तेमाल करें।
जिले में सफाई अभियान को और सख्ती से लागू करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने भी सहयोग का आश्वासन दिया है। नगर निगम और अन्य विभागों के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग जगह-जगह फॉगिंग करवा रहा है और कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दे रहा है। सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न समूहों और संगठनों से भी अपील की गई है कि वे इस प्रयास में सहयोग करें।
इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में सभी विभाग मिलकर काम कर रहे हैं ताकि डेंगू के खतरे को कम किया जा सके और लोगों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे। स्वास्थ्य विभाग की यह कवायद इस बात को दर्शाती है कि प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन नागरिकों का सहयोग भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
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