Kaithal News: वर्षों से मांग के बाद भी सीवन में कोई कॉलेज नहीं, छात्रों को तय करना पड़ता है सफर

नरेन्‍द्र सहारण, सीवन। Kaithal News: कैथल जिले के सबसे बड़े नगर सीवन में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज न होने से हजारों छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। उच्च शिक्षा के लिए उन्हें गुहला-चीका, कैथल और अन्य बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है, जिससे न केवल उनका समय खराब होता है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी उनके परिवारों पर भारी बोझ डालता है। यह समस्या वर्षों से चली आ रही है, लेकिन अब तक किसी भी नेता या जनप्रतिनिधि ने इसे हल करने की ठोस कोशिश नहीं की है।

वर्षों से अधूरी है कॉलेज की मांग

सीवन के निवासियों का कहना है कि उनकी यह मांग वर्षों पुरानी है, और आज तक इसे पूरा नहीं किया गया। गुहला-चीका क्षेत्र से कई विधायक चुने गए, लेकिन किसी ने भी सीवन में कॉलेज बनवाने की दिशा में कदम नहीं उठाया। स्थानीय लोगों के अनुसार, केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूत सरकार है और प्रदेश में भाजपा की नायब सरकार भी है, फिर भी सीवन के युवाओं की उच्च शिक्षा के लिए बुनियादी सुविधा का अभाव बना हुआ है।

सीवन के छात्रों अजय, लव सैनी, साहिल, रोहित, गौरव, सुनील, और छात्राओं मोनिका, प्रियंका, रानी, पिंकी, ज्योति, कोमल, लक्ष्मी, दीपिका, सुमन, सिमरन, डिंपल आदि ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से अपील की है कि वह इस समस्या पर ध्यान दें और सीवन में कॉलेज बनवाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाएं। उनका कहना है कि यदि नगर में कॉलेज स्थापित हो जाता है, तो उन्हें प्रतिदिन लंबी दूरी तय करने की परेशानी से निजात मिल जाएगी और उनकी पढ़ाई में आने वाली बाधाएं भी समाप्त हो जाएंगी।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

 

सीवन में कॉलेज न होने का सबसे बड़ा प्रभाव आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों पर पड़ रहा है। कई गरीब माता-पिता अपने बच्चों को अन्य शहरों में उच्च शिक्षा के लिए भेजने में असमर्थ होते हैं, जिससे उनके बच्चों का शिक्षा का सपना अधूरा रह जाता है। इस समस्या से लड़कियां विशेष रूप से प्रभावित होती हैं। लड़कियों को अक्सर 12वीं के बाद अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने का अवसर नहीं मिल पाता, क्योंकि परिवार आर्थिक तंगी के कारण उन्हें दूसरे शहर भेजने में सक्षम नहीं होते। यह स्थिति शिक्षा में लैंगिक असमानता को भी बढ़ावा देती है।

भीड़भाड़ भरी बसों में मुश्किल सफर

 

उच्च शिक्षा के लिए दूरस्थ शहरों में आने-जाने वाले छात्रों की संख्या बहुत अधिक है, जबकि बसों की संख्या सीमित है। इससे बसों में भीड़भाड़ हो जाती है, और छात्र-छात्राओं को खड़े होकर सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। सीवन के छात्र रोहित, गौरव, सुनील, अजय, लव सैनी और छात्राएं पिंकी, ज्योति, कोमल, लक्ष्मी, दीपिका, मोनिका, प्रियंका, रानी, सुमन, सिमरन, डिंपल आदि ने बताया कि उन्हें बसों में यात्रा करते समय अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सुबह के समय स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों के साथ ही अन्य यात्री भी बसों में सफर करते हैं, जिससे स्थिति और भी अधिक जटिल हो जाती है। भीड़ के कारण छात्रों को अगली बस का इंतजार करना पड़ता है, जिससे उनकी कक्षाओं में देर हो जाती है और पढ़ाई प्रभावित होती है।

छात्राओं की सुरक्षा और सुविधाओं का अभाव

 

लड़कियों के लिए स्थिति और भी चिंताजनक है। पहले सरकार ने महिलाओं के लिए सुबह के समय विशेष बस सेवा चलाई थी, जिससे उन्हें राहत मिली थी। लेकिन अब वह बस सेवा बंद हो चुकी है, जिससे उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं। छात्राओं ने कहा कि भीड़भाड़ भरी बसों में सफर करना उनके लिए असुरक्षित महसूस होता है और वे असहज हो जाती हैं।

क्या चाहिए छात्रों को?

 

छात्रों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि सुबह के समय बसों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि उन्हें खड़े होकर सफर करने की परेशानी न हो और वे समय पर कॉलेज पहुंच सकें। छात्रों ने कहा कि यदि बसों की संख्या बढ़ाई जाती है तो इससे न केवल उनकी यात्रा सुगम होगी, बल्कि उनके समय और ऊर्जा की भी बचत होगी।

सीवन में कॉलेज की जरूरत

सीवन के छात्रों और उनके अभिभावकों का मानना है कि एक कॉलेज की स्थापना न केवल छात्रों को उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के विकास में भी सहायक होगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सरकार सीवन में कॉलेज बनवाने की दिशा में कदम उठाती है, तो यह क्षेत्र की बड़ी समस्या का समाधान होगा और हजारों छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।

सीवन के निवासी और छात्र आशा करते हैं कि उनकी यह आवाज मुख्यमंत्री और सरकार तक पहुंचेगी और जल्द ही उन्हें कॉलेज की सौगात मिलेगी। इससे न केवल शिक्षा का स्तर सुधरेगा, बल्कि यह सीवन के छात्रों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

 

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