Kaithal News: 6 साल बाद भी सिटी स्क्वेयर अधर में लटका, पार्किंग गड्ढे में ‘गिरी’

कैथल सिटी स्क्वेयर
नरेन्द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: कैथल शहर के दो प्रमुख प्रोजेक्ट सिटी स्क्वेयर और मल्टी स्टोरी पार्किंग, यदि पूरी तरह से अमल में आ जाएं, तो शहर की आधी से ज्यादा समस्याएं हल हो सकती हैं। इन परियोजनाओं के पूरा हो जाने से शहर की सड़कों पर वाहनों के खड़े होने से लगने वाले जाम खत्म हो सकते हैं और पार्किंग की वजह से होने वाली भीड़ में भी कमी आएगी। करीब 74 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इन दो बड़े प्रोजेक्टों का निर्माण कार्य पिछले छह वर्षों से अधर में लटका हुआ है।
अधर में लटका सिटी स्क्वेयर प्रोजेक्ट
कैथल शहर के पुराने बस स्टैंड की जगह पर बन रहा सिटी स्क्वेयर परियोजना का कार्य शुरू तो हुआ, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो सका। इस प्रोजेक्ट के लिए करीब 54 करोड़ रुपये की राशि तय की गई थी। हालांकि, शुरू से ही इस निर्माण को लेकर कई विवाद सामने आए। भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए, जिससे निर्माण कार्य लगातार बाधित होता रहा। नगर परिषद की हाउस बैठकों में पार्षदों द्वारा बार-बार इस मुद्दे को उठाया गया, लेकिन विवाद और प्रशासनिक लापरवाही के कारण प्रोजेक्ट अब तक पूरा नहीं हो सका।
विवादों और देरी ने बढ़ाई मुश्किलें
सिटी स्क्वेयर प्रोजेक्ट के लिए टेंडर लेने वाली एजेंसी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, और जून महीने में उसका टेंडर रद्द कर दिया गया। अब नए टेंडर के लिए प्रक्रिया शुरू करने की योजना है, जिससे निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया जा सके। हाउस की बैठकों में पार्षदों ने नई एजेंसी को टेंडर देने की मांग की है। साथ ही, पुरानी एजेंसी पर जुर्माना लगाकर वसूली करने की बात भी कही गई है, ताकि भविष्य में लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो।
वार्ड नंबर 28 के पार्षद मोहन लाल शर्मा ने प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की देरी से शहर के लोग परेशान हो रहे हैं। बाजारों में पार्किंग स्थल की कमी के कारण दुकानदारों और ग्राहकों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। कई बार जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। वाहनों के सड़क पर खड़े रहने से दुर्घटनाओं और चोरी की घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है।
मल्टी स्टोरी पार्किंग: केवल गड्ढा खोदा गया
सिटी थाना के नजदीक प्रस्तावित मल्टी स्टोरी पार्किंग भी छह साल से अधर में है। यह पार्किंग परियोजना करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से बननी है। यहां पार्किंग स्थल का निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है। स्थिति यह है कि सिर्फ 20 फीट से ज्यादा गहरा गड्ढा खोदा गया है, जो दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रहा है। आसपास के लोग और वाहन चालक इस गड्ढे से हमेशा खतरे में रहते हैं।
शहर में अंबाला रोड, करनाल रोड, ढांड रोड, और छात्रावास रोड पर बैंकों के बाहर अकसर जाम की स्थिति बनी रहती है। यहां वाहन खड़ा करने की उचित व्यवस्था न होने के कारण लोग मजबूरन सड़क पर ही गाड़ियां पार्क कर देते हैं। कई बार तो बैंक के बाहर खड़े वाहनों की चोरी की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। सिटी स्क्वेयर प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यहां सभी बैंक एक जगह शिफ्ट होंगे और पार्किंग स्थल का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे यह समस्या हल हो सकेगी।
नगर परिषद की प्रतिक्रिया
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी कुलदीप मलिक ने बताया कि दोनों प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि सिटी स्क्वेयर के लिए नया टेंडर जल्द जारी किया जाएगा। इसके साथ ही, मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू होगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि इन परियोजनाओं के पूरा होते ही शहर में ट्रैफिक की समस्या काफी हद तक सुलझ जाएगी और पार्किंग की स्थिति बेहतर होगी।
शहर के लोगों की परेशानियां
इन प्रोजेक्ट्स के लंबे समय से अटके रहने के कारण शहरवासियों की समस्याएं बढ़ गई हैं। बाजारों में आए दिन जाम की स्थिति बनती है, जिससे लोगों को आवागमन में कठिनाई होती है। दुकानदार भी ग्राहकों की संख्या में कमी की शिकायत करते हैं, क्योंकि पार्किंग न होने के कारण ग्राहक दूर-दराज से बाजार में आने से कतराते हैं।
इसके अलावा, सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों से ट्रैफिक का दबाव बढ़ता है। यह स्थिति खासकर व्यस्त समय में और गंभीर हो जाती है। स्कूल, ऑफिस, और अस्पताल जाने वाले लोगों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने से उनका कारोबार बेहतर हो सकता है, क्योंकि ग्राहकों को पार्किंग की सुविधा मिलेगी और वे आसानी से बाजार में खरीदारी कर सकेंगे।
नगर परिषद पर सवाल
स्थानीय लोग और पार्षद नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। वे पूछते हैं कि आखिर क्यों इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में इतना समय लग रहा है। कई लोगों का मानना है कि प्रशासनिक उदासीनता और भ्रष्टाचार इस देरी की मुख्य वजह हैं।
पार्षद मोहन लाल शर्मा ने कहा कि इन दोनों प्रोजेक्ट्स को जल्दी पूरा किया जाना चाहिए, ताकि शहरवासियों की समस्याओं का समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि अधिकारी यदि अपनी जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभाएं, तो इन प्रोजेक्ट्स को जल्द ही सिरे चढ़ाया जा सकता है।
उम्मीद की किरण
हालांकि समस्याएं गंभीर हैं, लेकिन नगर परिषद की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि दोनों प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम शुरू होगा। अधिकारी कुलदीप मलिक ने भरोसा दिलाया है कि निर्माण कार्यों को जल्द ही आगे बढ़ाया जाएगा। उम्मीद है कि आने वाले समय में कैथल शहर को इन परियोजनाओं का लाभ मिलेगा और यहां की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा।
इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल शहरवासियों को राहत मिलेगी, बल्कि कैथल शहर भी एक व्यवस्थित और आधुनिक रूप ले सकेगा।
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