Kaithal News: कैथल में दिखा कोहरे का कहर, पाडला में सड़क दुर्घटना में एक की मौत
नरेन्द्र सहारण, कैथल । Kaithal News: कैथल में बुधवार को नवंबर माह में पहली बार मौसम ने घनी धुंध की चादर ओढ़ी, जिससे सड़क हादसों की आशंका बढ़ गई। जैसे ही सुबह घनी धुंध फैली, खनौरी-पातड़ा रोड पर स्थित पाडला गांव में एक दुखद सड़क दुर्घटना में 28 वर्षीय ट्रक चालक धर्मेंद्र की मौत हो गई। यह हादसा सुबह करीब सात बजे हुआ जब दृश्यता मात्र 10 मीटर रह गई थी। धुंध इतनी घनी थी कि वाहनों को चलाने में काफी दिक्कतें आ रही थीं, जिससे सड़कों पर रफ्तार धीमी हो गई। मौसम में अचानक आए इस बदलाव ने ठंड का संकेत देते हुए न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की। एक ही दिन में न्यूनतम तापमान 19 से घटकर 17 डिग्री सेल्सियस पर आ गया, जबकि अधिकतम तापमान भी 31 से गिरकर 28 डिग्री पर पहुंच गया।
घटना का विवरण
हादसे का शिकार बने धर्मेंद्र संगरूर जिले के कंडियाल गांव के निवासी थे। धर्मेंद्र मंगलवार को यमुनानगर से रेत भरकर अपने ट्रक में रवाना हुए थे और उन्हें पंजाब पहुंचना था। बुधवार सुबह करीब सात बजे, कैथल के पाडला गांव के पास संगतपुरा रोड पर एक ढाबे पर चाय पीने के लिए उन्होंने ट्रक रोका। चाय पीकर वापस अपने ट्रक में बैठने ही वाले थे कि एक अनहोनी ने उनकी जिंदगी छीन ली।
प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस की जानकारी के अनुसार, पंजाब की ओर से एक चावल से भरा ट्रक तेज गति से आ रहा था। घनी धुंध के कारण दृश्यता कम होने की वजह से ट्रक चालक ने अचानक अपना वाहन मोड़ दिया। ट्रक नियंत्रण खो बैठा और धर्मेंद्र के ट्रक के ऊपर पलट गया। हादसा इतना भयानक था कि धर्मेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई। दुर्घटना के बाद, चावल से भरा ट्रक पलटने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। ट्रक का चालक, हादसे के बाद अपना वाहन वहीं छोड़कर मौके से फरार हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
परिवार का गम और दर्द
मृतक धर्मेंद्र के परिजन इस खबर से स्तब्ध और शोक में हैं। धर्मेंद्र एक मेहनती ट्रक चालक थे, जो अपने परिवार की आजीविका चलाने के लिए दिन-रात मेहनत करते थे। उनके परिवार के अनुसार, धर्मेंद्र मंगलवार को रेत लेकर निकले थे और उनकी योजना थी कि वे जल्द ही रेत की डिलीवरी करके घर लौटेंगे। लेकिन किसी को यह अंदाजा नहीं था कि यह उनकी आखिरी यात्रा साबित होगी। धर्मेंद्र के परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी और छोटे बच्चे हैं, जो उनके अचानक चले जाने से अनाथ हो गए हैं।
दो बच्चे के सिर से उठा पिता का साया
मृतक के परिजनों ने बताया कि धर्मेंद्र के परिवार में इसके मां बाप के अलावा पत्नी व दो बच्चे है। जिनमें एक 11 वर्षीय लड़की और एक 8 साल का लड़का है। धर्मेंद्र ही अपने परिवार का कमाने वाला था। जिसकी मृत्यु होने के बाद अब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है।
धर्मेंद्र के पिता ने कहा, “वह हमारे परिवार की रीढ़ थे। उन्होंने कभी किसी काम से पीछे नहीं हटे और हमेशा अपने परिवार की जिम्मेदारियों को प्राथमिकता दी।” परिवार ने सरकार और प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की है ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रह सके।
पुलिस की कार्रवाई
दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटनास्थल का मुआयना किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि चावल से भरे ट्रक का चालक दुर्घटना के बाद फरार हो गया है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मामले की तह तक जाने और दोषी को पकड़ने का संकल्प लिया है। एएसपी वरुण दहिया ने कहा, “हम जल्द ही दोषी को गिरफ्तार करेंगे और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएंगे।”
धुंध का कहर और मौसम की चेतावनी
यह दुर्घटना कैथल में इस सीजन की पहली धुंध के दिन हुई, जिसने एक बार फिर सर्दियों में धुंध के खतरों की याद दिला दी है। मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि इस साल ठंड का असर जल्द देखने को मिलेगा और धुंध का सिलसिला बढ़ सकता है। ऐसे में वाहन चालकों को सावधानी बरतने की जरूरत होगी। धुंध के कारण सड़कों पर दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है, और यह दुर्घटना उसी का प्रमाण है।
मौसम विभाग ने सुझाव दिया है कि आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान और गिर सकता है, जिससे सर्दी का प्रकोप बढ़ेगा। लोगों को सर्दी से बचने के उपाय करने के लिए आगाह किया गया है, जबकि प्रशासन ने वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है।
जागरूकता और एहतियात की जरूरत
हर साल सर्दियों के मौसम में धुंध के कारण सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि होती है। ऐसे में यह जरूरी है कि वाहन चालक विशेष सावधानी बरतें। सड़कों पर धीमी गति से वाहन चलाने, गाड़ियों की हेडलाइट्स और फॉग लाइट्स का इस्तेमाल करने और सतर्कता बनाए रखने की सलाह दी जाती है। ट्रैफिक पुलिस ने भी लोगों को सड़क पर धुंध के समय सुरक्षित दूरी बनाए रखने और अनावश्यक रूप से तेज गति से वाहन न चलाने की हिदायत दी है।
पाडला गांव में हुए इस दर्दनाक सड़क हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मौसम के बदले हुए मिजाज को हल्के में नहीं लिया जा सकता। धुंध की चादर ने एक परिवार को हमेशा के लिए उजाड़ दिया। इस घटना से सबक लेते हुए, लोगों को न केवल अपने वाहन सावधानी से चलाने चाहिए, बल्कि प्रशासन को भी सड़कों पर एहतियातन उपाय करने की जरूरत है। धर्मेंद्र जैसे मेहनती इंसान की असमय मौत न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक दुखद त्रासदी है।
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