Kaithal News: ग्राम पंचायत ने बिजली निगम पर लापरवाही का लगाया आरोप, मंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन
नरेन्द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले के क्योड़क गांव में एक दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। 29 वर्षीय युवक सोनू की हाइटेंशन बिजली की तारों की चपेट में आने से मौत हो गई। इस हादसे के बाद ग्राम पंचायत ने बिजली निगम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
हादसे का विवरण
यह घटना दो दिसंबर को हुई जब सोनू, जो गांव में टायर पंचर और पीतल गैस वेल्डिंग का काम करता था, एक स्कूल बस की छत पर काम देखने के लिए चढ़ा। बस की छत पर चढ़ते ही उसका सिर ऊपर से गुजर रही 11 हजार वोल्टेज की हाइटेंशन तारों से छू गया, जिससे उसे करंट लगा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद पुलिस ने इसे इत्तेफाकिया कार्रवाई के तहत दर्ज किया, लेकिन ग्रामवासियों और पंचायत ने इसे बिजली निगम की घोर लापरवाही का नतीजा बताया है।
ग्राम पंचायत का आरोप
घटना के बाद गांव में गुरुवार को पंचायत आयोजित की गई, जिसमें इस मामले पर गहराई से चर्चा की गई। पंचायत के दौरान सरपंच जसबीर सिंह ने बताया कि गांव में पिछले कई वर्षों से बिजली की तारों की स्थिति खतरनाक बनी हुई है। ग्रामीण कई बार बिजली निगम के अधिकारियों को इस समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार तारों की मरम्मत और उनकी ऊंचाई बढ़ाने की मांग की गई, लेकिन हर बार इसे अनसुना कर दिया गया।
प्रशासन से न्याय की उम्मीद
पंचायत में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में बिजली मंत्री अनिल विज को ज्ञापन सौंपा जाएगा। सरपंच जसबीर सिंह ने कहा कि जब तक इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती और तारों को सुरक्षित ऊंचाई पर नहीं किया जाता, तब तक ग्रामीण चुप नहीं बैठेंगे। पंचायत ने यह भी मांग की कि मृतक सोनू के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए बिजली निगम को सख्त कदम उठाने चाहिए।
सोनू का परिवार और गांव में शोक
सोनू के परिवार पर इस हादसे का गहरा प्रभाव पड़ा है। वह अपने परिवार का मुख्य कमाने वाला था और उसके ऊपर कई जिम्मेदारियां थीं। उसकी मौत से गांव में शोक की लहर है। ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा रोका जा सकता था यदि बिजली निगम ने समय रहते कदम उठाए होते।
बिजली निगम की जवाबदेही
गांव के लोगों का कहना है कि बिजली निगम को इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हाइटेंशन तारों की मरम्मत और उन्हें सुरक्षित ऊंचाई पर ले जाने का काम वर्षों से लंबित है। ग्रामीणों का आरोप है कि निगम अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता के कारण यह हादसा हुआ। सोनू के अलावा भी कई बार गांव में इन तारों से जुड़े छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं, लेकिन निगम ने अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला।
आगे की कार्रवाई
गांव के लोगों ने फैसला किया है कि इस मामले को लेकर वे उच्च स्तर पर अपनी आवाज उठाएंगे। शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में मंत्री अनिल विज को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की जाएगी। इसके अलावा, यदि आवश्यक हुआ तो ग्रामीण बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। पंचायत ने यह भी तय किया है कि जब तक बिजली निगम इस समस्या का समाधान नहीं करता, तब तक वे इसे हर स्तर पर उठाते रहेंगे।
सुरक्षा के लिए सुझाव
इस घटना ने बिजली की तारों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हाइटेंशन तारों को सुरक्षित ऊंचाई पर ले जाना जरूरी है। साथ ही, बिजली निगम को नियमित रूप से तारों की जांच और मरम्मत करनी चाहिए। ग्रामीण इलाकों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जहां बिजली के तार अक्सर खतरनाक स्थिति में होते हैं।
लापरवाही उजागर
क्योड़क गांव में सोनू की मौत ने एक बार फिर बिजली निगम की लापरवाही को उजागर किया है। यह घटना न केवल एक व्यक्ति की जान जाने का मामला है, बल्कि यह प्रशासन और निगम की जवाबदेही पर भी सवाल खड़ा करती है। ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई हो और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। अब यह देखना होगा कि बिजली मंत्री अनिल विज इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और ग्रामीणों को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।
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