Kaithal News: कलायत सीएचसी में डॉक्टरों की कमी से बढ़ी स्वास्थ्य समस्याएं, स्थानीय लोग परेशान

नरेन्‍द्र सहारण, कलायत। Kaithal News: कलायत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में लंबे समय से डॉक्टरों के रिक्त पदों के कारण इलाके के लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। खासकर टीबी, एड्स, आवारा कुत्तों के काटने और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोग इलाज के अभाव में परेशान हैं। यह स्थिति न केवल नागरिकों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है, बल्कि उनकी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच भी सीमित हो गई है।

चिकित्सा सेवाओं की घोर कमी

सीएचसी के अंतर्गत आने वाले 46 गांवों की लगभग दो लाख आबादी को समुचित चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में प्रशासन असमर्थ है। उपमंडल नागरिक अस्पताल के सभी 12 डॉक्टरों के पद रिक्त हैं, जिससे केवल एक एसएमओ (स्वास्थ्य अधिकारी) डॉ. राजीव मित्तल के कंधों पर यह भारी जिम्मेदारी आ पड़ी है। डॉ. मित्तल के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाएं चल रही हैं, लेकिन उनकी एकमात्र उपस्थिति के कारण चिकित्सीय देखभाल में भारी दबाव बना हुआ है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति

कलायत सीएचसी के अधीन पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और 31 उप स्वास्थ्य केंद्र (एसएचसी) आते हैं, लेकिन इन केंद्रों में डॉक्टरों की भारी कमी है। उदाहरण के लिए, गांव बात्ता, गांव बालू और बढ़सीकरी में दो-दो डॉक्टरों के पद रिक्त हैं, जबकि गांव देबवन में दोनों डॉक्टर कार्यरत हैं। गांव सजूमा में भी दो डॉक्टरों में से केवल एक काम कर रहा है। इन रिक्त पदों के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण इन मरीजों का इलाज करना एक बड़ी चुनौती बन गई है।

पैसे और दूरी की समस्या

चिकित्सा सेवाओं की कमी के कारण स्थानीय लोग इलाज के लिए निजी क्लीनिकों या दूर-दूर के अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। जहां एक ओर इन निजी क्लीनिकों में इलाज की लागत अधिक है, वहीं दूसरी ओर दूर-दराज के अस्पतालों में जाने के लिए यात्रा का समय और खर्च भी मरीजों पर अतिरिक्त बोझ डाल रहा है। यह स्थिति गरीब और ग्रामीण तबके के लोगों के लिए और भी अधिक परेशान करने वाली हो गई है।

टीबी और एड्स जैसी बीमारियों का खतरा

सीएचसी में टीबी और एड्स जैसे संक्रामक रोगों का समय पर इलाज न होने से मरीजों की हालत गंभीर हो सकती है। टीबी के मामले में, कलायत उपमंडल में हर माह औसतन 10-15 लोग खांसी जांच के लिए आते हैं, जिनमें से कई मामलों में पॉजिटिव केस सामने आते हैं। जनवरी से सितंबर 2023 तक की टीबी जांच रिपोर्ट के अनुसार, टीबी के पॉजिटिव मामलों की संख्या में मामूली उतार-चढ़ाव रहा है। इस दौरान टीबी के 9 से 18 मामले हर महीने पॉजिटिव पाए गए।

इसी तरह, एड्स के मामलों में भी चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। 2023 में कुल 23 लोग एड्स पॉजिटिव पाए गए। इसके अलावा, पिछले वर्षों में भी यह संख्या बढ़ी है। इस स्थिति को देखते हुए, सीएचसी में एड्स के मामलों पर काउंसलिंग और उपचार के लिए गीता देवी और एलटी जिले सिंह अपनी टीम के साथ जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं। इसके साथ ही मरीजों का इलाज भी जारी है, ताकि इस जानलेवा बीमारी का फैलाव रोका जा सके।

स्थानीय लोगों के विरोध और मांग

स्थानीय नागरिकों ने बार-बार इस मुद्दे को उठाया है और सरकार से रिक्त पदों को भरने की अपील की है। उनका कहना है कि सीएचसी के अधीन आने वाली आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार है और सरकार को इस दिशा में त्वरित कदम उठाने चाहिए। नागरिकों का यह भी कहना है कि डॉक्टरों की कमी के कारण अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों का भी सही तरीके से उपयोग नहीं हो पा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रयास

सीएचसी के एसएमओ डॉ. राजीव मित्तल ने बताया कि डॉक्टरों के रिक्त पदों के संबंध में विभाग को हर माह दो बार जानकारी भेजी जाती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग महानिदेशालय इस मुद्दे को गंभीरता से देख रहा है और रिक्त पदों की नियुक्ति को लेकर जल्द कदम उठाने की योजना है। साथ ही, डॉक्टरों की कमी के बावजूद, आवश्यक सेवाओं को वैकल्पिक उपायों से पूरा किया जा रहा है।

डॉ. मित्तल ने यह भी बताया कि विभाग ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बेहतर तालमेल बनाए रखा है। उनकी टीम लगातार यह सुनिश्चित कर रही है कि मरीजों को पर्याप्त चिकित्सा सहायता मिलती रहे।

कलायत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी और बढ़ते मरीजों की संख्या एक गंभीर समस्या बन चुकी है। इन मुद्दों के समाधान के लिए त्वरित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि स्थानीय लोगों को समय पर और उचित इलाज मिल सके। स्वास्थ्य विभाग को रिक्त पदों को भरने के साथ-साथ चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

 

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