Kaithal News: विधानसभा सत्र में कैथल के चारों विधायकों ने उठाए डीएपी किल्लत व अन्‍य जरूरी मुद्दे

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal News:हरियाणा विधानसभा का पहला सत्र बुधवार को आरंभ हुआ, और यह दिन खासतौर पर कैथल जिले के नए विधायकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा। जिले की चार विधानसभा सीटों – कैथल, कलायत, गुहला, और पूंडरी से पहली बार निर्वाचित हुए विधायक पहली बार विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुए। सदन में अपनी पहली उपस्थिति को लेकर नए विधायकों में खासा उत्साह दिखा। इस दौरान कैथल के कांग्रेसी विधायक आदित्य सुरजेवाला ने प्रदेश और अपने निर्वाचन क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं को उठाया। उनके मुद्दे किसानों के लिए डीएपी की कमी से लेकर स्थानीय विकास परियोजनाओं तक थे।

आदित्य सुरजेवाला ने उठाए गंभीर मुद्दे

 

कैथल से कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने अपने पहले भाषण में पूरी तैयारी के साथ प्रदेश सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने डीएपी खाद की कमी को प्रमुखता से उठाया, जो किसानों के लिए गंभीर समस्या बन चुकी है। सुरजेवाला ने कहा कि किसानों को समय पर खाद न मिलने से आत्महत्या करने की नौबत आ रही है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर क्यों किसान ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं।

सुरजेवाला ने अपने क्षेत्र कैथल की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कई मुद्दे उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कैथल में घोषित महर्षि वाल्मीकि संस्कृत यूनिवर्सिटी का निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है। यह यूनिवर्सिटी 25 अक्टूबर 2015 को घोषित की गई थी, लेकिन साढ़े नौ साल बीतने के बाद भी इसका कोई अता-पता नहीं है। आदित्य ने नगर निगम के वार्डों में विकास कार्यों में हो रहे भेदभाव पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि शहर के 16 वार्डों में बुनियादी सुविधाएं, जैसे पीने का साफ पानी, साफ-सफाई और सड़कों की मरम्मत तक नहीं हो रही है। गंदगी और टूट-फूट से शहर बदहाल हो चुका है।

विदेशों में पलायन कर रहे युवाओं पर जताई चिंता

 

आदित्य सुरजेवाला ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया – हरियाणा के युवाओं का विदेशों में पलायन। उन्होंने कहा कि 2018 में जब वे खुद कनाडा में पढ़ाई कर रहे थे, तब वहां हरियाणा के छात्र मुश्किल से 20-30 प्रतिशत थे। लेकिन अब यह आंकड़ा 60-80 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि राज्य के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, जिससे वे विदेश जाने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर युवाओं के पलायन को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

 

विकास सहारण: समस्याओं को सदन में रखने की तैयारी

 

कलायत से कांग्रेस के युवा विधायक विकास सहारण ने भी पहली बार विधानसभा सत्र में भाग लिया। हालांकि पहले दिन उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला, लेकिन वे प्रश्नकाल में अपनी बात रखने के लिए पूरी तरह से तैयार थे। उन्होंने पांच प्रमुख मुद्दों पर होमवर्क किया था। इनमें नहरों में पानी लाने की योजना, कलायत में भगवान परशुराम सामुदायिक भवन का निर्माण, राजौंद में सरकारी कॉलेज की मांग, जन स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से पानी की आपूर्ति और निकासी की समस्याएं शामिल थीं। विकास ने कहा कि उनके पिता, पूर्व सांसद जयप्रकाश (जेपी), उनकी राजनीतिक यात्रा में गुरु और मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। पिता के अनुभव से वे लगातार सीख रहे हैं और मुद्दों पर गहनता से काम कर रहे हैं।

लोगों को संबोधित करते विधायक सतपाल जांबा।

सतपाल जांबा: नए अनुभव और सीख

 

पूंडरी के विधायक सतपाल जांबा ने विधानसभा सत्र के पहले दिन को बेहद खास बताया। जांबा ने कहा कि सत्र के दौरान उन्हें विधानसभा की कार्यवाही को करीब से देखने और समझने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि यह सत्र उनके लिए सीखने का एक अनूठा अवसर रहा, जहां उन्हें अपने वरिष्ठ विधायकों से बहुत कुछ सीखने को मिला। जांबा ने कहा कि वे सदन में अपनी बात रखते हुए सदन की गरिमा बनाए रखने की पूरी कोशिश करेंगे। उनका उद्देश्य अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाकर उन्हें हल करवाना है। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने सरकार के फैसलों की सराहना करते हुए सीईटी (कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) पास युवाओं को रोजगार के अवसर देने के निर्णय का स्वागत किया। जांबा ने कहा कि भाजपा सरकार बिना किसी भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के योग्य युवाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही है, और यह राज्य में सकारात्मक बदलाव ला रहा है।

देवेंद्र हंस: सीखने का मिला मौका

गुहला विधानसभा से नए विधायक देवेंद्र हंस ने अपने पहले दिन को बहुत अच्छा बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होकर उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। भले ही पहले दिन उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला, लेकिन वे भविष्य में अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में उठाने के लिए तत्पर हैं। देवेंद्र हंस ने कहा कि गुहला क्षेत्र विकास के मामले में पिछड़ा हुआ है और उनके मन में इस क्षेत्र के लिए कई योजनाएं हैं। उनका उद्देश्य है कि वे इन समस्याओं को विधानसभा में रखकर समाधान दिलवा सकें।

पहली बार के अनुभवों से उत्साहित विधायक

नए विधायकों की इस पहली उपस्थिति ने साबित किया कि वे अपनी जिम्मेदारियों को लेकर गंभीर हैं। सभी विधायकों ने यह अनुभव किया कि विधानसभा एक ऐसा मंच है, जहां उनकी भूमिका अहम है। चाहे वह आदित्य सुरजेवाला हों, जिन्होंने सरकार से तीखे सवाल किए, या विकास सहारण, जिन्होंने महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया, हर विधायक ने सदन में अपनी छाप छोड़ने का प्रयास किया।

इन नए विधायकों का जोश और ऊर्जा यह दर्शाती है कि वे अपने क्षेत्रों के विकास और समस्याओं के समाधान के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे के सत्रों में वे किस तरह से अपनी बात रखते हैं और किस प्रकार अपनी प्राथमिकताओं को अमल में लाते हैं।

 

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