Kaithal News: कैथल जिले में धान की आवक तेज, भावों में गिरावट, किसान परेशान
नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: कैथल जिले की अनाज मंडियों में इस समय धान की आवक तेज हो गई है, खासकर बारीक धान की, जो सड़कों तक फैल गया है। इस स्थिति में किसानों को अपनी फसल बेचने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, धान के भाव में गिरावट भी देखी जा रही है, जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। शनिवार को बासमती धान के भाव में 500 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट आई, जिससे 5500 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर बासमती धान बिका। यह वही धान था, जिसका भाव दो दिन पहले 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक था। 1121 किस्म का धान 4000 से 4100 रुपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है, जबकि मुच्छल धान 3425 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है।
भावों में गिरावट और उत्पादन की कमी
इस साल धान के भाव पिछले वर्ष की तुलना में कम हैं। बारीक धान के भाव में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक की कमी आई है। किसानों के अनुसार, इस साल धान का उत्पादन भी कम हुआ है। 1121 किस्म के धान का भाव पिछले साल के मुकाबले 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल कम है। पिछले साल इस किस्म का धान 4300 से 4400 रुपये प्रति क्विंटल तक बिका था, लेकिन इस बार यह केवल 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है।
इसके अलावा, 1718 किस्म के हाथ से कटे धान का भाव 3800 रुपये प्रति क्विंटल और कंबाइन से कटे धान का भाव 3300 रुपये प्रति क्विंटल तक आ चुका है। 1885 किस्म के धान का भाव भी इस बार 3950 रुपये प्रति क्विंटल तक ही रह गया है।
किसानों की परेशानी
किसानों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार धान की कीमतें बहुत कम हैं, और फसल का उत्पादन भी घटा है। किसान कुलविंद्र और सतवीर का कहना है कि पिछले साल 1121 किस्म का धान 4400 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, लेकिन इस बार यही धान 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल रहा है। यह गिरावट किसानों के लिए चिंता का कारण बन गई है, क्योंकि उनका खर्च बढ़ा है, और कम कीमतें उनकी मेहनत का सही मूल्य नहीं दे पा रही हैं।
बारीक धान की आवक और मंडी की स्थिति
कैथल जिले की अनाज मंडियों में इस समय बारीक धान की आवक लगातार बढ़ रही है। किसानों के मुताबिक, अब मंडियों में मोटा धान कम हो गया है और बारीक धान, जैसे बासमती, 1121, मुच्छल और 1718 किस्म का धान प्रमुख रूप से आ रहा है। यह स्थिति किसानों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है, क्योंकि सड़कों पर धान फैलने से ना केवल यातायात में दिक्कतें आ रही हैं, बल्कि मंडी में भी भीड़-भाड़ की स्थिति बन रही है।
प्रशासन की पहल
मार्केट कमेटी सचिव बसाऊ राम ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल सड़कों पर न डालें। उन्होंने कहा कि अनाज मंडियों में इस समय सभी किस्मों के धान की आवक हो रही है, लेकिन किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपनी फसल को उचित स्थान पर ही रखें, ताकि मंडी के अंदर कोई असुविधा न हो। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि मंडी में किसानों, मजदूरों और आढ़तियों के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो।
आगे की स्थिति
मंडी में धान की बढ़ती आवक और गिरते भावों के बीच किसानों को बेहतर समर्थन की आवश्यकता है। कृषि विभाग और मार्केट कमेटी को चाहिए कि वे किसानों की परेशानियों को समझें और उन्हें उपयुक्त समाधान प्रदान करें। वहीं, बारीक धान की आवक बढ़ने के बावजूद यह जरूरी है कि मंडी में फसल के उचित प्रबंधन की व्यवस्था बनी रहे, ताकि सड़क पर बिखरे हुए धान से किसी प्रकार की दुर्घटना या परेशानी का सामना न करना पड़े।
इस साल किसानों को धान के भावों में गिरावट के साथ-साथ उत्पादन में कमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे उनकी आय पर प्रभाव पड़ा है, और वे जल्द से जल्द उचित कीमत की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, प्रशासन की तरफ से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि किसान सड़कों पर धान न डालें और मंडी के अंदर फसल का उचित प्रबंधन किया जा सके।
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