कैथल में रिश्वत लेते कानूनगो और दलाल गिरफ्तार, जमीन रिलीज करने के लिए मांगे 30 लाख
नरेन्द्र सहारण , कैथल : Kaithal News: हरियाणा के पंचकूला जिले में भ्रष्टाचार पर एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने मंगलवार शाम एक सुनियोजित ट्रैप लगाकर पंचकूला लैंड इक्विजिशन विभाग के कानूनगो कर्मवीर और एक दलाल चरण सिंह को पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई से सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा संदेश गया है।
शिकायत के आधार पर हुई कार्रवाई
इस मामले की शुरुआत राजकुमार नाम के व्यक्ति की शिकायत से हुई। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस को बताया कि उन्होंने पंचकूला के सेक्टर-18 में एक जमीन का इकरारनामा किया था और उसके पास मालिक द्वारा दी गई पावर ऑफ अटॉर्नी भी थी। इस संबंध में, जमीन की निशानदेही के लिए उन्होंने पंचकूला लैंड इक्विजिशन विभाग के कानूनगो कर्मवीर से संपर्क किया।
राजकुमार के अनुसार, कर्मवीर ने निशानदेही प्रक्रिया पूरी करने के लिए शुरुआत में 30 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। बातचीत के बाद, राजकुमार ने 20 लाख रुपये पहले ही दे दिए। लेकिन जमीन की निशानदेही के दस्तावेज जारी करने से पहले कर्मवीर ने पांच लाख रुपये की और मांग की।
रिश्वतखोरी का खुलासा
कर्मवीर और दलाल चरण सिंह ने मंगलवार शाम राजकुमार से पांच लाख रुपये की मांग की। राजकुमार ने इस बारे में एंटी करप्शन ब्यूरो से संपर्क किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीबी ने तुरंत कार्रवाई की योजना बनाई।
कैथल एसीबी के इंस्पेक्टर सूबे सिंह ने इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए एक टीम का गठन किया। किसान एवं कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. बाबू लाल को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया, ताकि कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत हो।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
एसीबी की टीम ने पंचकूला के हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण कार्यालय के बाहर जाल बिछाया। शाम करीब 7 बजे जैसे ही शिकायतकर्ता ने आरोपियों को पांच लाख रुपये सौंपे, टीम ने तुरंत कार्रवाई की।
एसीबी ने दोनों आरोपियों को मौके पर ही पकड़ लिया। हालांकि, दोनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन टीम की मुस्तैदी के चलते वे भागने में असफल रहे।
केमिकल नोटों से हुआ पुख्ता सबूत का खुलासा
रिश्वत के तौर पर दिए गए नोटों पर पहले से ही केमिकल लगाया गया था। जब टीम ने आरोपियों के हाथ पानी से धुलवाए, तो पानी का रंग लाल हो गया। यह साबित करने के लिए पर्याप्त था कि आरोपियों ने रिश्वत के पैसे लिए थे।
टीम ने मौके से पांच लाख रुपये की नकदी जब्त की। इस कार्रवाई के बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और आसपास के अन्य सरकारी कार्यालयों में हड़कंप मच गया।
आरोपियों से पूछताछ और न्यायालय में पेशी
एसीबी की टीम ने आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इस भ्रष्टाचार में और कौन-कौन शामिल है। टीम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पहले की गई 20 लाख रुपये की डील किस तरह से हुई और क्या उसमें भी अन्य लोग शामिल थे।
एसीबी ने आरोपियों को बुधवार को अदालत में पेश करने की योजना बनाई है। जांच अधिकारियों ने कहा है कि यह कार्रवाई एक बड़ी जांच की शुरुआत हो सकती है, क्योंकि कई अन्य मामलों में भी इनकी संलिप्तता की आशंका है।
भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार
इस घटना ने सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर जहां आम नागरिक सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की उम्मीद करते हैं, वहीं दूसरी ओर अधिकारियों द्वारा रिश्वतखोरी के ऐसे मामले सामने आते हैं।
राजकुमार जैसे लोगों के साहस ने यह साबित किया है कि अगर आम आदमी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाए, तो भ्रष्ट तंत्र पर प्रहार किया जा सकता है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस की भूमिका
एंटी करप्शन ब्यूरो ने हाल के वर्षों में भ्रष्टाचार के खिलाफ कई कड़ी कार्रवाइयां की हैं। इस मामले में भी, विजिलेंस की मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई ने सुनिश्चित किया कि दोषियों को उनके किए की सजा मिले।
इंस्पेक्टर सूबे सिंह ने कहा, “हम हर संभव कोशिश करेंगे कि इस मामले में दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। यह कार्रवाई एक उदाहरण है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
समाज को संदेश
यह घटना न केवल एक कार्रवाई है, बल्कि समाज के लिए एक संदेश है। भ्रष्टाचार का सामना करने के लिए नागरिकों को जागरूक और साहसी बनने की जरूरत है। साथ ही, सरकारी विभागों को पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने की आवश्यकता है।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि रिश्वतखोरी जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ कानून के दायरे में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
एंटी करप्शन ब्यूरो की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उम्मीद की जा सकती है कि इस घटना से अन्य भ्रष्ट अधिकारियों को सबक मिलेगा और आम आदमी को यह विश्वास मिलेगा कि कानून उनकी रक्षा के लिए खड़ा है।
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