Kaithal News: डीएपी खाद के लिए सरकारी केंद्रों पर उमड़े भारी संख्या में किसान

नरेन्‍द्र सहारण , कैथल।। Kaithal News: कैथल जिले में शुक्रवार को डीएपी खाद लेने के लिए सरकारी केंद्रों पर भारी संख्या में किसान जुटे। किसानों की भीड़ की वजह गेहूं की बिजाई का महत्वपूर्ण समय है, जब खाद की आवश्यकता बढ़ जाती है। वीरवार को खाद का रैक पहुंचने के बाद से ही किसान बेसब्री से खाद पाने के लिए तैयार थे और कई किसान तो सीधे रेलवे स्टेशन पर ही खाद लेने पहुंच गए थे। मौजूदा समय में लगभग 27,900 बैग डीएपी खाद जिले में पहुंच चुके हैं।

प्रति आधार कार्ड के हिसाब से मिल रहा खाद

जिले के सीवन, चीका, कैथल, और ढांड क्षेत्रों में अधिकांश खेतों में गेहूं की बिजाई हो चुकी है, जबकि कलायत और राजौंद के कुछ हिस्सों में अभी भी बिजाई का काम बाकी है। इस वजह से शुक्रवार सुबह से ही सरकारी केंद्रों पर लंबी कतारें लग गईं। किसानों को चार से पांच बैग प्रति आधार कार्ड के हिसाब से खाद दी जा रही है।

खाद और बीज की उपलब्धता महत्वपूर्ण

किसानों में खाद लेने को लेकर बेचैनी इसलिए भी है क्योंकि गेहूं की बिजाई के इस समय पर खाद और बीज की उपलब्धता सबसे महत्वपूर्ण होती है। किसान मंदीप कुमार, सुखविंद्र, रमेश, और सज्जन सिंह जैसे कई किसानों ने अपनी चिंताओं को जाहिर करते हुए बताया कि यह समय फसलों की बुवाई के लिए बेहद अहम है। हालांकि, हर बार खाद और बीज की आपूर्ति में दिक्कतें आती हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को लंबे समय तक कतार में खड़े रहना पड़ता है, और कई बार तो उन्हें पूरी मात्रा में खाद और बीज भी नहीं मिल पाता।

मंदीप कुमार ने कहा, “हम सुबह से लाइनों में खड़े हैं और उम्मीद करते हैं कि हमें हमारी जरूरत के मुताबिक खाद मिल जाए। यह स्थिति हर साल दोहराई जाती है और हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।” किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज नहीं मिल पाता, जिससे उनकी खेती प्रभावित होती है।

डीएपी खाद और बीज मुहैया करवाया जाएगा

हालांकि, कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने खाद और बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं। कृषि विभाग के एसडीओ सतीश नारा ने कहा, “वीरवार को ही डीएपी खाद सरकारी केंद्रों पर भिजवाई गई थी। जिस पैक्स में जितनी जरूरत है, उसके अनुसार खाद के बैग भेजे गए हैं। इसके साथ ही गेहूं का बीज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। सभी किसानों को डीएपी खाद और बीज मुहैया करवाया जाएगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि विभाग पूरी कोशिश कर रहा है कि किसानों को समय पर खाद और बीज मिल जाए, ताकि उनकी खेती में कोई रुकावट न आए। इसके अलावा, उन्होंने किसानों से धैर्य बनाए रखने की अपील की और कहा कि जरूरत के हिसाब से खाद की आपूर्ति की जा रही है।

घंटों इंतजार करना पड़ता है

बावजूद इसके किसानों का कहना है कि खाद की आपूर्ति और वितरण में सुधार की जरूरत है। रमेश नामक किसान ने कहा, “हर बार यही समस्या होती है। हमें घंटों इंतजार करना पड़ता है, और कई बार खाली हाथ लौटना पड़ता है। सरकार को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना चाहिए।”

सुखविंद्र ने भी अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह समय गेहूं की बिजाई के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, और खाद की कमी उनकी मेहनत पर पानी फेर सकती है। “यदि हमें समय पर खाद और बीज नहीं मिलता, तो हमारी फसल उत्पादन पर सीधा असर पड़ सकता है,” उन्होंने कहा।

इस पूरे घटनाक्रम के बीच प्रशासन के लिए यह चुनौती है कि कैसे खाद और बीज की आपूर्ति को सुचारू रखा जाए। किसान संगठनों ने भी प्रशासन से मांग की है कि खाद वितरण की व्यवस्था को और मजबूत किया जाए, ताकि किसानों को बार-बार परेशानी का सामना न करना पड़े।

फिलहाल, कृषि विभाग यह दावा कर रहा है कि हर किसान को उनकी जरूरत के मुताबिक खाद और बीज जल्द से जल्द उपलब्ध कराए जाएंगे। फिर भी, किसानों की चिंता और बढ़ते तनाव को देखते हुए, समय रहते उचित प्रबंधन और वितरण प्रणाली को लागू करना बेहद जरूरी है।

 

 

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