कैथल में हत्या के दोषी को उम्रकैद: मेड काटने को लेकर हुआ था विवाद, 1 लाख रुपए पीड़ित परिवार को देने के आदेश

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में सेशन जज रितु वाईके बहल ने एक महत्वपूर्ण हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए दोषी पर उम्रकैद की सजा सुनाई है। । इस मामले में दोषी सुनील उर्फ झब्बल को ना केवल उम्रकैद की सजा सुनाई गई, बल्कि आरोपित पर 1 लाख 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यदि दोषी यह जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इस जुर्माने की राशि में से 1 लाख रुपये पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे। यह मामला गांव सिरमोर का है, जहां से सुनील संबंध रखता है।

मामला शुरू होने की पृष्ठभूमि

यह मामला उस समय की शुरुआत है, जब 18 जून 2022 को शिकायतकर्ता गोविंद व उसके पिता भीम सिंह अपने खेत में काम कर रहे थे। गोविंद ने थाना तितरम में धारा 148, 149, 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया था। गोविंद के खेत के पास जयपाल, प्रदीप, मंदीप और सुनील, संदीप, निवासी सिसमौर के खेत थे।

विवाद की स्थिति

जब भीम सिंह ने अपने खेत के पास स्थित सांझी मेड को काटने का विरोध किया, तो इस पर जयपाल उसे पकड़ लेता है। इसके बाद, सुनील, संदीप, मंदीप और प्रदीप ने मिलकर भीम सिंह पर कस्सी, गंडासी और डंडों से हमला किया। इस हमले के दौरान, भीम सिंह गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। शोर सुनकर गोविंद और उसके साथी सोनू मौके पर आते हैं, लेकिन तब तक सभी आरोपी वहां से भाग चुके थे।

अस्पताल में मृत्यु

गोविंद और सोनू गंभीर रूप से घायल भीम सिंह को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल कैथल ले जाते हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश, इलाज के दौरान भीम सिंह की मौत हो जाती है। परिजनों के लिए यह एक बहुत बड़ा आघात था, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज की। गोविंद की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।

जांच की प्रक्रिया

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की और सुनील को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, जांच के दौरान अन्य चार आरोपियों जयपाल, प्रदीप, मंदीप और संदीप के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले, और इस कारण उन्हें मुकदमे से बाहर कर दिया गया।

गवाहों की परीक्षा

 

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल 12 गवाहों को प्रस्तुत किया, जिनकी गवाही ने मामले में स्थिति को स्पष्ट करने का प्रयास किया। इस दौरान गवाहों ने बताया कि भीम सिंह पर किस प्रकार से हमला किया गया और कैसे गोविंद और सोनू मौके पर पहुंचे।

न्यायालय की सुनवाई

 

सुनवाई पूरी होने के बाद सेशन जज रितु वाईके बहल ने फैसला सुनाया, जिसमें उन्होंने सुनील उर्फ झब्बल को हत्या का दोषी पाया। उनके द्वारा लिखे गए 37 पन्नों के विस्तृत फैसले में सभी तथ्यों का समावेश था और यह सुनिश्चित किया गया कि न्याय की प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष हो।

सजा का विस्तृत विवरण

सुनवाई के बाद, जज ने सुनील को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा, सोशल जस्टिस का एक महत्वपूर्ण पहलू यह था कि 1 लाख 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। इसमें से 1 लाख रुपये पीड़ित के परिवार को मुआवजे के तौर पर देने का आदेश दिया गया। इस तरह का फैसला न्यायपालिका की ओर से पीड़ित पक्ष के लिए एक साहसिक कदम है, जिससे यह संदेश जाता है कि अपराधियों को कड़ी सजा दी जाएगी और पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी।

अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा

यह मामला न केवल न्यायपालिका की कार्यप्रणाली की उत्कृष्टता का एक उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार की सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जहां एक ओर दोषी को सजा मिली, वहीं दूसरी ओर पीड़ित परिवार को मुआवजे की राशि दी गई, जोकि उनके दर्द को कुछ हद तक कम करने में सहायक होगी।

इस तरह के मामलों में न्याय का होना आवश्यक है, ताकि समाज में विश्वास बना रहे और लोग अपने अधिकारों के लिए खड़े होने से डरें नहीं। न्यायालय के इस फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा, और हर अपराध के पीछे की सच्चाई को सामने लाने का प्रयास किया जाएगा।

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