Kaithal News: पुंडरी की चेयरपर्सन महिंद्रों देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास, भाजपा का दबदबा बरकरार

विधायक सतपाल जांबा के साथ समिति सदस्य।
नरेन्द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले के पुंडरी ब्लॉक समिति में राजनीतिक उठापटक के बीच चेयरपर्सन महिंद्रों देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। इस फैसले ने पंचायत समिति में भाजपा की बढ़ती पकड़ को फिर से प्रमाणित किया है। महिंद्रों देवी के खिलाफ 26 सदस्यों की समिति में से 19 ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया। यह सीट सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित है, और जल्द ही नए चेयरमैन और वाइस चेयरमैन का चुनाव किया जाएगा।
विकास कार्यों में असंतोष बना बड़ा कारण
पुंडरी के विधायक सतपाल जांबा ने बताया कि समिति के सदस्यों में विकास कार्यों की धीमी गति और स्थानीय मुद्दों के समाधान में देरी को लेकर नाराजगी थी। इस असंतोष ने अविश्वास प्रस्ताव का मार्ग प्रशस्त किया। विधायक ने कहा कि समिति के सदस्य आपसी सहमति से नए चेयरमैन और वाइस चेयरमैन का चुनाव करेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि क्षेत्र में विकास कार्यों की कोई कमी नहीं होगी।
कई सदस्य चेयरमैन पद की दौड़ में
नए चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के चयन को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है। बताया जा रहा है कि विधायक सतपाल जांबा का समर्थन जिसके साथ होगा, वही नया चेयरमैन बनेगा। इस पद के लिए लगभग आधा दर्जन सदस्य सक्रिय रूप से प्रयासरत हैं।
2022 में हुआ था चुनाव, तब कांग्रेस का समर्थन था
महिंद्रों देवी को 2022 के पंचायत चुनाव में वार्ड नंबर 8 से चेयरपर्सन चुना गया था। तत्कालीन निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन के समर्थन से वह इस पद पर काबिज हुई थीं। साथ ही वाइस चेयरमैन के पद पर सोनू पाई का चयन हुआ था। लेकिन विधानसभा चुनाव में महिंद्रों देवी के पति अशोक कुमार ने कांग्रेस का समर्थन किया था, जिसके चलते भाजपा समर्थित सदस्यों में नाराजगी थी।
भाजपा का बढ़ता दबदबा
यह पहली बार नहीं है जब भाजपा ने विपक्षी पार्टियों या उनके समर्थित सदस्यों को निशाना बनाया हो। पिछले कुछ महीनों में भाजपा ने एक जिला परिषद और दो पंचायत समिति चेयरपर्सन को हटाने में सफलता पाई है। यह घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि भाजपा अपने संगठनात्मक शक्ति का इस्तेमाल कर क्षेत्रीय राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।
भाजपा ने अन्य चेयरपर्सन को भी हटाया
दीप मलिक की कुर्सी गई
14 अक्टूबर को जेजेपी समर्थित दीप मलिक को जिला परिषद चेयरमैन पद से हटा दिया गया। दीप मलिक ने विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया था, जिससे भाजपा और जेजेपी समर्थकों में असंतोष बढ़ गया। दीप मलिक के खिलाफ सभी 17 पार्षदों ने वोट दिया। इसके बाद भाजपा समर्थित कर्मबीर कौल को जिला परिषद चेयरमैन बनाया गया।
सीवन ब्लॉक की चेयरपर्सन मनजीत कौर को हटाया गया
12 नवंबर को सीवन ब्लॉक समिति की चेयरपर्सन मनजीत कौर को पद से हटा दिया गया। उनके खिलाफ समिति के 16 में से 12 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया। सदस्यों ने आरोप लगाया कि चेयरपर्सन के पति बलजिंद्र सिंह कार्यालय के कार्यों में हस्तक्षेप करते थे, जिससे समिति के अन्य सदस्य नाराज थे।
चीका ब्लॉक की चेयरपर्सन डिंपल रानी हटीं
27 नवंबर को चीका ब्लॉक समिति की चेयरपर्सन डिंपल रानी के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। सभी 19 पार्षदों ने उनके खिलाफ मतदान किया। डिंपल रानी ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि उनके पति के कांग्रेस में शामिल होने के कारण उन्हें निशाना बनाया गया।
भाजपा की रणनीति और विपक्ष की चुनौतियां
भाजपा की यह रणनीति उन चेयरपर्सन को हटाने की रही है, जिन्होंने कांग्रेस या अन्य विपक्षी दलों का समर्थन किया है। इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
आगामी चुनावों के संकेत
महिंद्रों देवी के हटने के बाद नए चेयरपर्सन और वाइस चेयरपर्सन के चयन पर सभी की नजरें हैं। यह चुनाव न केवल स्थानीय राजनीति में भाजपा की पकड़ को मजबूत करेगा बल्कि आने वाले पंचायत चुनावों में भी भाजपा के पक्ष में माहौल बना सकता है।
कैथल के पंचायत और ब्लॉक समिति चुनावों में भाजपा की बढ़ती सक्रियता और मजबूत संगठनात्मक शक्ति के संकेत मिल रहे हैं। इस घटनाक्रम ने स्थानीय राजनीति को एक नया मोड़ दिया है और आने वाले दिनों में इसके प्रभाव दूरगामी हो सकते हैं।