Kaithal News: पूंडरी विधायक सतपाल जांबा ने सोशल मीडिया पत्रकारों पर गंभीर आरोप लगाए, राजनीतिक माहौल गर्म
नरेन्द्र सहारण, पूंडरी। Kaithal News:हरियाणा के पूंडरी हलके से पहली बार भाजपा पार्टी से चुने गए विधायक सतपाल जांबा एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान सोशल मीडिया पत्रकारों पर तीखा हमला करते हुए उन्हें “ब्लैकमेलर” करार दिया है। उनके इस बयान से प्रदेश के सोशल मीडिया पत्रकारों में रोष व्याप्त है, और राजनीतिक हलकों में इस मुद्दे को लेकर तीखी चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
सोशल मीडिया पत्रकारों पर आरोप
विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान सतपाल जांबा ने सोशल मीडिया पत्रकारों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कई पत्रकार, विशेष रूप से सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकार, छोटी-छोटी बातों के लिए पैसे की मांग करते हैं। उनका आरोप था कि अगर पैसे नहीं दिए जाते, तो ये पत्रकार गलत खबरें फैलाने की धमकी देते हैं।
जांबा ने आगे कहा, “मेरे चुनाव के दौरान करीब 200 सोशल मीडिया पत्रकार मुझसे पैसे मांगने आए थे। ये लोग न तो शिक्षित होते हैं और न ही उनका कोई निर्धारित क्राइटेरिया होता है। इनका सिर्फ एक मकसद होता है, पैसा वसूलना।” उन्होंने यह भी कहा कि अब नया साल आने वाला है और वह फिर से मुझसे पैसे मांगने आएंगे, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष से उनकी यह मांग थी कि सोशल मीडिया पत्रकारों के लिए भी कोई ठोस मानक या क्राइटेरिया बनाना चाहिए।
सतपाल जांबा के इस बयान ने सोशल मीडिया पत्रकारों को गहरी नाराजगी में डाल दिया है। पत्रकारों का कहना है कि जांबा के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है और उनके इस प्रकार के बयान पत्रकारिता की स्वतंत्रता को आहत करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे बयान समाज में गलत संदेश भेजते हैं और पत्रकारों के खिलाफ नफरत फैलाते हैं।
पार्टी और नेताओं की प्रतिक्रिया
सतपाल जांबा के इस बयान पर भाजपा पार्टी के अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। कुछ समय पहले, जांबा ने एक महिला सरपंच के बारे में भी विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। इस बार के बयान पर भी भाजपा के नेता कृष्ण बेदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। कृष्ण बेदी ने कहा कि यह विधायक का व्यक्तिगत विचार है और इसका भाजपा पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि विधायक जांबा को अपनी टिप्पणियों पर विचार करना चाहिए, लेकिन पार्टी इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
इस बयान के बाद भाजपा पार्टी के भीतर भी दो अलग-अलग धाराएं बन गई हैं। कुछ नेता जांबा के पक्ष में खड़े हैं, जबकि कुछ उनके बयान की आलोचना कर रहे हैं। यह साफ है कि जांबा के बयान ने न केवल मीडिया और पत्रकारों के बीच बल्कि पार्टी के अंदर भी एक विवाद को जन्म दे दिया है।
पत्रकारों और मीडिया संगठनों की प्रतिक्रिया
विधायक जांबा के बयान के बाद सोशल मीडिया पत्रकारों और मीडिया संगठनों ने उनके खिलाफ विरोध जताया है। हरियाणा राज्य पत्रकार संघ ने एक प्रेस नोट जारी करके जांबा के बयान की कड़ी निंदा की। संघ ने कहा कि विधायक का यह बयान पूरी तरह से निराधार और पत्रकारों की स्वतंत्रता के खिलाफ है। उन्होंने मांग की कि सरकार इस प्रकार के बयान देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, ताकि पत्रकारिता की स्वतंत्रता की रक्षा की जा सके।
सोशल मीडिया पत्रकारों का कहना है कि वे बिना किसी दबाव के अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं और इस तरह के आरोपों से उनका मनोबल टूटता है। पत्रकारों ने यह भी कहा कि हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था है, लेकिन सिर्फ सोशल मीडिया पत्रकारों को निशाना बनाना गलत है। वे यह भी मानते हैं कि इस प्रकार के बयान उनकी छवि को खराब करने के उद्देश्य से दिए जाते हैं, ताकि वे अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट सकें।
जांबा के बयान से जुड़े अन्य विवाद
यह पहली बार नहीं है जब विधायक सतपाल जांबा चर्चा में आए हैं। कुछ दिन पहले, जांबा ने एक महिला सरपंच के बारे में विवादास्पद बयान दिया था, जिसके कारण उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी थी। उनके इस बयान ने राजनीति में काफी हलचल मचाई थी। अब एक बार फिर उनका यह बयान चर्चा का विषय बन गया है, और इसे लेकर विभिन्न पक्षों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
सार्वजनिक बयानबाजी और राजनीतिक वातावरण
सतपाल जांबा के बयान ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या राजनीति में इस प्रकार के विवादों और आरोपों का स्तर बढ़ता जा रहा है। विधायक के बयान ने यह भी जाहिर किया है कि सोशल मीडिया और पत्रकारिता के क्षेत्र में गंभीर असहमति और विवाद बढ़ सकते हैं।
यह कहना मुश्किल है कि आने वाले दिनों में यह विवाद किस दिशा में जाएगा, लेकिन फिलहाल इसने हरियाणा के राजनीतिक माहौल को गरम कर दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार इस मुद्दे पर कोई कदम उठाती है या यह मामला राजनीति के मैदान में इसी तरह गरमाता रहेगा।
विधायक सतपाल जांबा के बयान ने न केवल सोशल मीडिया पत्रकारों को निशाना बनाया है, बल्कि प्रदेश के राजनीतिक माहौल में भी हलचल पैदा कर दी है। पत्रकारों के लिए यह एक बड़ा सवाल बन गया है कि क्या उनके खिलाफ इस तरह के आरोपों को लेकर कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे, या फिर इसे राजनीतिक बयानबाजी मानकर दरकिनार कर दिया जाएगा।
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