Kaithal News: कलायत में सुदकैन नहर टूटी, सैकड़ों एकड़ फसल पूरी तरह से जलमग्न

नरेन्द्र सहारण, कलायत (कैथल)। Kaithal News: कलायत क्षेत्र में मंगलवार को बालू-सारन गांव के मार्ग के पास सुदकैन नहर का हिस्सा टूटने से आसपास का सैंकड़ों एकड़ कृषि रकबा पानी से पूरी तरह जलमग्न हो गया। इससे बालू,कैलरम, सारन और करीब दो से तीन अन्य गांवों में खेती कर रहे अन्य क्षेत्रों के किसानों की फसलों के साथ-साथ पशु चारा पानी में डूब गया। दोपहर करीब अढ़ाई बजे सिंचाई योजना का बड़ा हिस्सा रेत की तरह पानी के बहाव में बह गया। आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई 2023 में घग्गर नदी के ओवरफ्लो होने की वजह से कैथल जिले के रसूलपुर गांव के पास सरस्वती ड्रेन का तटबंध टूट गया था। सरस्वती नदी का तटबंध टूटने से बारिश का पानी गांव माजरा, क्कयोर, ककराला, हिम्मतपुरा, रसूलपुर, डेरा बाजीगर समेत अन्य गांवों में घुस गया था और सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई थी।
नहर का पानी घरों में घुसा
बताया जा रहा है कि चलती नहर में बरसाती मोगा (पाइप लगाकर सिंचाई) लगाते हुए यह कटाव हुआ। हालांकि कटाव को रोकने के प्रयास हुए,लेकिन स्थिति अनियंत्रित हो गई। नहर का पानी तेज गति से गांवों और खेतों में घुस गया। बताया जा रहा है कि करीब दो हजार एकड़ से भी ज्यादा जमीन पानी से भर हो गई है। अगर समय रहते नहर को ठीक नहीं किया गया तो हजारों एकड़ खेतों में पानी चला जाएगा। पीछे से पानी को बंद करने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। अगर पानी नहीं रोका गया तो नहर का पानी गांव में भी घुस जाएगा, जिससे किसानों के साथ-साथ आम ग्रामीणों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
सिंचाई विभाग की टीम लगी
सूचना मिलते ही तुरंत कलायत उप मंडल सिंचाई विभाग एसडीओ सुमित कुमार, एसडीआर खुशी राम और तकनीकी टीम मौका स्थल पर पहुंची। आपदा के विकराल रूप को देखते हुए मनरेगा मजदूरों, किसानों, सिंचाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों और आम लोग बचाव कार्य में लग गए। मौके पर बालू के बोरे लगाए जा रहे हैं। पानी को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
पीछे से पानी का बहाव रोकने का प्रयास
मौके पर हालात नाजुक देख सिंचाई योजना में पीछे से पानी के बहाव को रोका गया लेकिन पानी के बहाव को तत्काल रोक पाना संभव नहीं था। इसलिए जेसीबी, ट्रैक्टर-ट्राली, मिट्टी बैग,लकड़ी की बल्लियों व अन्य संसाधनों से कटाव को पाटने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया गया। एसडीओ सुमित कुमार ने बताया कि सुदकैन नहर दशकों पुरानी है। यह नहर कैथल के काकौत से निकलकर जींद के उचाना क्षेत्र की तरफ जाती है। सिंचाई योजना के मजबूतीकरण के लिए इससे पक्का करने का कार्य जारी है। इसी बीच किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए सिंचाई योजना में छोड़े गए पानी के दौरान कटाव होने से इसका बड़ा हिस्सा टूट गया। विभाग द्वारा कटाव को बंद करने के लिए प्रभावी ढंग से कार्य शुरू किया गया है। इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य जारी है। किसानों की फसलों को नुकसान से बचाने के लिए हर संभव प्रयास रहेंगे।
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