Kaithal News: जिस को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम छह माह से ढूंढ रही, वह सीएम से मुलाकात करते दिखा

सीएम नायब सैनी से मुलाकात करता भ्रष्टाचार के मामले में फरार आरोपी प्रवीन सरदाना।

नरेन्द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिला परिषद में करोड़ों रुपये के सफाई घोटाले के आरोपी प्रवीण सरदाना को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। प्रवीण सरदाना, जो इस घोटाले में विजिलेंस की एफआईआर में नामित हैं, हाल ही में पंचकूला में मुख्यमंत्री नायब सैनी के सम्मान समारोह में उन्हें सम्मानित करते नजर आए। इस घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं, जिससे एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

प्रवीण सरदाना के खिलाफ एसीबी छह महीने से गिरफ्तारी वारंट लेकर उसे ढूंढने का दावा कर रही है, लेकिन वह अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इसके बावजूद, उसे मुख्यमंत्री के साथ सार्वजनिक मंच पर देखकर न केवल प्रशासन पर सवाल उठे हैं, बल्कि सरकार और भाजपा की छवि पर भी धब्बा लगा है। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि जिस व्यक्ति पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है, वह खुलेआम सरकारी आयोजनों में शामिल हो रहा है, और उसे किसी प्रकार का भय या दबाव महसूस नहीं हो रहा।

सफाई घोटाला: पूरा मामला

कैथल जिला परिषद में सफाई के नाम पर किए गए करोड़ों रुपये के घोटाले की शुरुआत कोरोना महामारी के दौरान हुई थी। उस समय 10 ठेकेदारों ने अधिकारियों के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिना कोई वास्तविक सफाई कार्य किए, सरकारी धन का गबन कर लिया। इस घोटाले की कुल राशि करोड़ों में थी, जो सीधे ठेकेदारों और अधिकारियों के बैंक खातों में जमा की गई थी। इस मामले की जांच तीन साल तक चली, जिसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने मई 2024 में कुल 15 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इनमें से सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि प्रवीण सरदाना सहित आठ आरोपी अब भी फरार हैं।

प्रवीण सरदाना, जो ‘भारत प्रोजेक्ट’ नामक फर्म का प्रोपराइटर है, इस घोटाले के प्रमुख नामों में से एक है। विजिलेंस की एफआईआर में उसका नाम आठवें स्थान पर दर्ज है और उसके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। विजिलेंस टीम ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार उसके घर पर छापे मारे, लेकिन उसे पकड़ने में असफल रही है। इसके बावजूद, वह सार्वजनिक रूप से भाजपा के कार्यक्रमों में दिख रहा है, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है?

कांग्रेस का हमला

इस घटना पर कांग्रेस नेता और कैथल के विधायक आदित्य सुरजेवाला ने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री पर तीखा हमला किया है। सुरजेवाला ने अपने बयान में कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक और हैरान करने वाली बात है कि कैथल जिला परिषद में सफाई घोटाले के मुख्य आरोपी प्रवीण सरदाना, जिसे एसीबी भगोड़ा घोषित कर चुकी है, वह बिना किसी डर के मुख्यमंत्री के मंच पर न केवल मौजूद है, बल्कि उन्हें सम्मानित भी कर रहा है।

सुरजेवाला ने यह भी आरोप लगाया कि यह मामला केवल प्रशासनिक विफलता का नहीं, बल्कि राजनीतिक संरक्षण का है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार घोटालों के आरोपियों को संरक्षण दे रही है, और मुख्यमंत्री सैनी का इस कार्यक्रम में मौजूद रहना और आरोपी से सम्मान प्राप्त करना इस बात का प्रमाण है कि घोटालेबाजों को सरकार का सीधा समर्थन प्राप्त है। सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर तीखा वार करते हुए कहा कि जिस सरकार के मुखिया खुद भ्रष्टाचारियों से घिरे हों, वह प्रदेश में कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ कैसे लड़ाई लड़ सकती है?

एसीबी की कार्यशैली पर सवाल

प्रवीण सरदाना के सरेआम मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा करने से एसीबी की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठने लगे हैं। एसीबी ने छह महीने पहले सफाई घोटाले के सभी आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किए थे और दावा किया था कि वे जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे। लेकिन इतने लंबे समय के बाद भी मुख्य आरोपी प्रवीण सरदाना को गिरफ्तार नहीं किया जा सका, जबकि वह खुलेआम राजनीतिक आयोजनों में भाग ले रहा है।

यह घटना न केवल एसीबी की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भ्रष्टाचार के आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हो सकता है। एसीबी ने अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन प्रवीण सरदाना सहित आठ अन्य आरोपी अब भी फरार हैं। विजिलेंस टीम ने इन्हें भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई शुरू की है, लेकिन यह कार्रवाई अब तक प्रभावी साबित नहीं हो सकी है।

घोटाले की गंभीरता

कैथल जिला परिषद का यह सफाई घोटाला, जिसमें करोड़ों रुपये का हेरफेर हुआ, हरियाणा की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र में भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर करता है। कोरोना महामारी के दौरान जब देश भर में जनसाधारण और सरकारी एजेंसियां स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा में लगी हुई थीं, उस समय कैथल के कुछ अधिकारी और ठेकेदारों ने सफाई के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया। यह घोटाला ग्रामीण क्षेत्रों में बिना किसी काम के सरकारी धन की बंदरबांट का एक उदाहरण है।

घोटाले की जांच में पाया गया कि ठेकेदारों ने अधिकारियों के साथ मिलकर सफाई कार्यों के फर्जी बिल बनाए और सरकारी खजाने से धन को अपने निजी खातों में स्थानांतरित कर लिया। इस घोटाले के प्रमुख आरोपी, जिनमें एसडीओ, जेई और अकाउंटेंट भी शामिल हैं, पहले ही जेल में बंद हैं। लेकिन घोटाले में प्रमुख भूमिका निभाने वाले प्रवीण सरदाना जैसे ठेकेदार अब भी फरार हैं, जो एसीबी की कार्यशैली और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हैं।

कैथल जिला परिषद के सफाई घोटाले में आरोपी प्रवीण सरदाना का मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा करना और सार्वजनिक रूप से उन्हें सम्मानित करना भ्रष्टाचार और राजनीतिक संरक्षण के आरोपों को और मजबूती देता है। इस घटना ने एसीबी की कार्यशैली और सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता और विपक्ष अब सरकार से यह जानने की मांग कर रहे हैं कि घोटाले के आरोपी को कैसे और क्यों खुला छोड़ा गया है।

 

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