कैथल में SI के बेटे का चालान काटने पर बवाल, SHO को बोला अधिकारी- हिम्मत है तो करके दिखा

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) के सब-इंस्पेक्टर (SI) गुरदयाल के बेटे का चालान कटने पर विवाद खड़ा हो गया। ट्रैफिक पुलिस और SI के बीच इस मामले में तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला।

काले शीशों वाली गाड़ी पर हुआ मामला

घटना गुरुवार की है, जब ट्रैफिक पुलिस के SHO राजकुमार राणा ने चेकिंग के दौरान SI गुरदयाल के बेटे की स्कॉर्पियो गाड़ी को रोका। गाड़ी के शीशों पर लगी काली फिल्म नियमों का उल्लंघन कर रही थी। SHO ने काली फिल्म को लेकर चालान काटने की प्रक्रिया शुरू की, तो SI के बेटे ने तुरंत अपने पिता को फोन कर मौके पर बुला लिया।

SI गुरदयाल, जोकि कैथल जिले में ही तैनात हैं] मौके पर पहुंचे और SHO को धमकी दी। उन्होंने कहा, “अगर हिम्मत है तो चालान काट कर दिखाओ।” इसके बाद वे वहां से चले गए।

SHO ने नहीं मानी धमकी, काटा 17 हजार का चालान

SHO राजकुमार राणा ने SI की धमकी के बावजूद अपनी कार्रवाई जारी रखी। उन्होंने गाड़ी के काले शीशों और ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने पर SI के बेटे का ₹17,000 का चालान काट दिया। SHO का कहना है कि कानून सबके लिए समान है, चाहे वह आम नागरिक हो या पुलिसकर्मी का परिवार। राजकुमार राणा ने मीडिया को बताया, “हमारा काम नियमों का पालन सुनिश्चित करना है। किसी भी प्रकार का दबाव हमारी ड्यूटी को प्रभावित नहीं कर सकता।”

SI का बेटा बोला- “चालान गलत काटा गया”

दूसरी ओर, SI गुरदयाल के बेटे अमित ने आरोप लगाया कि ट्रैफिक पुलिस ने उनका नाजायज चालान काटा है। उन्होंने कहा कि उनकी गाड़ी के शीशों पर सिर्फ 30% फिल्म लगी थी, जो कि उनके अनुसार नियमों के भीतर है। अमित ने यह भी दावा किया कि उन्होंने किसी ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन नहीं किया।

अमित ने अपनी सफाई में कहा, “मैं खाकी का सम्मान करता हूं, लेकिन मेरे साथ ज्यादती की गई। मेरे पिता ने किसी भी तरह की धमकी नहीं दी।”

SP का बयान: नियम सबके लिए समान

कैथल के पुलिस अधीक्षक (SP) राजेश कालिया ने मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “ट्रैफिक नियमों का पालन सभी के लिए अनिवार्य है। यदि कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में अगर ट्रैफिक प्रभारी या SI की किसी भी प्रकार की शिकायत मिलती है, तो नियमानुसार जांच की जाएगी।”

SP कालिया ने यह भी स्पष्ट किया कि कानून की नजर में सब समान हैं और किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा।

गाड़ियों पर काली फिल्म क्यों है प्रतिबंधित?

गाड़ियों के शीशों पर काली फिल्म लगाना भारत में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन माना जाता है। इसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना और अपराधों को रोकना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, गाड़ी के शीशों पर पारदर्शिता बनाए रखना अनिवार्य है, ताकि पुलिस और अन्य एजेंसियां गाड़ी के अंदर की गतिविधियों पर नजर रख सकें।

ट्रैफिक पुलिस की सख्ती

कैथल में ट्रैफिक पुलिस द्वारा नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। इस घटना ने यह संदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद या पृष्ठभूमि से संबंधित हो, ट्रैफिक नियमों से ऊपर नहीं है। SHO राजकुमार राणा का यह कदम उनकी कर्तव्यनिष्ठा और कानून के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद आम जनता के बीच इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि ट्रैफिक नियमों का पालन सभी को समान रूप से करना चाहिए। सोशल मीडिया पर भी SHO के इस फैसले की सराहना की जा रही है। वहीं, कुछ लोग SI और उनके बेटे के पक्ष में भी खड़े नजर आए, जो इस मामले में पुलिस की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण मानते हैं।

ट्रैफिक नियमों का पालन आवश्यक

 

यह घटना एक महत्वपूर्ण उदाहरण है जो दिखाती है कि कानून के प्रति सम्मान और उसकी पालना हर नागरिक का कर्तव्य है। ट्रैफिक नियमों का पालन न केवल एक कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि यह सड़क पर सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है।

 

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