Kaithal News: किसानों को महापंचायत में जाने से रोकने के लिए कैथल-पटियाला स्टेट हाईवे को 20 घंटे रखा बंद

नरेन्द सहारण, कैथल/गुहला-चीका। Kaithal News: जींद जिले के उचाना में आयोजित किसान महापंचायत में पंजाब से आने वाले किसानों की पहुंचने से रोकने के लिए प्रशासन ने कैथल-पटियाला स्टेट हाईवे पर स्थित गांव टटियाना के घग्गर नदी के पुल पर शनिवार शाम लगभग छह बजे बड़े अवरोधक लगा दिए। इससे इस मार्ग पर पूरी तरह से आवाजाही ठप हो गई, जिसके परिणामस्वरूप वाहन चालकों और राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कैथल व पटियाला दोनों ही तरफ से आने-जाने वाले वाहन चालकों व राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रास्ते बंद होने के कारण कई वाहन चालक वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचे।

लगभग 20 घंटे तक मार्ग रहा बंद

 

रविवार दोपहर करीब 2:30 बजे अवरोधक हटा दिए गए, लेकिन लगभग 20 घंटे तक मार्ग के बंद रहने से किसान यूनियन के नेताओं और स्थानीय लोगों में असंतोष फैल गया। भारतीय किसान यूनियन के जिला आईटी सेल प्रभारी जरनैल सिंह जैली, जिला उपप्रधान केवल सदरेहड़ी, किंद्र ठेकेदार और भाकियू शहीद भगत सिंह के जिला प्रवक्ता एडवोकेट दलबीर नैन ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने पंजाब से हरियाणा में आने वाले सभी मार्गों पर अवरोधक लगाकर किसानों की शांतिपूर्वक महापंचायत को बाधित किया। उन्होंने कहा कि इन अवरोधकों से आम जनता को 24 घंटे से अधिक समय तक समस्याओं का सामना करना पड़ा। वहीं, दूसरी तरफ किसान संगठनों से इसे सरकार की तानाशाही बताया है।

यह सरकार की तानाशाही है

 

भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार इस महापंचायत से इतना डरी हुई थी कि उसने पंजाब की तरफ से हरियाणा में आने वाले सभी छोटे-बड़े मार्गों पर अवरोधक लगा उन्हें बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा की इस तानाशाही का बदला प्रदेश की जनता विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता से बेदखल करके लेगी।

बिना बताए रास्ते बंद किया

 

चीका से सतपाल, रोहन, हरजिंद्र, गज्जन सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के रास्तों को बंद कर दिया। उन्हें पटियाला जाना था, लेकिन घग्गर नदी पर रास्ता बंद मिला, जहां से बाइक भी नहीं निकाली जा सकती। रास्ता बंद करने से पहले सूचित किया जाना चाहिए था, जिससे स्थानीय निवासी घर से निकलने से पहले सचेत रहें या रास्ता खुलने के बाद ही जाएं। यह भी नहीं बताया कि रास्ते को क्यों बंद किया जा रहा है। पटियाला से आई सतविंद्र कौर ने बताया कि उसे अपने मायके चीका आना था।

रास्ता बंद होने से गाड़ी चालक ने घग्गर नदी पुल से पहले ही उतार दी। तीन साल के बच्चे को गोद में उठाकर बैरिकेडिंग पार की। इसके बाद चीका के लिए ऑटो लेना पड़ा। बता दें कि किसान आंदोलन के समय फरवरी माह में भी पंजाब की तरफ आने-जाने वाले मुख्य रास्तों को प्रशासन ने सीमेंट के बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। दो महीने से ज्यादा समय तक मुख्य रास्ते पूरी तरह बंद रहे थे, जिस कारण राहगीरों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ी थी।

कानून व्यवस्था के लिए बैरिकेडिंग

डीएसपी गुहला कुलदीप बैनीवाल ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बैरिकेडिंग की गई थी। अब रास्ते खोल दिए हैं। राहगीरों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही।

टटियाना बॉर्डर को बंद किया गया

थाना प्रभारी चीका सुरेश सैनी ने इस स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जींद के उचाना में किसान महापंचायत के मद्देनजर उच्च अधिकारियों के निर्देशों पर टटियाना बॉर्डर को बंद किया गया था, ताकि चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखी जा सके।

 

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