कैथल में सड़क निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल पर दो जूनियर इंजीनियर सस्पेंड, सरकार को लाखों का नुकसान

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: कैथल जिले में सड़क निर्माण में गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन करने पर लोक निर्माण विभाग (PWD) ने दो जूनियर इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई गांव कुतुबपुर से धुंधरेहड़ी तक बनी लगभग 12 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल की वजह से की गई। इस सड़क का निर्माण एक सप्ताह पहले ही हुआ था, लेकिन इसे बनवाने के कुछ ही दिनों में सड़क पर दरारें और टूट-फूट शुरू हो गई। यह मामला जब ग्रामीणों के ध्यान में आया, तो उन्होंने सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाए और सरकार को इसकी शिकायत भेजी।

सैंपल फेल होने के बाद हुई कार्रवाई

 

क्वालिटी कंट्रोल विभाग के अधिकारियों ने सड़क की सामग्री के सैंपल लेकर तकनीकी जांच के लिए लैब में भेजे। जब इन सैंपलों की जांच की गई, तो यह पूरी तरह से फेल हो गए। जांच में यह खुलासा हुआ कि सड़क निर्माण में प्रयुक्त सामग्री घटिया और मानकों के अनुरूप नहीं थी। इस रिपोर्ट के बाद, लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो जूनियर इंजीनियरों – जेई दिनेश कुमार और जेई रामनिवास – को निलंबित कर दिया।

सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग

 

ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क की निर्माण सामग्री में भारी अनियमितताएं थीं, जिसके कारण सड़क एक हफ्ते के भीतर ही खराब हो गई। यह सड़क उन ग्रामीण इलाकों के लिए बनाई गई थी, जहां अच्छी सड़कों की बेहद जरूरत थी, लेकिन घटिया निर्माण सामग्री और मानकों की अनदेखी के कारण यह परियोजना विफल हो गई। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में निर्माण सामग्री और प्रक्रिया में कई बार अनियमितताएं हुई हैं, जिससे न केवल गुणवत्ता प्रभावित हुई, बल्कि सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।

भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप

 

स्थानीय निवासियों और नेताओं का कहना है कि यह मामला केवल घटिया निर्माण सामग्री तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें भ्रष्टाचार और लापरवाही का भी खुलासा हुआ है। सरकार को इस मामले की पूरी जांच करवानी चाहिए, ताकि जिम्मेदार ठेकेदारों और अधिकारियों को उचित सजा मिल सके। यह भी आरोप है कि सड़क निर्माण में लगे ठेकेदारों और अधिकारियों ने जानबूझकर मानकों का उल्लंघन किया और घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया, जिससे सड़क की स्थिति बिगड़ी।

सरकार पर हुआ लाखों रुपये का खर्च

इस सड़क को बनाने में करोड़ों रुपये खर्च हुए थे, लेकिन अब यह सड़क ठीक से इस्तेमाल लायक भी नहीं रह गई है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को इस पर लाखों रुपये खर्च करने के बाद सिर्फ एक अस्थायी समाधान मिला है। एक सप्ताह के भीतर सड़क का टूटना और खराब होना, यह दर्शाता है कि निर्माण कार्य में भारी लापरवाही की गई थी। अब सरकार को अतिरिक्त खर्च के साथ सड़क की मरम्मत या पुनर्निर्माण की दिशा में कदम उठाना होगा, जो और अधिक सार्वजनिक धन की बर्बादी है।

नवीनतम कार्यवाही और आगे की योजना

 

लोक निर्माण विभाग के अधीक्षक अभियंता जगबीर सिंह ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण सामग्री के सैंपल फेल होने के बाद विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों जूनियर इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग के उच्च अधिकारी अब मामले की गहन जांच कर रहे हैं और दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ उचित विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस जांच के दौरान अन्य संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की संभावना है।

अधीक्षक अभियंता ने यह भी बताया कि अब सड़क की मरम्मत या निर्माण का कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा ताकि जनता को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि भविष्य में निर्माण कार्यों में मानकों का पूरी तरह पालन किया जाएगा और इस तरह की अनियमितताएं फिर से नहीं होंगी।

ग्रामीणों की मांग: सुधार और जवाबदेही

 

ग्रामीणों ने मांग की है कि इस सड़क के साथ-साथ सभी सड़क निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की जांच का सख्ती से पालन किया जाए। उनका कहना है कि सरकार को सार्वजनिक धन का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए और निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की अनियमितता को सख्ती से रोकना चाहिए। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि उन्हें इस पूरे मामले में जवाबदेही की उम्मीद है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की गलतफहमी और अनियमितताओं को रोका जा सके।

इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि सड़क निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और मानकों का पालन न केवल जरूरी है, बल्कि यह जनता के विश्वास को भी बनाए रखता है। यदि सरकार ऐसे मामलों में शीघ्र कार्रवाई करती है, तो यह भविष्य में अन्य निर्माण कार्यों के लिए एक उदाहरण बनेगा और जनता के हित में होगा।

आगे का रास्ता: कड़ी निगरानी और जवाबदेही

 

सड़क निर्माण में मानकों का उल्लंघन एक गंभीर समस्या है, जो न केवल सरकारी धन के अपव्यय का कारण बनती है, बल्कि जनता के लिए भी बड़ी परेशानी का कारण बनती है। ऐसे मामलों में केवल विभागीय कार्रवाई ही नहीं, बल्कि कड़ी निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करना भी जरूरी है। लोक निर्माण विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी परियोजनाओं में गुणवत्ता के मानकों का पालन किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं और लापरवाही न हो। इस घोटाले की जांच से यह भी स्पष्ट होता है कि जब तक निर्माण कार्यों पर कड़ी निगरानी और पारदर्शिता नहीं होगी, तब तक भ्रष्टाचार और लापरवाही के ऐसे मामले सामने आते रहेंगे।

 

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