Kaital News: ट्रेन की चपेट में आने से हुए हादसों में दो लोगों की मौत

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल : Kaital News: रेलवे ट्रैक पर हुए दो अलग-अलग हादसों में दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इन घटनाओं ने सुरक्षा और सावधानी बरतने की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दोनों हादसे सोमवार को हुए और इनमें जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिजनों को भारी सदमा पहुंचा है। रेलवे पुलिस ने दोनों मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।

पहला हादसा: शराब और मानसिक तनाव बना कारण

 

पहला हादसा सोमवार शाम करीब पांच बजे करनाल रोड फाटक के पास हुआ। इसमें 45 वर्षीय व्यक्ति जो शहर की एक कॉलोनी का निवासी था, मालगाड़ी की चपेट में आ गया। घटना के दौरान उसकी दोनों टांगें कट गईं। गंभीर हालत में उसे स्थानीय नागरिक अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया गया। हालांकि, अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में उसकी मौत हो गई।

परिवार के अनुसार, मृतक शराब पीने का आदी था और पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में था। बताया गया कि कुछ दिन पहले उसकी बेटी ने दूसरी जाति के लड़के से शादी कर ली थी। इस बात से वह बेहद परेशान था और इसी कारण उसने शराब पीकर रेलवे ट्रैक पर जाने का कदम उठाया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

ईयरफोन बनी मौत का कारण

 

दूसरी घटना भी सोमवार शाम को करीब सात बजे सोलूमाजरा के पास हुई। इस हादसे में 22 वर्षीय युवक साहिल, जो फरल का निवासी था, कुरुक्षेत्र से कैथल की ओर आ रही सवारी ट्रेन की चपेट में आ गया। हादसे के समय साहिल रेलवे ट्रैक पर चल रहा था और ईयरफोन लगाकर गाने सुन रहा था।

बताया जा रहा है कि साहिल मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था और ट्रेन के पास आने का उसे आभास ही नहीं हुआ। ट्रेन से टकराने के बाद उसकी टांग बुरी तरह कट गई। उसे तुरंत उसके परिजन चंडीगढ़ पीजीआई ले गए, लेकिन वहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

सुरक्षा और जागरूकता की कमी

 

इन दोनों घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि रेलवे ट्रैक पर लापरवाही से चलने या काम करने से जान का बड़ा खतरा हो सकता है। पहले मामले में शराब के नशे और मानसिक तनाव ने व्यक्ति को असावधान कर दिया, वहीं दूसरे मामले में ईयरफोन का इस्तेमाल और मोबाइल फोन पर ध्यान देना साहिल की मौत का कारण बना।

रेलवे ट्रैक पर हादसे नई बात नहीं हैं, लेकिन इनसे बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। खासकर युवाओं को ईयरफोन का इस्तेमाल करते हुए रेलवे ट्रैक के पास जाने से बचना चाहिए। रेलवे प्रशासन और स्थानीय प्राधिकरणों को भी जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है ताकि लोग इस तरह की लापरवाहियों से बच सकें।

परिजनों का दर्द

 

दोनों मृतकों के परिजन गहरे सदमे में हैं। पहले मामले में मृतक की बेटी ने हाल ही में अपनी पसंद के लड़के से शादी की थी, जिससे परिवार में तनाव बना हुआ था। इस घटना ने पूरे परिवार को शोक में डुबो दिया है। वहीं, साहिल के परिवार ने बताया कि वह एक होनहार और जिंदादिल युवक था, जिसकी मौत ने उनके जीवन को झकझोर कर रख दिया है।

सतर्क रहने की आवश्यकता

 

रेलवे ट्रैक पर होने वाले हादसे केवल व्यक्तिगत लापरवाही ही नहीं, बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर जागरूकता की कमी का नतीजा हैं। इन घटनाओं से सबक लेते हुए लोगों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। रेलवे प्रशासन को भी सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों को ट्रैक के पास जाने से रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। केवल सावधानी और सतर्कता ही ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोकने का उपाय हो सकती हैं।

 

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