Kaithal News: अमेरिका में हुई थी कैथल के दो युवकों की डूबने से हुई मौत, पूंडरी में हुआ अंतिम संस्कार

नरेन्द्र सहारण, पूंडरी। Kaithal News: हरियाणा के कैथल के मोहना और पूंडरी गांव के दोनों युवकों की अमेरिका में करीब 23 दिन पहले डूबने से मौत हो गई थी। उनके शव मंगलवार को उनके गांव पहुंचे, जहां गमगीन माहौल में दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। 24 दिन बाद दोनों के शवों को अपने वतन की मिट्टी नसीब हुई।

अमेरिका की झील में नहाते हुए हुई मौत

गौरतलब है कि 24 दिन पहले अमेरिका की झील में नहाते हुए गांव मोहना के युवक सचिन (22 वर्ष) व परगट सिंह (34 वर्ष) डूब गए थे। इनमें सचिन ने मौके पर दम तोड़ दिया था, जबकि परगट सिंह की मौत इलाज के दौरान हो गई। दोनों युवक अपने अन्य दोस्तों के साथ वहां की झील में नहाने गए थे और नहाते हुए वे डूब गए।

मोबाइल से वीडियो भी बना रहे थे

 

सचिन कुमार (22 वर्ष) पुत्र तेजवीर उर्फ रामू करीब एक साल पहले अमेरिका गया था। वहीं परगट सिंह पिछले नौ सालों से अमेरिका में ही रह रहा था। दोनों अपने दोस्तों के साथ नहाने के लिए वहां की झील में गए थे। सभी दोस्त नहाने से पहले अपने मोबाइल से वीडियो भी बना रहे थे। इसी बीच दोनों झील में डूब गए थे। पिछले कई दिनों से परिजन दोनों के शवों को भारत लाने के लिए प्रयासरत थे। मंगलवार सुबह दोनों के शव गांव में पहुंचे। गांव में दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

इस मौके पर गांव के सभी घरों से लोग वहां पहुंचे हुए थे और सभी ने नम आंखों दोनों दिवंगत आत्माओं को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। परिजनों का कहना था कि उन्होंने कई सपने सजाकर अपने बेटों को बाहर भेजा था, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वे इस तरह अपने वतन वापस आएंगे।

करनाल के दो युवकों की भी डूबने से हुई थी मौत

 

बताया जा रहा है कि कैथल के मोहना और पूंडरी गांव के दो युवक 20 जून को झील में डूब गए थे। वहां एक झील में नहाने के लिए गए थे। एक सप्ताह में झील में नहाने के दौरान हरियाणा के चार बच्चों की डूबने के चलते मौत हो गई है। इससे पहले झील में नहाते वक्त डूबने से करनाल के दो युवकों की मौत हो गई थी। करनाल के चुरनी गांव के इक्कम सिंह (17 वर्ष) और गोविंदगढ़ के मेहताब सिंह (21 वर्ष) कैलिफोर्निया की सैन फ्रांसिस्को झील के पास चले गए। नहाते वक्त झील में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई। मेहताब के पिता गुलाब सिंह ने बताया कि 1 साल पहले डंकी रूट से वो अमेरिका गया था, जिसको भेजने के लिए उन्होंने 35 लाख रुपये खर्च किए थे। उनका परिवार खेती बाड़ी का काम करता है। वहीं इक्कम सिंह करीब 14 महीने पहले अमेरिका गया था.

परिजनों ने की शव को भारत लाने की मांग

 

इक्कम सिंह के पिता रुपिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे को बाहर भेजने के लिए आधी जमीन बेची थी, ताकि वो बाहर जाकर पैसा कमा सके और परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक हो सके, लेकिन उनको नहीं पता था कि वो बेटे को फिर कभी नहीं देख पाएंगे। इस हादसे से दोनों परिवार के सदस्यों में मातम छाया हुआ है. दोनों ही परिवार के सदस्य सरकार से अपील कर रहे हैं कि वो उनके बेटे के शव को भारत लाए।

 

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