Kaithal News: साइबर क्राइम के प्रति युवा रहें सतर्क , कैथल पुलिस ने महिला सरकारी कॉलेज कलायत की छात्राओं को किया जागरूक

नरेन्द्र सहारण, कैथल। प्रत्येक महीने के पहले बुधवार को पुलिस महानिदेशक हरियाणा के आदेशानुसार राहगीरी प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में एसपी उपासना के मार्गदर्शन में साइबर थाना पुलिस टीम ने कलायत के महिला सरकारी कॉलेज में राहगीरी साइबर क्राइम जागरुकता अभियान के तहत छात्राओं को साइबर क्राइम के बारे जागरूक किया। इस दौरान साइबर थाना पुलिस के पीएसआई शुभ्रांशु, एएसआई सुरेंद्र सिंह, एएसआई नरेश कुमार, एचसी कृष्ण की टीम ने बताया कि छात्र वर्ग हरियाणा पुलिस के सोशल मीडिया पर आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर कैथल पुलिस एवं ट्विटर पर साइबर दोस्त को लाइक कर पुलिस से संबंधित सभी जानकारियों से अपडेट रह सकते हैं।

रोज ए तरीके अपनाकर फ्रॉड कर रहे हैं साइबर अपराधी

 

सेमिनार में मौजूद छात्राओं व स्टाफ को जानकारी देते हुए टीम ने बताया कि आधुनिकता के युग में आज हर क्षेत्र का डिजिटलीकरण हो गया है, जिसके कारण आम नागरिकों को जहां इस कारण बहुत लाभ हुआ है वही अपराधी किस्म के लोग इसमें सेंध लगाकर साइबर क्राइम कर आम आदमी के साथ रोज नित नए तरीके अपनाकर फ्रॉड कर रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए हम सबको मिलकर साझे प्रयास करने होंगे। छात्र वर्ग इसे रोकने में अहम कड़ का कार्य कर सकते हैं। छात्रों को चाहिए कि वो साइबर क्राइम के प्रति सचेत रहें। उन्होंने आमजन से भी अपील की कि वे किसी भी प्रकार से प्राप्त हुए लिंक को ना खोले और किसी भी फोन कॉल, संदेश, ईमेल इत्यादि पर दिए गए प्रलोभन या विश्वास में आकर अपनी कोई भी निजी जानकारी किसी के साथ साझा ना करे।

आप ऑनलाइन किसी को भी कोई जानकारी ना दें

 

त्योहारी सीजन के चलते ऑनलाइन खरीदारी करते समय विशेष तौर पर सावधानी बरते व सतर्क रहकर एडवांस पे ना करें। उन्होंने कहा कि आपकी सहायता करने के लिए आपको यदि कोई बैंक, बिजली निगम, टेलीफोन एक्सचेंज, आयकर या किसी भी विभाग का कर्मचारी बताकर आपसे कोई जानकारी मांगता है तो आप उसे अपनी कोई भी जानकारी ना दें। उन्होंने बताया कि साइबर ठगों के निशाने पर हर वह आदमी है, जो किसी भी डिजिटल माध्यम से जुड़ा है। फिर चाहे वह इंटरनेट मीडिया हो या फिर इंटरनेट बैंकिंग। बदलते वक्त के साथ साइबर ठगों ने अपने पैतरे भी बदले हैं।

इंटरनेट मीडिया अकाउंट व बैंकिंग एप्स को लॉक करके रखें

 

साइबर ठग इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों के पास किसी एप्लीकेशन के माध्यम से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। वह उनसे दोस्ती करके धीरे-धीरे उनके बारे में समस्त जानकारियां जुटा लेते हैं। उसके बाद शातिर उनको ठगी का शिकार बनाने से नहीं चुकते। वह उनकी निजी फोटो/बैंक खातों से संबंधी जानकारी भी एकत्रित कर लेते हैं और अपने जाल में फंसाकर उनके खाते में जमा पूंजी को खाली कर देते हैं। ऐसे में छात्रों एवं आमजन को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वह अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट व बैंकिंग एप्स को सुरक्षित लॉक करके रखें तथा अपनी निजी जानकारी को किसी भी व्यक्ति से सांझा करने से बचें।

किसी के साथ ओटीपी या अन्य जानकारी साझा ना करें

पीएसआई ने बताया कि मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन का यूज करे, अपने पासवर्ड स्ट्रांग रखें तथा किसी के साथ ओटीपी या अन्य जानकारी साझा ना करें तथा किसी भी प्रकार की ऐप को सतर्कता के साथ यूज करें। सर्विस डिलीवरी टोल फ्री नंबर गूगल पे सर्च करते समय नंबर ऑफिसियल वेबसाइट से ही ले। अगर लापरवाही के कारण कोई साइबर ठगी का शिकार हो जाता है तो राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन न. 1930 पर तुरंत कॉल करके या फिर cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं।

 

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