गन कल्चर, अश्लीलता फैलाने वाले गाने,सामाजिक असमानता, स्वीटी बूरा, दीपक हुडा प्रकरण को लेकर खाप पंचायते आई मैदान में

नरेन्द्र सहारण रोहतक। कहते हैं जहां पंच होते हैं वहां परमेश्वर होते हैं,हरियाणा की खाप पंचायत अपने निर्णय लेने के लिए बहुत ही सशक्त और समृद्ध मानी जाती हैं।सामाजिक उत्तर-पुथल और सामजिक भगदड़ के चलते समाज में फैली असमानता व येन केन प्रकरणों को सुलझाने के लिए खाप पंचायते अब मैदान में उतर आई हैं।
हरियाणा मे हो रहे विभिन्न प्रकार के मुद्दों को लेकर खाप पंचायतो के सरदार रोहतक मे एकत्रित हुए। नांदल खाप की अध्यक्षता में रोहतक के खाप प्रतिनिधियों ने एक महत्त्वपूर्ण मीटिंग आज सैक्टर 36 के सनसिटी क्लब में रखी जिसमें नांदल खाप के प्रधान श्री ओम्प्रकाश नांदल, कलकल खाप प्रधान श्री राजपाल कलकल, हुड्डा खाप प्रवक्ता श्री जगवंत हुड्डा, देशवाल खाप प्रधान श्री संजय देशवाल, गठवाला खाप महासचिव श्री अशोक मलिक मदीना, सुमित सरपंच मकड़ौली, अनिल नम्बरदार लाढौत उपस्थित रहे।
गन व बदमाशी कल्चर को प्रोमोट करे जाने वाले गीतों पर रोकथाम के सरकार के फैसले का किया स्वागत
इस मौके पर सब ने सर्वसम्मति से गन व बदमाशी कल्चर को प्रोमोट करे जाने वाले गीतों पर रोकथाम के सरकार के फैसले का स्वागत किया और मुख्यमंत्री नायब सैनी को धन्यवाद बोला, साथ ही एक निवेदन सभी खापों की तरफ से किया कि साथ के साथ असभ्य अश्लील व द्विअर्थी गाए व फिल्माए जा रहे गानों पर भी तुरंत प्रभाव से रोक लगे।
खापों ने निर्णय लिया कि अपनी अपनी खापों के अच्छे कलाकारों को सम्मानीत करके उनका उत्साह बढ़ाने की मुहिम वे चलाएंगे ताकि समाज में एक अच्छा संदेश जाए और आने वाली पीढ़ी उनसे प्रेरणा भी ले।
आपसी मनमुटाव के कारण दोनों खिलाड़ियों का संबंध गलत मोड़ ले चुका है
इसी दौरान अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी और बॉक्सर स्वीटी बूरा के बीच बढ़ चुके विवाद पर चिंता जाहिर करी गई, विचार किया गया कि दोनों खिलाड़ियों का मनमुटाव एक गलत मोड़ की तरफ जा चुका है और गलत संदेश सोसायटी में जा रहा है, इस मसले को सुलझाने के लिये एक कदम आगे बढाते हुए खाप के प्रधानों ने कबड्डी प्लेयर दीपक हुड्डा से सम्पर्क करके ना केवल उसका पक्ष पूछा बल्कि पंचायती स्तर पर मामले को खत्म करने बारे चर्चा भी करी।
स्वीटी बूरा व दीपक हुडा प्रकरण में बनती दिख रही है सहमति
दीपक हुड्डा ने खापों को आश्वासन दिया कि मैं अपनी तरफ से कोई भी अनर्गल टिप्पणी मीडिया में या किसी सोशल प्लेटफॉर्म पर नहीं करूंगा और खापों का जो भी आदेश होगा उसे मान्य करूँगा। खापों के हस्तक्षेप के बाद दीपक हुड्डा और स्वीटी बूरा के बहुचर्चित विवाद के हल होने की संभावनाएं बनती दिख रही हैं।
खाप पंचायतों की हरियाणा मे भूमिका
पितृसत्तात्मक प्रथाएँ: वे अक्सर लैंगिक असमानता से जुड़ी होती हैं, कठोर सामाजिक मानदंडों को लागू करती हैं जो महिलाओं की स्वायत्तता को प्रतिबंधित करती हैं।
ऑनर किलिंग: अंतरजातीय और समान गोत्र विवाह का विरोध करने के लिये कुख्यात, कभी-कभी ऑनर किलिंग जैसे चरम मामलों को मंजूरी देना।
वैधता संबंधी चिंताएँ: उनके निर्णय अक्सर संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता, समानता और गरिमा के सिद्धांतों के साथ टकराव पैदा करते हैं।
जाति और सामाजिक असमानताएँ : जातिगत पदानुक्रम को बनाए रखने पर उनका ध्यान भेदभाव और बहिष्कार को मजबूत करता है।
लैंगिक गतिशीलता और खाप पंचायतों की उभरती भूमिकाएँ :
महिला खिलाड़ियों के लिये समर्थन: खापों ने सफल महिला खिलाड़ियों को सम्मानित किया है, जिससे महिलाओं में खेल संस्कृति को बढ़ावा मिला है।
लैंगिक न्याय: यौन उत्पीड़न के खिलाफ 2023 के पहलवानों के विरोध का समर्थन किया, जो लैंगिक-संबंधी सक्रियता की ओर एक बदलाव को चिह्नित करता है।
उदाहरण के लिये, हरियाणा की सबसे प्रभावशाली खापों में से एक, महम चौबीसी, न्याय, सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने और महिलाओं के मुद्दों को सुलझाने में बढ़ती भूमिका निभा रही है।
खाप पंचायतें प्राय: कई कारणों से समाचारों में होती हैं, जिनमें कुछ नेता बेरोज़गारी, शिक्षा और ग्रामीण विकास सहित प्रमुख सामाजिक और आर्थिक मुद्दों के समाधान के लिये प्रगतिशील सुधारों की वकालत करते है।