Kisan Andolan: पंजाब के आंदोलनरत किसानों को हरियाणा में नहीं मिलेगी एंट्री,शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बढ़ा तनाव

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Kisan Andolan: दिल्ली की ओर कूच कर रहे आंदोलनरत किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने अंबाला और जींद में शंभू और खनौरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। शुक्रवार को किसानों के प्रस्तावित प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने धरने-प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इसके चलते हरियाणा पुलिस ने किसानों को राज्य में प्रवेश न देने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।

बॉर्डर पर पुलिस की सख्ती और धारा 163 लागू

 

अंबाला के शंभू बॉर्डर और जींद के खनौरी बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। अंबाला में जिला प्रशासन ने धारा 163 लागू कर दी है, जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक रहेगी। बॉर्डर पर करीब 500 मीटर की दूरी पर नई बैरिकेडिंग लगाई गई है। अंबाला के उपायुक्त द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि किसानों को केवल दिल्ली पुलिस की अनुमति के बाद ही आगे बढ़ने दिया जाएगा।

पंजाब की ओर से आने वाले सभी वाहनों की सघन जांच की जा रही है। ट्रैक्टरों की एंट्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। पुलिस के जवानों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है ताकि कोई भी प्रदर्शनकारी राज्य में प्रवेश न कर सके। वैकल्पिक मार्गों का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है ताकि किसान उनसे होकर दिल्ली न पहुंच सकें।

सुप्रीम कोर्ट की समिति के समक्ष रखने को कहा गया पक्ष

 

हरियाणा की गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के समक्ष अपनी बात रखें। उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की नीति बनाई जाएगी। प्रदर्शन से शांति और कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के बजाय समस्या के समाधान के लिए समिति के माध्यम से संवाद करना अधिक प्रभावी होगा।

दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति नहीं

 

किसान संगठन जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में प्रदर्शन की अनुमति मांग रहे थे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इसे खारिज कर दिया है। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, और प्रदर्शन के कारण शांति और कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने अनुमति नहीं दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 9 दिसंबर को पानीपत में बीमा सखी योजना का शुभारंभ कार्यक्रम भी है। प्रशासन को आशंका है कि अगर किसानों को आगे बढ़ने दिया गया तो यह कार्यक्रम बाधित हो सकता है।

खुफिया एजेंसियों की चेतावनी

 

खुफिया एजेंसियों ने आंदोलनरत किसानों को लेकर प्रतिकूल रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर किसानों को दिल्ली की ओर पैदल मार्च करने की अनुमति दी गई, तो वे रास्ते में उग्र हो सकते हैं। अगर हरियाणा में उन्हें रोका गया, तो वे कई जगह पक्का धरना भी लगा सकते हैं, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।

यह भी आशंका जताई गई है कि पंजाब के किसानों के साथ हरियाणा के किसान भी आंदोलन में शामिल हो सकते हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है। ऐसी स्थिति में प्रशासन कोई जोखिम उठाने के मूड में नहीं है।

किसान संगठनों का रुख

 

किसान नेता अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। वे दिल्ली में प्रदर्शन करने की अनुमति मांग रहे हैं ताकि अपनी बात सरकार तक पहुंचा सकें। हालांकि, प्रशासन ने उनके मार्च को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं।

प्रदेश में अलर्ट

 

हरियाणा के सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जीटी रोड से लगने वाले सभी जिलों और दिल्ली से सटे इलाकों में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। किसानों को रोकने के लिए हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं।

सरकार की रणनीति

 

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। प्रशासन किसानों को किसी भी कीमत पर हरियाणा की सीमा पार कर दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए दृढ़ है। सरकार का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को रोककर किसी भी संभावित अशांति को टाला जा सकता है।

व्यापक तैयारी

दिल्ली कूच पर अड़े किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार और प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है। सुप्रीम कोर्ट की समिति के माध्यम से समाधान का रास्ता सुझाया जा रहा है। हालांकि, किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह स्थिति किस दिशा में बढ़ती है।

 

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