Kisan Andolan: हाईकोर्ट ने कहा, सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाय कर रही न्यायालय का इस्तेमाल
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नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: किसान आंदोलन में प्रदर्शनकारियों द्वारा जेसीबी व मोडिफाइड ट्रैक्टरों के इस्तेमाल से हरियाणा व पंजाब में कानून व्यवस्था बिगड़ने की दलील देते हुए हरियाणा व केंद्र सरकार द्वारा दाखिल अर्जी पर हाई कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इन्कार कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाय अदालत का इस्तेमाल करने में जुटी हैं। सभी इस मामले में राजनीति करने में जुटे हैं। साथ ही किसानों के हरियाणा व पंजाब बार्डर पर एकत्रित होने को लेकर पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि अभी आपको कानून व्यवस्था की याद आई है। अभी तक पंजाब सरकार क्या कर रही थी। प्रदर्शनकारियों को इतनी बड़ी संख्या में एकत्रित होने की अनुमति कैसे दी गई।
हाई कोर्ट के दखल की मांग
हरियाणा व केंद्र सरकार की ओर से इस आंदोलन को लेकर पूर्व में लंबित दो याचिकाओं में अर्जी दाखिल करते हुए हाई कोर्ट के दखल की मांग की गई है। मामले में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया गया कि ट्रैक्टरों को मोडिफाई कर आंदोलन में शामिल किया जा रहा है। दिल्ली चलो नारे के बाद हरियाणा व पंजाब की सरहद पर बैरिकेडिंग की गई है। शांति से प्रदर्शन करने की बात कहने वाले प्रदर्शनकारियों ने इसे हटाने के लिए जेसीबी व अन्य भारी मशीनों को सीमा को सीमा की ओर लाना शुरू कर दिया है। यदि इस प्रकार भारी मशीनों से बैरिकेटिंग ध्वस्त की गई तो इससे हरियाणा व पंजाब दोनों में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।
हरियाणा व केंद्र सरकार ने तुरंत सुनवाई करने की अपील की
बुधवार को अर्जी दाखिल करने के बाद हरियाणा सरकार व केंद्र सरकार ने इस मामले में तुरंत सुनवाई करने की अपील की। हाई कोर्ट ने इस पर कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने के स्थान पर अदालत का इस्तेमाल कर रही हैं। इस मामले में सभी स्तर पर राजनीति हो रही है और ऐसे में तुरंत सुनवाई नहीं की जा सकती।
एक और याचिका पहुंची हाई कोर्ट
कुरुक्षेत्र निवासी रणदीप तंवर ने हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि शंभू और खनौरी बार्डर पर हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। बड़ी संख्या में मोडिफाई ट्रैक्टर, ट्राली और पोकलेन मशीनों के जरिए आंदोलनकारी दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो कानून व्यवस्था और आम लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो जाएगा। ऐसे में अदालत प्रदर्शनकारियों को तय की गई जगहों पर ही प्रदर्शन करने का आदेश दे। हाई कोर्ट ने इस पर कहा कि मौजूदा हालातों को देखते हुए अगर जरूरी हुआ तो कल सुबह सुनवाई की जा सकती है।