Kisan Andolan: शुभकरण की मौत की सीबीआइ जांच की मांग पर केंद्रीय एजेंसी, पंजाब व हरियाणा सरकारों को भेजा नोटिस

नरेन्‍द्र सहारण, चंडीगढ़। Kisan Andolan:हरियाणा-पंजाब सीमा पर किसान शुभकरण सिंह की मौत की सीबीआई जांच की मांग पर हाई कोर्ट ने सीबीआई, पंजाब और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। शुभकरण सिंह, जो बठिंडा के 21 वर्षीय किसान थे, की मृत्यु 21 फरवरी को खनौरी के पास पंजाब-हरियाणा सीमा पर हुई थी। वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे थे। शुभकरण के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी मौत हरियाणा पुलिस की गोलीबारी के कारण हुई।

जांच कमेटी गठित

 

इस मामले में सात मार्च को हाई कोर्ट ने एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की थी। हालांकि, पंजाब और हरियाणा पुलिस इस घटना के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं। शुभकरण के पिता द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया कि उनके बेटे की हत्या हरियाणा पुलिस की अंधाधुंध गोलीबारी के कारण हुई। इस घटना के संबंध में 28 फरवरी को पटियाला जिले के पातरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में यह बात उठाई कि एफआईआर दर्ज होने के बावजूद, न तो पंजाब पुलिस और न ही हरियाणा पुलिस ने मामले की कोई ठोस जांच की। इसी वजह से मृतक के परिवार ने यह याचिका दायर की, जिसमें सीबीआई जैसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को इस मामले की जांच सौंपने की मांग की गई है।

फोरेंसिक रिपोर्ट भी पेश की गई

 

हाई कोर्ट के जस्टिस करमजीत सिंह ने सभी प्रतिवादी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 17 दिसंबर तय की है। अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान, शुभकरण की मौत से जुड़ी एक सील बंद फोरेंसिक रिपोर्ट भी पेश की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, शुभकरण के सिर पर एक शॉटगन की गोली का घाव मिला। हरियाणा के सरकारी वकील ने अदालत को सूचित किया कि हरियाणा पुलिस शॉटगन का इस्तेमाल नहीं करती है, जिससे यह सवाल उठता है कि घटना में इस्तेमाल हथियार कहां से आया।

यह घटना उस समय हुई जब पंजाब और हरियाणा के किसान एमएसपी की गारंटी वाले कानून को लेकर सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे। शुभकरण सिंह की मौत ने इस आंदोलन को और उग्र बना दिया, और उनके परिवार ने न्याय की मांग करते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई। परिवार का दावा है कि हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिससे शुभकरण की जान चली गई।

हरियाणा पुलिस का इनकार

 

दूसरी ओर, हरियाणा पुलिस इस आरोप से इनकार कर रही है और दावा कर रही है कि उनके पास ऐसा कोई हथियार नहीं है जिससे शुभकरण की मृत्यु हुई। मामले में फोरेंसिक जांच से जुड़ी जानकारी अदालत में प्रस्तुत की गई है, लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है कि शुभकरण की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है।

पंजाब और हरियाणा सरकारों का आरोप-प्रत्यारोप

 

घटना के बाद से यह मुद्दा दोनों राज्यों की राजनीति में भी गूंज उठा है। पंजाब और हरियाणा की सरकारें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं। शुभकरण सिंह के परिवार और किसान संगठनों का कहना है कि जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे। हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई आगे बढ़ने के साथ ही यह देखना होगा कि न्याय की दिशा में कौन से नए कदम उठाए जाते हैं और क्या सीबीआई को मामले की जांच सौंपने का फैसला होता है।

किसान आंदोलन के दौरान हुई इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से किसानों की समस्याओं और उनके संघर्ष को सामने लाकर खड़ा कर दिया है। इस बीच, शुभकरण के परिवार को न्याय की उम्मीद है, और वे कोर्ट में अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

 

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