जानें हरियाणा सरकार ने कब तक पराली के अवशेष जलाने से मुक्त राज्य बनाने का रखा है लक्ष्य
नरेंद्र सहारण, चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने राज्य को पराली के अवशेष जलाने की समस्या से मुक्त करने के लिए 2027 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए राज्य सरकार न केवल किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करेगी, बल्कि पराली आधारित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में निजी निवेश को बढ़ाने की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ाएगी।
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान संकल्प दोहराया
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपने अभिभाषण के दौरान राज्य को पराली के अवशेष जलाने से मुक्ति दिलाने के सरकार के संकल्प को उभारा है। दिल्ली सरकार हर साल पराली के धुएं के लिए हरियाणा और पंजाब को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर हमलावर होती है। हालांकि पंजाब व दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकारें हैं। ऐसे में सबसे अधिक ठीकरा हरियाणा के किसानों पर फोड़ा जाता है। पिछले साल के आंकड़े गवाह हैं कि हरियाणा के किसानों ने काफी हद तक पराली जलाने की समस्या पर काबू पा लिया है। लेकिन पंजाब को अभी इस दिशा में ठोस प्रयास करने की जरूरत है। इसके बाद भी राज्य सरकार बची हुई समस्या के निस्तारण के लिए गंभीर है।
निजी निवेश को बढ़ाने के साथ पर जोर
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में जानकारी दी कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को संजोकर रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए सरकार प्रकृति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी से काम कर रही है। पराली को किसानों के लिए आय का साधन बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए हरियाणा एक्स-सीटू मैनेजमेंट आफ पैडी स्ट्रा पालिसी 2023 अधिसूचित की गई है। यह नीति पराली आधारित परियोजनाओं में निजी निवेश को बढ़ाने के साथ ही किसानों को प्रोत्साहन देकर पराली का उपयोग सुनिश्चित करने पर जोर देगी। इस नीति के तहत साल 2027 तक फसल अवशेष जलाने की समस्या को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कामन डिटरमाइंड प्राइस देने का निर्णय
राज्यपाल ने विधानसभा में जानकारी दी कि किसानों को पराली का उचित मूल्य दिलाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने कामन डिटरमाइंड प्राइस देने का निर्णय लिया है। कामन डिटरमाइंड प्राइस से आशय यह है कि किसानों को उनकी पराली का मूल्य बाजार की मांग और आपूर्ति के हिसाब से बढ़ाकर दिया जा सकता है, जिसे बाजार मूल्य भी कहा जाता है।