Lok Sabha Election 2024 : भाजपा-सपा के बाद बसपा की सूची पर लोगों की नजर, जानें- मायावती कब जारी करेगी लोकसभा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट

लखनऊ, BNM News: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे राजनीतिक दलों में टिकट बंटवारे को लेकर हो रहे उलटफेर पर बसपा की नजर है। चुनाव में सबसे पहले प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करने वाली बसपा इसी वजह से इस बार संभालकर कदम बढ़ा रही है। पिछले चुनाव में सपा से गठबंधन से आधी से ज्यादा सीटों पर उसने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे जिससे इस बार पार्टी को नए सिरे से इन सीटों पर प्रत्याशी चयन के लिए मेहनत करनी पड़ रही है।

बसपा सुप्रीमो मायावती प्रत्याशियों के चयन के लिए रोजाना मंडल और सेक्टर प्रभारियों के साथ बैठक कर रही हैं। पार्टी उन दावेदारों को तवज्जो दे रही हैं, जिन्हें बीते चुनावों में दो लाख से अधिक वोट मिले थे। जिन सीटों पर ऐसे प्रत्याशी नहीं मिल रहे, वहां पार्टी अपने जोनल को-ऑर्डिनेटर को ही टिकट देने की रणनीति अपना सकती है। सूत्रों की मानें तो बसपा सुप्रीमो को अब तक अधिकतर दावेदारों की सूची पार्टी पदाधिकारियों ने सौंप दी है, जिस पर मंथन चल रहा है। इन प्रत्याशियों के नाम पर अगले सप्ताह तक मुहर लगने की उम्मीद है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बसपा सुप्रीमो की नजर सपा और भाजपा के बागियों पर नजर हैं। बसपा इस बार पूरे होमवर्क के साथ प्रत्याशी उतारने के मूड में है। बताया जा रहा है कांशीराम के जन्मदिन 15 मार्च को बसपा की पहली सूची आ सकती है। मायावती भाजपा और सपा गठबंधन को टक्कर देने के लिए जातीय संतुलन बैठाने के लिए पुरी तैयारी कर रही है।

बसपा के बिना अधूरा है गठबंधन

सपा-कांग्रेस गठबंधन को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं। दोनों दलों के लोगों का मानना है कि बिना बसपा के गठबंधन के लिए यूपी फतह करना आसान नहीं है। कांग्रेस के कुछ नेता सिर्फ 17 सीटें मिलने से संतुष्ट नहीं हैं, हालांकि वह खुलकर विरोध करने के बजाय बसपा को गठबंधन में लाने और उसे 25 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का प्रस्ताव देने के लिए पार्टी हाईकमान पर दबाव बना रहे हैं।

बागियों ने भी बनाई दूरी

अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी बसपा के सामने एक मुश्किल यह भी है कि अब तक किसी भी छोटे दल ने उसके साथ गठबंधन की पहल नहीं की है। अन्य दलों के बागी नेता भी बसपा में आने से कतरा रहे हैं। बसपा की नजरें उन नेताओं पर भी है, जिन्हें सपा, कांग्रेस और भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। यदि ये नेता बगावती रुख अपनाकर बसपा से संपर्क साधते हैं तो उनके साथ बसपा की राह भी कुछ आसान हो सकती है।

पिछली बार 22 मार्च को जारी हुई थी पहली सूची

पिछले लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के बाद बसपा ने 22 मार्च 2019 को अपनी पहली सूची जारी की थी, जिसमें पश्चिमी उप्र की 11 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई थी। वहीं पांच प्रत्याशियों के नाम वाली दूसरी सूची 9 अप्रैल 2019 को जारी हुई थी। बता दें कि पिछले चुनाव में बसपा 38, सपा 37 और रालोद ने 3 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे।

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