Lok Sabha Election 2024: यूपी की सियासत में अखिलेश यादव की बेटी की इंट्री, मां डिंपल संग प्रचार में पहुंची अदिति यादव

कुसमरा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में अखिलेश यादव की बेटी अदिति

मैनपुरी, BNM News: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2024) को लेकर मुलायम सिहं यादव का परिवार पूरी तरह से सक्रिया नजर आ रहा है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), अखिलेश की पत्नी और मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव (Dimple Yadav), चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) और धर्मेंद्र यादव, सभी अपने-अपने राजनीतिक मोर्चों पर तैनात हैं।

मैनपुरी से लेकर बदायूं, इटावा, सैफई और आजमगढ़ तक में यादव परिवार के सदस्य मौजूद हैं। पूरे यादव परिवार ने अपने समर्थकों के साथ लोकसभा चुनाव में भाजपा (BJP) को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है। इसी बीच मैनपुरी से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है।
दरअसल मैनपुरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को मैदान में उतारा है। डिंपल भी मैनपुरी में जमकर चुनाव प्रचार कर रही हैं। अपने बयानों में भाजपा सरकार पर हमले कर रही हैं। मगर चुनाव प्रचार के दौरान एक लड़की पर सभी की नजर चली गई हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं अखिलेश यादव और डिंपल यादव की बेटी अदिति यादव (Aditi Yadav)की। अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव को मैनपुरी में डिंपल यादव के साथ देखा गया। वह कुछ महिला कार्यकर्ताओं के साथ बैठी नजर आईं। अदिति इससे पहले अपने माता-पिता के पोस्ट शेयर करती रही हैं, लेकिन पहली बार उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान देखा गया है।

कार्यकर्ता सम्मेलन में नजर आई 22 वर्षीय अदिति

22 वर्ष की अदिति सोमवार को कुसमरा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में नजर आईं। वे अपनी मां डिंपल यादव के साथ ही यहां पहुंचीं थीं। यहां मां डिंपल यादव ने जब कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो वह बड़ गौर से एक-एक शब्द सुनती नजर आईं। वहीं कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से वार्ता के दौरान भी अदिति बारीकी से सब कुछ सीखतीं नजर आईं। ऐसे में कहीं न कहीं इसे अदिति की राजनीति में कदम रखने से पहले की तैयारी माना जा रहा है।

कार्यकर्ताओं के बीच सादगी से बैठीं नजर आईं आदिति

कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचीं अदिति यादव चाहतीं तो मंच पर मां डिंपल यादव के साथ भी बैठ सकती थीं। लेकिन उन्होंने अपनी जगह नीचे कार्यकर्ताओं के बीच बनाई। कुछ महिला कार्यकर्ताओं के बीच वे सादगी से बैठीं नजर आईं। या यूं कहें कि कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर वे उनसे जुड़ने की कोशिश करती नजर आईं। कारण चाहे जो भी हो लेकिन लोगों के बीच अदिति यादव के राजनीति में आने की चर्चाओं ने जोर जरूर पकड़ लिया है।

मुलायम की विरासत बचाना डिंपल के लिए चुनौती

वैसे तो मैनपुरी समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है।  मैनपुरी के लोगों ने ही मुलायम को पहली बार संसद भेजा था। इसके बाद से लगातार समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार इस सीट से जीतते रहे हैं। तेज प्रताप और धर्मेंद्र यादव भी इस सीट से संसद बन चुके हैं। इस बार  भी डिंपल यादव को समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी सीट से टिकट दिया है। मुलायम सिंह के निधन के बाद डिंपल ने इस सीट पर उपचुनाव जीता और मैनपुरी की मौजूदा सांसद हैं। हालांकि, उपचुनाव के प्रदर्शन को दोहराना डिंपल के लिए आसान नहीं होगा। माना जा रहा है कि राम मंदिर की लहर पूरे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का वोट बैंक कम कर सकती है।

जानें- क्या है मैनपुरी का समीकरण

मैनपुरी लोकसभा सीट में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं। मैनपुरी, करहल, किशनी, भोगांव और जसवंत नगर। 2011 की जनगणना के अनुसार मैनपुरी जिले में 93.48 प्रतिशत हिंदू आबादी है। यहां यादव वोट निर्णायक भूमिका में रहते हैं। 2019 में यहां 17.2 लाख मतदाता थे। यूपी में मुस्लिम और यादव समुदाय को समाजवादी पार्टी का पारंपरिक वोटर माना जाता है। इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या कम है। हालांकि, यादव वोट बैंक और मुलायम सिंह के प्रभाव के चलते 2 दशक से इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है।

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