हिंदी पर पूछे जा रहे सवाल का हिंदी में नहीं देने पर लोकसभा अध्यक्ष ने हरदीप पुरी को दी हिदायत

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। संसद में पूछे जाने वाले सवालों के जवाब वैसे तो उसी भाषा में देने का चलन है, जिस भाषा में सवाल पूछे जाते है। यह बात अलग है कि जवाब देने वाला वह भाषा नहीं जानता है तो फिर वह हिंदी या अंग्रेजी किसी भाषा में जवाब दे सकता है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान हिंदी में पूछे गए एक सवाल का जवाब अंग्रेजी में देने को लेकर न सिर्फ केंद्रीय आवास व शहरी मामले के मंत्री हरदीप पुरी को टोका बल्कि उन्हें इस बात की नसीहत भी दी कि उन्हें सवाल का हिंदी में जवाब देने में कोई कठिनाई नहीं है तो फिर उन्हें इसका जवाब हिंदी में देना चाहिए।

हरदीप पुरी बोले-हम पंजाबी में भी जवाब दे सकते हैं

हालांकि इसके बाद केंद्रीय मंत्री पुरी ने अपनी भाव-भंगिमा बदलते हुए कहा कि मुझे हिंदी, अंग्रेजी ही नहीं बल्कि पंजाबी में भी बोलने में कोई दिक्कत नहीं है। इसके बाद तो वह पंजाबी में बोलने लगे और कहा कि वैसे भी सवाल करने वाले सांसद मनोज तिवारी पंजाबी समझते हैं, लेकिन चेयर से जिस तरह निर्देश आ रहे है, वह दूसरों के लिए भी होना चाहिए। इसके बाद तो बिरला ने उनके इस रवैये पर आपत्ति जताते हुए उन्हें कड़ी हिदायत दी और कहा कि ‘मुझे पता है कि आपको कई भाषाएं आती हैं लेकिन यहां हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्त किसी अन्य भाषा में बोलने के लिए उन्हें पहले लिखकर देना होगा।’

स्पीकर ने कहा, सिर्फ केंद्र सरकार को ही निर्देशित कर सकता है

इस बीच चेयर की नाराजगी को देखते हुए केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि ‘मैं भोजपुरी टच देते हुए हिंदी में जवाब देता हूं।’ इसके बाद उन्होंने सवाल का हिंदी में जवाब दिया।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बिरला ने केंद्रीय मंत्री पुरी को सिर्फ इसी बात के लिए नसीहत नहीं दी बल्कि जैसे ही उन्होंने सवाल के जवाब में केंद्रीय योजनाओं के दिल्ली और पश्चिम बंगाल में अमल न होने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि उन्हें इस मामले में दोनों राज्य सरकारों के साथ आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस को भी निर्देश देना चाहिए कि वह इसे ठीक तरीके से लागू करें। बिरला ने फिर उन्हें आड़े हाथ लिया और कहा कि केंद्रीय मंत्री को पता होना चाहिए कि चेयर यहां से राज्य सरकार या फिर किसी राजनीतिक दल को इस तरह का निर्देश नहीं दे सकता है। वह सिर्फ केंद्र सरकार को ही निर्देशित कर सकता है।

 

 

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