Loksabha Election 2024: चंडीगढ़ के युवा कांग्रेस नेता ने 24 घंटे में दो बार मारी पलटी, जानें पूरी कहानी

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में पवन कुमार बंसल को टिकट न मिलने से नाराज युवा कांग्रेस के महासचिव विनायक बंगिया (Congress leader Vinayak Bangia) सोमवार को भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद मंगलवार को कांग्रेस नेता उन्हें मनाने पहुंचे तो वह फिर कांग्रेस में वापस चले गए। हालांकि वह मंगलवार शाम को एक बार फिर पलटी मार गए। वह भाजपा प्रत्याशी संजय टंडन की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हो गए। चंद घंटों में ही बंगिया की आस्था बदलती दिखी। बंगिया पिछले कई सालों से युवा कांग्रेस में थे और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल के समर्थक थे। बंगिया युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और सोशल मीडिया सेल के प्रभारी थे और भाजपा के खिलाफ शहर के मुद्दों को मजबूती से उठाते रहते थे।

बंसल का टिकट कटने से थे नाराज

कांग्रेस ने लगातार आठ बार टिकट देने के बाद नौवीं बार बंसल पर विश्वास नहीं जताया। इसके विरोध में बंगिया ने कांग्रेस छोड़ दी। उस समय बंगिया ने खुद बयान जारी कर कहा कि पार्टी छोड़ने की बात कही। उन्हें भाजपा उम्मीदवार संजय टंडन ने उसी दिन पार्टी में शामिल करवाया, लेकिन नाराज नेताओं की संख्या बढ़ने पर कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत गाबी और युवा कांग्रेस प्रभारी सत्यवान ने विनायक बंगिया से मंगलवार को मुलाकात की और उन्हें पार्टी में वापसी के लिए मना लिया। बंगिया दोबारा कांग्रेस में आ गए और बयान जारी कर कहा कि मन बहुत दुखी था, इसलिए पार्टी छोड़ने का सोचा, पर बड़े भाई गुरप्रीत के समझाने पर इस भूल को सुधारा। इसकी जानकारी कांग्रेस की ओर से दी गई। अभी कांग्रेस के नेता इसकी खुशी ही मना ही रहे थे कि उनका मन एक बार फिर बदल गया। वह फिर भाजपा में शामिल गो गए। भाजपा कार्यालय में जाकर उन्होंने अपनी तस्वीर भी इंटरनेट मीडिया पर शेयर की और कहा कि उनका कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने भाजपा के प्रति निष्ठा जताई। मालूम हो कि इससे पहले शंशाक भट्ट भी भाजपा में शामिल हुए है। भट्ट भी नगर निगम चुनाव में भाजपा से कांग्रेस में आए थे। इस समय कांग्रेस में नाराज नेताओं ने बवाल मचाया हुआ है। इनमें कई नेता भाजपा के संपर्क में हैं जो कि अगले दिनों में भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

पार्षद गुरचरण काला ने चार बार बदली पार्टी

अभी तक नगर निगम के पार्षद गुरचरण काला ऐसे हैं, जिन्होंने कम समय में सबसे ज्यादा दल बदले हैं। सवा दो साल में वह चार बार दल बदल चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस टिकट पर नगर निगम का चुनाव लड़ा। जीतने के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। इस साल मेयर चुनाव से पहले वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए, लेकिन सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव से कुछ दिन वह भाजपा में शामिल हो गए। उनके साथ आम आदमी पार्टी की दो महिला पार्षद पूनम और नेहा भी भाजपा में शामिल हुई थीं, लेकिन वह भी 20 दिन बाद वापस आम आदमी पार्टी में घर वापसी कर गए। चंडीगढ़ नगर निगम में दल बदल का कोई नियम नहीं है। हरप्रीत कौर बबला भी कांग्रेस टिकट पर चुनाव जीती थी, लेकिन चुनाव के बाद वह अपने पति देवेंद्र सिंह बबला के साथ भाजपा में शामिल हो गई। इसी तरह से आम आदमी पार्टी छोड़कर पार्षद तरुणा मेहता ने पिछले साल कांग्रेस में वापसी की है।

मैं भाजपा में हूं

विनायक बंगिया ने कहा कि कांग्रेस में वापस शामिल होने पर कुछ गलतफहमी हो गई थी जो कि स्पष्ट हो गई है। मैं इस समय भाजपा में हूं और उम्मीदवार संजय टंडन के लिए काम कर रहा हूं।

 

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