Loksabha Election 2024: पीएम मोदी के दौरे से चढ़ेगा बिहार-झारखंड का चुनावी तापमान
नई दिल्ली, BNM News: Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा अपने चुनावी अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने में जुट गई है। गणतंत्र दिवस के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 जनवरी को बेतिया से बिहार में भाजपा के अभियान की शुरुआत करेंगे। इसी दिन प्रधानमंत्री का झारखंड के धनबाद में भी कार्यक्रम होना है। झारखंड के भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और बेतिया के सांसद डा. संजय जायसवाल ने इसकी पुष्टि की है। प्रधानमंत्री मोदी का विस्तृत कार्यक्रम अभी आना बाकी है। परंतु इतना तय है कि इस दौरान प्रधानमंत्री दोनों स्थानों पर कई योजनाओं को हरी झंडी दिखाएंगे। पहले यह कार्यक्रम 13 जनवरी को होना था, लेकिन अंतिम दो दिनों में इसे आगे बढ़ा दिया गया।
चंपारण में होना है कार्यक्रम
महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण से पीएम नरेन्द्र मोदी भाजपा के अभियान का श्रीगणेश करते हुए विपक्षी दलों के सामने चुनौती पेश करेंगे। बेतिया में प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रस्तावित भारत जोड़ो न्याय यात्र के बिहार के सीमांचल में पहुंचने के महज कुछ घंटे पहले होने जा रहा है। राहुल की यात्रा प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के एक दिन बाद प्रस्तावित है।
बेतिया के अतिरिक्त बेगूसराय एवं औरंगाबाद में भी कार्यक्रम
बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि बेतिया में तीन स्थानों का प्रस्ताव दिया गया है। किंतु सुगौली का मैदान प्राथमिकता में है। प्रधानमंत्री का बेतिया के अतिरिक्त बेगूसराय एवं औरंगाबाद में भी कार्यक्रम होना है। हालांकि, इसकी तिथि अभी तय नहीं है। झारखंड में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बारे में बाबूलाल मरांडी ने बताया कि धनबाद में पीएम के स्वागत की तैयारी की जा रही है। उन्हें बेतिया के बाद सीधे धनबाद आना है। भाजपा की राजनीति के लिए बिहार के साथ झारखंड भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन दोनों राज्यों में लोकसभा की 54 सीटें हैं। बिहार में 40 और झारखंड में 14 हैं। इनमें से 35 सीटें अभी एनडीए के कब्जे में हैं।
पिछले चुनाव में भाजपा ने दोनों राज्यों में 51 सीटें जीत ली थीं
पिछले चुनाव में इन दोनों राज्यों में भाजपा ने जदयू एवं आल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के साथ तालमेल में चुनाव लड़ा था और 51 सीटें जीत ली थीं। अकेले भाजपा के हिस्से में 28 सीटें आई थीं। बाद में बिहार में 16 सीटें जीतने वाले जदयू ने गठबंधन बदलकर भाजपा से दोस्ती तोड़ ली थी, लेकिन झारखंड में आजसू के साथ उसकी दोस्ती एक छोटे ब्रेक के बाद बरकरार है। इस बार भी दोनों साथ-साथ चुनाव लड़ने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के कुछ महीने बाद ही झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा-आजसू का गठबंधन टूट गया था, जिसके चलते राज्य में भाजपा के हाथ से सत्ता चली गई थी। हालात को देखते हुए इस बार दोनों के स्वर एक दिख रहे हैं।