Loksabha Election 2024: जानें कैसे हरियाणा में भाजपा ने जातीय संतुलन साधते हुए प्रत्याशियों की पहले घोषणा कर ली मनोवैज्ञानिक बढ़त

नायब सिंह सैनी और मनोहर लाल।

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Loksabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है। आइएनडीआए गठबंधन (India Alliance) के तहत अभी तक सिर्फ आम आदमी पार्टी ने कुरुक्षेत्र के रण में डा. सुशील गुप्ता के रूप में अपना एक उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस के हिस्से में आई नौ लोकसभा सीटों पर अभी तक प्रत्याशी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि प्रत्याशियों के चयन को लेकर दुविधा में फंसी कांग्रेस इस माह के अंत तक भी अपनी पार्टी के उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाएगी।

रणनीतिक ढंग से जातीय संतुलन साधा

भाजपा ने बड़े ही रणनीतिक ढंग से जातीय संतुलन साधते हुए अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं। भाजपा ने दो टिकट जाटों को देकर जहां उनका भरोसा जीतने की कोशिश की है, वहीं वैश्य, पंजाबी, दलित, ब्राह्मण और ओबेसी को भी चुनाव मैदान में उतारकर हर वर्ग को साधने का प्रयास किया है। भाजपा ने गुरुग्राम में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और फरीदाबाद में भी केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को टिकट थमाए हैं, जो कि दोनों ही ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) से आते हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी ओबीसी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र के सांसद भी हैं।

दलितों को साधने की कोशिश की

अंबाला व सिरसा लोकसभा सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। भाजपा ने सिरसा से पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर और अंबाला में पूर्व सांसद रतनलाल कटारिया की धर्मपत्नी बंतो कटारिया को टिकट देकर दलितों को साधने की कोशिश की है। रोहतक और सोनीपत लोकसभा सीटों को जाट बाहुल्य माना जाता है, लेकिन इन दोनों सीटों पर भाजपा ने ब्राह्मण उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। रोहतक में मौजूदा सांसद डा. अरविंद शर्मा को टिकट दिया गया है, जबकि सोनीपत में रमेश कौशिक का टिकट काटकर ब्राह्मण समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले राई के विधायक मोहन लाल बडौली को टिकट थमाया गया है।

जाट उम्मीदवारों पर दांव खेला

हिसार और भिवानी लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जाट उम्मीदवारों पर दांव खेला है। हिसार में पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के छोटे बेटे रणजीत सिंह चौटाला को टिकट दिया गया है। ताऊ देवीलाल की राजनीतिक विरासत पर हालांकि उनके बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला, अभय सिंह चौटाला, जेजेपी नेता अजय सिंह चौटाला व दुष्यंत चौटाला समेत परिवार के बाकी सभी सदस्य अपनी दावेदारी करते हैं, लेकिन पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जिस तरह से सिरसा में रणजीत चौटाला के आवास पर काफी देर रुके और उसके बाद अब उन्हें हिसार के रण में उतारा गया है तो भाजपा की नजर में ताऊ देवीलाल के वास्तविक उत्तराधिकारी होने का हक रणजीत चौटाला रखते हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ में मौजूदा सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह पर भरोसा दिखाकर भाजपा ने यह संदेश दिया है कि चौधरी बंसीलाल के परिवार को शिकस्त देने का दम उन्हीं में है।

वैश्यों के प्रति दिखाया अपना प्रेम

कुरुक्षेत्र में वैश्य समाज के मजबूत नेता एवं विश्व प्रसिद्ध उद्योगपति नवीन जिंदल (Naveen Jindal) को चुनाव मैदान में उतारकर भाजपा ने वैश्यों के प्रति अपने राजनीतिक अनुराग का उदाहरण पेश किया है। इसी तरह, करनाल में पूर्व सीएम मनोहर लाल (Manohar Lal) को लोकसभा का टिकट देकर भाजपा ने पंजाबी समुदाय का आशीर्वाद प्राप्त करने की रणनीति अपनाई है। मनोहर लाल का हालांकि पंजाबियों में तो बड़ा असर है ही, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए जिस तरह सर्व समाज की राजनीति की, उससे भाजपा को सभी जातियों का फायदा मिलने की उम्मीद है। मनोहर लाल के रूप में भाजपा ने करनाल में मजबूत उम्मीदवार चुनावी रण में उतारा है।

भाजपा के 6 उम्मीदवारों के साथ कांग्रेस का नाम चिपका

हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि भाजपा ने 10 लोकसभा सीटों में से छह पर कांग्रेस की पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि यह भाजपा नेता अब सिर्फ नाम के तौर पर ही कांग्रेस की पृष्ठभूमि वाले रह गए हैं, क्योंकि कई-कई चुनाव लड़कर विधायक-सांसद बन चुके यह नेता भाजपा के रंग में पूरी तरह से रंग चुके हैं। सिर्फ चर्चा के लिए उन्हें कांग्रेस की पृष्ठभूमि का कहा जा सकता है। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत, पूर्व सांसद नवीन जिंदल, मौजूदा सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह, पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर, सांसद डा. अरविंद शर्मा और हरियाणा सरकार में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला लंबे समय तक कांग्रेस में अहम भूमिकाओं में रहे हैं। पूर्व सीएम मनोहर लाल, भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष बंतो कटारिया, केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और राई के विधायक मोहन लाल बड़ौली को पुराना भाजपाई माना जा सकता है।

Tag- Loksabha Election 2024, Haryana BJP, Manohar Lal, Nayab Singh Saini

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