Loksabha Election 2024: जानें क्यों टल गई भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक, अब कब होगा हरियाणा पर मंथन
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Loksabha Election 2024: भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक एक बार फिर टल गई है। शुक्रवार को नई दिल्ली में यह बैठक होनी थी। लेकिन अब रविवार को नई दिल्ली में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी, जिसमें हरियाणा के भाजपा उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लग सकती है। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नई दिल्ली से बाहर होने की वजह से केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक दो दिन के लिए टाली गई है। 10 मार्च को होने वाली बैठक में हरियाणा के उम्मीदवारों के नामों पर जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए टिकट आवंटन पर फैसला लिया जाएगा। भाजपा में टिकटों के आवंटन को लेकर समीकरण उलझे हुए हैं।
इन सामाजिक समीकरणों पर ध्यान दे रही भाजपा
2019 के चुनाव में भाजपा ने रोहतक व सोनीपत में ब्राह्मण, भिवानी-महेंद्रगढ़ व हिसार में जाट, करनाल में पंजाबी कोटे से टिकट दिए थे। पिछड़ा वर्ग को तीन लोकसभा क्षेत्रों कुरुक्षेत्र में नायब सिंह सैनी, फरीदाबाद में कृष्ण पाल गुर्जर और गुरुग्राम में राव इंद्रजीत सिंह को टिकट मिले थे। इस बार भी भाजपा दो सीटों पर जाट और तीन पर पिछड़ा वर्ग के नेताओं को चुनावी रण में उतारने पर मंथन कर रही है। हालांकि जिस तरह से लोकसभावार संभावित प्रत्याशियों के नामों की चर्चा चल रही है, उसे देखते हुए पिछड़ा वर्ग के चार उम्मीदवार भी हो सकते हैं। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन होने की वजह से भाजपा में अंदरखाने एक सीट पर वैश्य कोटे से टिकट देने की भी चर्चाएं हैं। ऐसे में इस बार दो ब्राह्मणों की जगह एक को ही टिकट से संतोष करना पड़ सकता है।
कांग्रेस के उम्मीदवारों पर है नजर
भाजपा सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने की बजाय आधी सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए जा सकते हैं। कुछ उम्मीदवार कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित होने के बाद मैदान में उतारे जा सकते हैं, ताकि यह देखा जा सके कि कांग्रेस ने क्या दांव खेला है। पिछले दिनों नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी 10 सीटों को लेकर फीडबैक दिया था। बैठक में पार्टी प्रभारी बिप्लब देब के साथ राष्ट्रीय सचिव व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ भी मौजूद थे।
भिवानी-महेंद्रगढ़ में भाजपा अगर जाट प्रत्याशी मैदान में उतारती है तो फिर हिसार या रोहतक में किसी एक सीट पर ही जाट को टिकट दिया जाएगा। वर्तमान में हिसार से पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु काफी मजबूत माने जा रहे हैं। अगर भाजपा नेतृत्व ने रोहतक से जाट उतारने का मन बनाया तो कैप्टन अभिमन्यु की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। रोहतक से गैर-जाट उम्मीदवार के मैदान में आने पर कैप्टन की राह काफी आसान हो जाएगी। भिवानी में चौधरी धर्मबीर के साथ ओमप्रकाश धनखड़ व डा. सुधा यादव काफी मजबूत हैं।
राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से भाजपा ने अगर हिसार या रोहतक संसदीय क्षेत्र से किसी एक जगह पर पिछड़ा वर्ग के नेता को टिकट दिया तो कुरुक्षेत्र के मौजूदा सांसद और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी के समीकरण बिगड़ सकते हैं। ऐसे में कुरुक्षेत्र से सैनी की बजाय किसी वैश्य को चुनावी रण में उतारने पर पार्टी का जोर रह सकता है। वैसे भी नायब सिंह सैनी को चुनाव लड़वाया जाना है या नहीं, यह कांग्रेस हाईकमान तय करेगा।
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