Maharashtra Politics: विधानसभा अध्यक्ष ने भी माना अजित पवार गुट ही असली NCP, शरद पवार को दोहरा झटका

मुंबई, एजेंसी। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र एनसीपी विधायकों की अपात्रता मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अजित पवार गुट (Ajit Pawar Group) को ही असली NCP माना है। यह फैसला अजीत पवार गुट के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। शरद पवार गुट की ओर से अजित पवार समेत सभी 9 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अजित पवार गुट के सभी विधायकों को योग्य माना है। इस मामले की सुनवाई करते हुए अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने माना कि अजित पवार गुट को 41 विधायकों का समर्थन है, इसलिए असली NCP अजीत पवार गुट को ही माना जाएगा। यह शरद पवार के लिए चुनाव आयोग के फैसले के बाद दोहरा झटका है।

फैसला लेने की अंतिम तारीख 15 फरवरी थी

 

सुप्रीम कोर्ट की ओर से एनसीपी विधायकों की अपात्रता पर फैसला लेने की अंतिम तारीख 15 फरवरी तय की गई थी, जिसकी मियाद आज खत्म हो गई है। इसे ही ध्यान में रखते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने फैसला सुनाया। उन्होने शरद पवार गुट की ओर से दायर की गईं सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।

वर्किंग कमेटी ही सर्वोच्च संस्था

 

स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि पार्टी संविधान के अनुसार एनसीपी वर्किंग कमेटी सर्वोच्च संस्था है, इसमें 16 स्थायी सदस्य हैं, लेकिन पार्टी का संविधान स्थायी सदस्यों को इजाजत नहीं देता। हमें नेतृत्व संरचना, पार्टी संविधान और विधायकी की ताकत को देखकर तय करना होगा कि पार्टी किसकी है. पार्टी संविधान और नेतृत्व संरचना में कोई स्पष्टता नहीं है। संविधान में लिखा है कि महत्वपूर्ण निर्णय अध्यक्ष लेंगे। अध्यक्ष कौन यह मैं तय नही कर सकता। विधायकों की संख्या बल यह तय करने का अधिकार रखती है। 41 विधायक अजित पवार गुट के समर्थन है, ऐसे में असली एनसीपी अजित पवार गुट ही है।

विधायकों के कृत्य पार्टी के विरोध में नहीं
विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि विधायकों ने पार्टी के विरोध में कुछ नहीं किया। शरद पवार के दिल से नहीं चलना मतलब यह नहीं कि विधायको के कृत्य कदम पार्टी विरोधी हैं। पार्टी के अंदर की नाराजगी का मतलब यह नहीं की विधान मंडल की नाराजगी है। पार्टी में मतभेद होता है लेकिन विधायकों ने पार्टी नही छोड़ी। पार्टी का मतभेद मतलब यह नहीं कि कानूनी उल्लंघन हुआ है।

शिवसेना के फैसले का आधार लेना होगा

एनसीपी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला पढ़ते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि फैसले के लिए मुझे उस आधार को लेना हेागा जो शिवसेना के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला सुनाते वक्त लिया गया था। दरअसल, पार्टी के संविधान में लिखा है कि महत्वपूर्ण निर्णय अध्यक्ष लेंगे। दोनों गुटों का दावा है कि हमारे पास बहुमत है, जबकि 29 जून तक शरद पवार की अध्यक्षता पद पर कोई चैलेंज नहीं था। 30 जून को दो लोगों ने दावा कर दिया। दोनों का मानना है कि अध्यक्ष पद का चुनाव संविधान के हिसाब से नहीं हुआ। दोनों समूहों द्वारा अयोग्यता याचिकाएं भी दायर की गई हैं।

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क्या है पूरा मामला

अजित पवार विधायकों के एक गुट के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे। इसके बाद शरद पवार गुट और अजित पवार गुट ने एक दूसरे के खिलाफ विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका दायर की थी। अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष इनकी सुनवाई पूरी हुई। इससे पहले चुनाव आयोग ने अजीत पवार गुट को असली एनसीपी मानकर शरद पवार को बड़ा झटका दिया था. इस फैसले के बाद पार्टी के नाम और चिह्न पर अजीत पवार गुट का कब्जा है. फैसले में चुनाव आयोग ने कहा था कि शरद पवार समूह के संगठनात्मक बहुमत होने के दावे में गंभीर विसंगतियां मिलीं। इसके बाद विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सुप्रीम कोर्ट में एनसीपी विधायकों की अयोग्यता को लेकर तीन हफ्ते का वक्त मांगा था। हालांकि, वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आपत्ति जताई और दलील दी कि सिर्फ एक हफ्ते की मोहलत दी जानी चाहिए। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए समयसीमा 15 फरवरी तक बढ़ा दी थी. कोर्ट ने पहले राहुल नार्वेकर को एनसीपी विधायक अयोग्यता मामले पर 31 जनवरी तक फैसला करने का आदेश दिया था।

 

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