Lok Sabha Speaker Chunav: मोदी सरकार की पहली अग्निपरीक्षा आज, ओम बिरला या सुरेश, जानें-कौन होगा लोकसभा स्पीकर?

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः Lok Sabha Speaker Chunav: 18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र में आज यानी बुधवार को एनडीए बनाम विपक्षी गठबंधन का मुकाबला है। ओम बिरला या के सुरेश… इस बार लोकसभा स्पीकर कौन होगा, यह तस्वीर आज साफ हो जाएगी। लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार की यह पहली अग्निपरीक्षा है। विपक्ष ने के. सुरेश को उतारकर एनडीए को चुनौती दे दी है। आज इस पर 11 बजे से वोटिंग होगी।

18वीं लोकसभा के लिए 48 साल बाद ऐसा मौका आया है, जब स्पीकर के लिए चुनाव कराए जाने की नौबत बनी है। इससे पहले 1952 और 1976 में भी स्पीकर के लिए चुनाव में वोटिंग हुई थी। फिलहाल, सभी पार्टियों ने व्हिप जारी किया है और सांसदों को वोटिंग के दौरान सदन में मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं।

ओम बिरला इससे पहले 17वीं लोकसभा के लिए भी स्पीकर थे। इस बार भी वे एनडीए उम्मीदवार हैं। अगर बिरला चुनाव जीतते हैं तो वे बीजेपी के ऐसे पहले नेता होंगे जो लगातार और दूसरी बार स्पीकर चुने गए। इससे पहले कांग्रेस के बलराम जाखड़ भी दो बार स्पीकर रहे हैं।

लोकसभा अध्यक्ष के लिए सहमति बनाने की हुई कोशिश

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार सत्तापक्ष की ओर से लोकसभा अध्यक्ष के लिए सहमति बनाने की भरसक कोशिश की गई। ओम बिरला के नाम पर राजग के सहयोगी दलों में सहमति बनाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो दिनों में तीन बार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात की।

मंगलवार की सुबह भी राजनाथ सिंह ने खरगे को फोन किया, लेकिन व्यस्तता के कारण उन्होंने कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल को बातचीत की जिम्मेदारी सौंपी। विपक्ष की ओर से डीएमके के नेता टीआर बालू और केसी वेणुगोपाल बातचीत के लिए राजनाथ सिंह के कमरे में पहुंचे।

राजनाथ के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी बालू और वेणुगोपाल को ओम बिरला के नाम पर मनाने की कोशिश की, लेकिन विपक्षी नेताओं ने साफ कर दिया कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की परंपरा रही है, इसीलिए वह लोकसभा अध्यक्ष के लिए समर्थन के एवज में सत्तापक्ष में उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने की गारंटी दे। सत्तापक्ष की ओर से ऐसी गारंटी नहीं मिलने के बाद विपक्ष ने आठ बार के सांसद के. सुरेश को मैदान में उतारने का फैसला किया।

यह भी पढ़ेंः  Lok Sabha Speaker: देश में लोकसभा स्पीकर पद के लिए पहली बार होगा चुनाव, ओम बिरला और के सुरेश होंगे आमने-सामने

लोकसभा स्पीकर के चुनाव में क्या है नंबर गेम

लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव में सदन में वोटिंग करने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत से चुना जाता है। साधारण बहुमत यानी सदन में उस वक्त जितने सांसद मौजूद होंगे, उनमें 50 फीसदी से ज्यादा वोट जिसे मिलेंगे वो स्पीकर चुन लिया जाता है।

लोकसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास पूर्ण बहुमत है। लोकसभा की कुल 543 सीटें हैं। वायनाड सीट खाली है। सात सांसद ऐसे हैं जिन्हें अभी लोकसभा में शपथ लेनी है, इसलिए ये सांसद वोटिंग प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। ऐसे में सदन में कुल सांसदों की संख्या घटकर 535 हो जाएगी।

बहुमत के लिए 268 सांसदों का समर्थन जरूरी है। एनडीए के पास 293 सदस्य हैं। यानी बहुमत से काफी ज्यादा संख्या है। वहीं, इंडिया ब्लॉक को देखा जाए तो 233 सदस्यों का समर्थन है। जो सात सांसद शपथ लेने से वंचित रह गए हैं, उनमें INDIA ब्लॉक के पांच सांसद शामिल हैं। ऐसे में समर्थन करने वाले सांसदों की संख्या 228 रह जाएगी।

जबकि 16 अन्य सांसद हैं। इनका समर्थन भी मायने रखेगा। सूत्रों के अनुसार, स्पीकर के चुनाव के बाद सातों सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। वहीं वाईएसआरसीपी किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने स्पीकर के चुनाव में ओम बिरला का समर्थन करने का फैसला किया है।

क्यों स्पीकर चुनाव की नौबत आई?

शुरुआत में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्ष के बीच स्पीकर पद को लेकर सहमति बन गई थी। विपक्ष का कहना था कि अब तक परंपरा रही है कि डिप्टी स्पीकर का पद उन्हें दिया जाना चाहिए, लेकिन एनडीए ने सशर्त समर्थन स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिससे आम सहमति टूट गई।

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