बांग्लादेश में बगावत और हिंसा के पीछे अपनी भूमिका पर अमेरिका ने कही यह बात

शेख हसीना और जो बाइडन।

वाशिंगटन, आइएएनएस : अमेरिका ने पहली बार बांग्लादेश की बगावत में अपनी सरकार का हाथ होने से साफ इन्कार किया है। दक्षिण एशियाई देश में हुए हिंसक प्रदर्शनों और सैकड़ों लोगों की मौत से अमेरिकी सरकार की संलिप्तता की कोई भी रिपोर्ट या अफवाह पूरी तरह झूठी हैं। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। व्हाइट हाउस ने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेशी लोगों को खुद ही बांग्लादेशी सरकार का भविष्य तय करना चाहिए।

अमेरिका की कोई भूमिका नहीं

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कराइन जीन-पियरे ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में दखल से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर भागने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। अपना भविष्य चुनने के लिए अपनी मर्जी से अपने नेताओं का चुनाव करना बांग्लादेश की जनता का अधिकार और विशेषाधिकार है। उन्होंने व्हाइट हाउस के बाहर बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन पर कहा कि अमेरिका वहां के हालात पर अपनी नजर बनाए रखना जारी रखेगा। इससे परे मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है। जीन-पियरे ने कहा कि जब यहां मानवाधिकार का कोई भी मामला आता है तो अमेरिकी राष्ट्रपति जनता में अपना जोरदार और स्पष्ट संदेश देते हैं। वह ऐसा करना जारी रखेंगे। लेकिन इस मामले में उनकी तरफ से कुछ भी कहना अभी निर्धारित नहीं है।

 

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बेटे सजीब वाजेद ने भी इंकार किया

उन्होंने हसीना के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्टों का खंडन करते हुए यह जवाब दिया जिसमें दावा किया गया था कि शेख हसीना सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता से समझौता करने और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर अपना प्रभुत्व जमाने देने पर सत्ता में बनी रह सकती थीं। वहीं शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने भी एक्स पर पोस्ट में कहा कि उनकी मां ने कभी ऐसा कोई बयान नहीं दिया। एक अखबार में छपा उनकी मां के इस्तीफे से जुड़ा बयान सरासर झूठ है। उन्होंने ढाका में रहते हुए या छोड़ने के बाद ऐसा कोई बयान नहीं दिया। बांग्लादेश में हाल ही में हुए छात्र आंदोलनों के कारण अल्पसंख्यक हिंदुओं समेत सैकड़ों लोग मारे गए हैं और बढ़ते तनाव के बीच शेख हसीना को पांच अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद वह अपनी जान बचाने भारत चली गईं।

हिंदू अल्पसंख्यकों की आवाज सुनें : गुटेरस

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र : संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से आग्रह किया कि वह हिंदू अल्पसंख्यकों की गुहार को सुनें और मानवाधिकारों का आदर करें। उन्होंने बांग्लादेश में शांति स्थापना के लिए अंतरिम सरकार बहाल करने और देश में संसदीय चुनाव कराने का निर्देश दिया है। साथ ही इस प्रक्रिया में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ ही महिलाओं को भी शामिल करने का आग्रह किया गया है। उनके उप प्रवक्ता फरहान हक ने बताया कि वह पूरी तरह से बांग्लादेश के लोगों के साथ हैं और वहां मानवाधिकारों का पूर्ण आदर करने का आग्रह करते हैं।

 

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