Noida News: मौसी के इशारे पर एक साल से चल रहा था देह व्यापार का धंधा, नाबालिग लड़कियां थी निशाने पर

नोएडा, बीएनएम न्यूज : Noida News: नोएडा के बहलोलपुर गांव में पिछले एक साल से मौसी के इशारे पर देह व्यापार का धंधा संचालित किया जा रहा था। आरोपी पूर्व में दिल्ली में भी यह धंधा चला चुके है। बिहार की रहने वाली रूकसाना मौसी के नाम से मशहूर है। उसका काम बिहार की नाबालिग लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर नोएडा-दिल्ली लाना और जबरन देह व्यापार करवाने का है। मामले में इमारत के मालिक सुरेंद्र यादव समेत तीन आरोपी फरार हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। हैरानी की बात यह है कि घनी आबादी वाले क्षेत्र में एक साल से देह व्यापार का धंधा संचालित होता रहा है और जिम्मेदार इससे अंजान रहे।
मुखबिर से मिली सटीक सूचना
दरअसल, नोएडा सेक्टर 63 कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत बहलोलपुर में देह व्यापार का धंधा चलता रहा, लेकिन स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम को यदि मुखबिर से सटीक सूचना न मिलती तो यह धंधा और भी कई दिनों तक चलता। एसीपी दीक्षा सिंह के नेतृत्व में बहलोलपुर गांव स्थित ओयो होटल शीतल में बुधवार रात दबिश दी तो देहव्यापार का खुलासा हुआ। होटल को चलाने वाले फरमान व उसका भाई फैयाज पूर्व में मेरठ में भी गिरोह संचालित कर चुके है, लेकिन उस दौरान वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े थे। आरोपियों के संबंध ग्रेटर नोएडा की सूरजपुर कोतवाली से हनीट्रैप के मामले में जेल गई कविता से भी है। कुछ दिनों पूर्व सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने कविता को गिरफ्तार किया था। वह लोगों को हनीट्रैप में फंसाकर उनसे मोटी रकम वसूलते थी। रकम नहीं देने पर वह अश्लील वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने की धमकी भी देती थी।
पुलिस ने मौके से पूर्णिया निवासी अजहरुद्दीन उर्फ राजू, मरगूम आलम, अख्तर मोहम्मद, गाजियाबाद निवासी सुमित कुमार, धर्मेंद्र कुमार, कटिहार निवासी मोहम्मद फैयाज व फरमान को गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीन किशोरियों व चार युवतियों को रेस्क्यू कराकर वन स्टॉप सेंटर भेज दिया। होटल को फरमान व फैयाज चला रहे थे। दोनों भाई नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवतियों व किशोरियों को बुलाते थे।
नाबालिग लड़कियों को ही बनाते थे निशाना
अब तक की जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी सिर्फ नाबालिग लड़कियों से ही देह व्यापार करवाते थे, जिससे कि वह भाग न पाए और उनका विरोध न कर पाए। नाबालिग लड़कियों को लाने की जिम्मेदारी मौसी की थी। आशंका है कि मौसी बिहार में ही है और वह वही से गिरोह की मदद करती है। पुलिस को पूछताछ में पता चला कि जिन तीन किशोरियों को छुड़ाया गया है, उन्हें बिहार व अन्य राज्यों से बुलाया गया था। ग्राहकों से 1000 से 2000 रुपये लिए जा रहे थे। जब भी किशोरियां विरोध करती थीं, तो उन्हें डराया-धमकाया जाता था।
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