Noida News: पोर्न वीडियो दिखाकर बच्ची से कई बार किया था दुष्कर्म, स्कूल में सुरक्षा की खुली पोल
नोएडा, बीएनएम न्यूज। Noida News: नोएडा के सेक्टर 20 थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित सेक्टर-27 के एक प्रतिष्ठित स्कूल में एक तीन साल की बच्ची के साथ छेड़छाड़ का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बीते सोमवार को इस घटना का खुलासा तब हुआ जब बच्ची ने अपने स्वजनों को स्कूल के एक स्टाफ सदस्य द्वारा की गई गंदी हरकतों के बारे में बताया। इस घटना ने स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्ची के परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
घटना का खुलासा
बच्ची बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ और गुमसुम थी। जब वह लगातार दो दिनों तक स्कूल नहीं गई, तो उसके माता-पिता को अनहोनी की आशंका हुई। उन्होंने बच्ची से प्यार से बात की और धीरे-धीरे उसे अपनी व्यथा बताने के लिए प्रेरित किया। बच्ची ने बताया कि स्कूल के एक स्टाफ सदस्य, जो उसे खाने की प्लेट दिया करता था, ने उसके साथ गंदी हरकत की। उसने यह भी कहा कि उसके शरीर में कोई नुकीली चीज चुभाई गई थी।
चिंतित स्वजन तुरंत उसे डॉक्टर के पास ले गए, जहां चिकित्सक ने पुष्टि की कि बच्ची के निजी अंगों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। इस जानकारी ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया। इसके बाद परिवार ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तार
बच्ची की पहचान के बाद आरोपी नित्यानंद सरकार को गिरफ्तार कर लिया गया। नित्यानंद निठारी, नोएडा का निवासी है और मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। उसकी पत्नी और बच्चे बंगाल में ही रहते हैं। पुलिस ने 10 अक्टूबर को उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 65(2), पाक्सो अधिनियम की धारा 5एफ, 5एम और धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह धाराएं बेहद गंभीर अपराधों का संकेत देती हैं। अभियोजन अधिकारी जेपी भाटी ने बताया कि मुकदमे की धाराओं से साफ है कि आरोपी ने बच्ची के साथ कई बार दरिंदगी की थी और उसे पोर्न वीडियो दिखाकर दुष्कर्म किया था।
स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह घटना स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। बच्ची ने बताया कि जिस स्टाफ सदस्य ने यह अपराध किया, वह स्कूल का केयरटेकर था। पुलिस ने स्कूल के सीसीटीवी फुटेज भी जब्त किए हैं, हालांकि पुलिस को अब तक कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं मिला है। डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि बच्ची से पहचान कराकर आरोपी को जेल भेज दिया गया है। स्कूल के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन जांच के दौरान लापरवाही पाए जाने पर स्कूल प्रशासन पर भी कार्रवाई हो सकती है।
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर
घटना के बाद बच्ची मानसिक और शारीरिक रूप से काफी प्रभावित हुई है। उसकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने बताया कि वह गंभीर तनाव से गुजर रही है। मनोवैज्ञानिक चिकित्सक डॉ. स्वाति त्यागी का कहना है कि स्कूलों में बच्चों के संपर्क में रहने वाले स्टाफ का साइक्लोजिकल टेस्ट किया जाना चाहिए। उनकी मानसिक स्थिति का समय-समय पर आकलन जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे किसी मानसिक विकार या तनाव से ग्रस्त न हों। इसके अलावा, स्टाफ की काउंसलिंग भी होनी चाहिए ताकि वे किसी भी प्रकार के वर्क स्ट्रेस या अन्य मानसिक दबाव से मुक्त रह सकें।
न्याय प्रक्रिया और फास्ट ट्रैक कोर्ट
पुलिस ने मामले को पाक्सो की धारा 6 के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजने का निर्णय लिया है। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि आरोपी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी और उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। पुलिस का प्रयास है कि आरोपी को फांसी या आजीवन कारावास की सजा दिलाई जाए।
यह घटना न केवल एक बच्ची के जीवन पर गहरा आघात है, बल्कि स्कूलों में सुरक्षा की गंभीर कमी को भी उजागर करती है। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए स्कूल प्रशासन को स्टाफ की गहन जांच, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का आकलन, और सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने की आवश्यकता है। पुलिस और प्रशासन का यह कर्तव्य है कि दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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