ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की: 24 मिसाइल दागीं, 100 से ज्यादा आतंकी ढेर

नई दिल्ली, बीएमएम न्‍यूज : भारतीय सेना ने बुधवार की रात एक साहसिक और रणनीतिक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में सक्रिय आतंकवादी ठिकानों पर अचूक हमला किया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक इस विशेष अभियान के तहत उन 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो भारत में आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल थे। पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर 24 मिसाइलें दागीं।  पाकिस्तान की रिपोर्ट्स के मुताबिक, बहावलपुर में एयर स्ट्राइक के बाद 100 से ज्यादा आतंकियों की मौत हुई है। जैश-ए-मोहम्मद के 4, लश्कर-ए-तैयबा के 3 और हिजबुल मुजाहिदीन के 2 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।

आतंकवाद के खतरे को जड़ से खत्म करना

 

सूत्रों के अनुसार, यह हमला पीओजेके के बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद क्षेत्रों में स्थित आतंकी शिविरों पर केंद्रित था। भारत ने बहावलपुर में मसूद अजहर के ठिकाने सहित नौ आतंकी ठिकानों पर बमबारी की। भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन को अत्यंत सटीकता और सावधानी के साथ अंजाम दिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि केवल आतंकी ठिकाने ही नष्ट हों और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को कोई नुकसान न पहुंचे। भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के खतरे को जड़ से खत्म करना है, न कि पड़ोसी देश के साथ किसी भी प्रकार के संघर्ष को बढ़ाना।

तस्वीर पाकिस्तान के पंजाब में स्थित तैयब मस्जिद की है। एयर स्ट्राइक में इसे भी नुकसान पहुंचा।।

पाकिस्तान के पंजाब स्थित तैयब मस्जिद को भी  एयर स्ट्राइक में नुकसान पहुंचा।।

भारत ने अमेरिका और रूस को जानकारी दी

 

वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई और रूस में अपने समकक्षों से बात की है। उन्हें भारत की एयर स्ट्राइक की जानकारी दी है।

सभी हवाई मार्गों की सभी उड़ानें बंद

 

भारत के इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने अगले 48 घंटे के लिए अपने सभी हवाई मार्गों को सभी उड़ानों के लिए बंद कर दिया है। इस बीच पाकिस्तानी सेना ने राजौरी और पुंछ में एलओसी पर रात को गोलाबारी शुरू कर दी। कई गोले राजौरी शहर के पास भी गिरने कर सूचना है। भारतीय सेना भी इसका कड़ा जवाब दे रही है।

प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की योजना गहन रणनीतिक विश्लेषण और खुफिया जानकारी के आधार पर तैयार की गई थी। इस ऑपरेशन का उद्देश्य हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले का करारा जवाब देना भी था, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे। इस हमले में एक नेपाली नागरिक भी शामिल था, और आतंकवादियों ने पीड़ितों की धार्मिक पहचान पूछकर उन्हें निशाना बनाया था, जिससे उनकी बर्बर मानसिकता का स्पष्ट प्रदर्शन हुआ था।

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पहले द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नामक एक आतंकी संगठन ने ली थी, हालांकि बाद में वह इससे मुकर गया। इस घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था और सरकार पर आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भारी दबाव था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की गहन जांच कर रही है और उसने 27 अप्रैल को जम्मू में इस संबंध में एक मामला भी दर्ज किया है।

पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। 23 अप्रैल को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने घोषणा की थी कि पाकिस्तानी नागरिकों के लिए 14 विभिन्न श्रेणियों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, सार्क वीजा धारकों को 26 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया था, जबकि मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक देश छोड़ने के लिए कहा गया था। अन्य 12 श्रेणियों के वीजा धारकों को 27 अप्रैल तक का समय दिया गया था। यह कदम पाकिस्तान से आने वाले संदिग्ध तत्वों पर नकेल कसने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया था।

महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम

 

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से उठाया गया एक और महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम है। यह दर्शाता है कि भारत अपनी सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इस ऑपरेशन की सफलता भारतीय सुरक्षा बलों की क्षमता, उनकी खुफिया जानकारी की सटीकता और उनके रणनीतिक कौशल का प्रमाण है।

पाकिस्तान की बौखलाहट और गीदड़भभकी

 

भारत के इस अचूक प्रहार से पाकिस्तान में खलबली मच गई है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसडीपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया है कि भारत ने कोटली, बहावलपुर और मुजफ्फराबाद पर मिसाइल हमले किए हैं। हमले में 8 लोगों की जान गई है। जबकि 35 घायल हुए है। फिलहाल हमले में नुकसान का अंदाजा नहीं, इसका आंकलन किया जा रहा है। उन्होंने इस कार्रवाई को “कायराना हमला” करार दिया है।

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जनरल चौधरी ने यह भी धमकी दी है कि पाकिस्तान इस हमले का “मुंहतोड़ जवाब” देगा। पाकिस्तान का यह रवैया अपेक्षित ही था, क्योंकि वह हमेशा से ही अपनी धरती पर पल रहे आतंकवादी समूहों को संरक्षण देता रहा है और भारत द्वारा की गई किसी भी जवाबी कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गलत ठहराने की कोशिश करता रहा है।

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत की इस कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा में उठाया गया एक वैध कदम के रूप में देख रहा है। कई देशों ने भारत के धैर्य और संयम की सराहना की है, जबकि पाकिस्तान से अपनी धरती से आतंकवाद को खत्म करने की अपील की है।

ऑपरेशन सिंदूर: एक रणनीतिक आवश्यकता

 

भारत लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है। पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लगातार जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देते रहे हैं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है और देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ है। कई बार सबूत पेश किए जाने के बावजूद, पाकिस्तान ने इन आतंकी समूहों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, बल्कि उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देता रहा है।

ऐसी परिस्थितियों में, भारत के पास अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसी रणनीतिक आवश्यकता का परिणाम है। यह न केवल पहलगाम हमले का जवाब है, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश भी है कि भारत अब सीमा पार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

इस ऑपरेशन की सफलता कई मायनों में महत्वपूर्ण है। पहला इसने उन आतंकवादी समूहों को एक कड़ा संदेश दिया है जो भारत में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरा, इसने भारतीय सेना की क्षमता और संकल्प को प्रदर्शित किया है। तीसरा, इसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह दिखाया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में गंभीर है और इसके लिए आवश्यक कार्रवाई करने में सक्षम है।

नुकसान और आगे की रणनीति

 

हालांकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हुए नुकसान की आधिकारिक जानकारी अभी तक साझा नहीं की गई है, सूत्रों का कहना है कि कई आतंकी शिविर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और बड़ी संख्या में आतंकवादियों के मारे जाने की संभावना है। भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को इस तरह से अंजाम दिया कि आसपास के नागरिक क्षेत्रों को कोई नुकसान न पहुंचे, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि यह कार्रवाई केवल आतंकवादियों और उनके ठिकानों तक ही सीमित रहे।

आगे की रणनीति के बारे में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि भारत सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपनी सतर्कता और कार्रवाई जारी रखेगा। सरकार और सुरक्षा बल स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह न केवल आतंकवादियों के मनोबल को तोड़ेगा, बल्कि पाकिस्तान पर भी अपनी धरती से आतंकवाद को खत्म करने के लिए दबाव बढ़ाएगा। भारत ने हमेशा शांति और सद्भाव का पक्षधर रहा है, लेकिन अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए वह हर आवश्यक कदम उठाने के लिए दृढ़ है।

यह ऑपरेशन ऐसे समय में हुआ है जब भारत आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। सरकार ने आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने, आतंकी संगठनों की भर्ती पर रोक लगाने और सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसी व्यापक रणनीति का एक हिस्सा है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

 

यह शर्मनाक है

 

हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘यह शर्मनाक है। मुझे लगता है कि लोगों को पता था कि कुछ होने वाला है। वे लंबे समय से लड़ रहे हैं। अगर आप इसके बारे में सोचें तो वे कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि यह जल्द ही खत्म हो जाएगा।’ उम्मीद की जा रही है कि अधिकांश देश भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को समझेंगे और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई में उसका समर्थन करेंगे। अतीत में भी, जब भारत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की है, तो कई देशों ने इसे भारत का संप्रभु अधिकार माना है।

हालांकि, पाकिस्तान हमेशा की तरह इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने और भारत को बदनाम करने की कोशिश करेगा। लेकिन भारत के पास यह स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त सबूत और तर्क हैं कि उसकी कार्रवाई आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए आवश्यक थी और इसका उद्देश्य किसी भी तरह से क्षेत्रीय शांति को भंग करना नहीं था।

महत्वपूर्ण मोड़

 

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की आतंकवाद विरोधी नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह दर्शाता है कि भारत अब सीमा पार से होने वाले आतंकवादी हमलों को मूक दर्शक बनकर नहीं सहेगा और अपनी सुरक्षा के लिए सक्रिय और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए तैयार है। यह ऑपरेशन न केवल आतंकवादियों के लिए एक कड़ा संदेश है, बल्कि यह पाकिस्तान को भी यह समझने में मदद करेगा कि वह अपनी धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए नहीं कर सकता है।

भारत शांति और स्थिरता चाहता है, लेकिन अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसी दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में अकेला नहीं है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस वैश्विक खतरे के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा।

यह ऑपरेशन भारतीय सेना और वायुसेना के साहस, व्यावसायिकता और रणनीतिक कौशल का एक शानदार प्रदर्शन है। उन्होंने अत्यंत जोखिम भरे माहौल में भी अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त किया और यह सुनिश्चित किया कि किसी भी निर्दोष नागरिक को कोई नुकसान न पहुंचे। पूरा देश अपने सुरक्षा बलों की इस बहादुरी और सफलता पर गर्व करता है।

आगे का रास्ता चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पीछे हटने वाला नहीं है। वह हर संभव कदम उठाएगा ताकि अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और देश को आतंकवाद के नापाक इरादों से बचाया जा सके।

 

 

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