पाकिस्तान ने फिर दी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी, पड़ोसी देश के रेल मंत्री की गीदड़भभकी

रेल मंत्री हनीफ अब्बासी

इस्लामाबाद/नई दिल्ली, बीएनएम न्‍यूज: पाकिस्तान का एक बार फिर गैर-जिम्मेदाराना और भड़काऊ रवैया सामने आया है जब रविवार को शहबाज शरीफ सरकार में रेल मंत्री हनीफ अब्बासी (Hanif Abbasi) ने भारत के विरुद्ध परमाणु हमले की सीधी धमकी दे डाली। उनके इस बयान ने न केवल दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंताएं पैदा कर दी हैं।

हनीफ अब्बासी ने एक सार्वजनिक बयान में बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार और शाहीन जैसी मिसाइलें केवल सजाकर रखने के लिए नहीं बनाई हैं, बल्कि इनका एकमात्र उद्देश्य भारत के विरुद्ध इस्तेमाल करना है। उन्होंने यह धमकी ऐसे समय में दी है जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही कई मुद्दों पर तनाव व्याप्त है, जिसमें सीमा पार आतंकवाद और जल विवाद प्रमुख हैं।

पाकिस्तान की तरफ से बौखलाहट

हालांकि, भारत ने आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान के रेल मंत्री के इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन सरकारी सूत्रों ने इसे पाकिस्तान की तरफ से बौखलाहट में दिया गया एक अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना बयान करार दिया है। उनका कहना है कि इस तरह की धमकी भरी बयानबाजी से पाकिस्तान स्वयं ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने कठघरे में खड़ा होता है, क्योंकि पूरी दुनिया उसके व्यवहार पर नजर रख रही है।

चिंताओं को और भी गहरा

 

भारत लंबे समय से पाकिस्तान की आंतरिक राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता को देखते हुए वहां मौजूद परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त करता रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय परमाणु विशेषज्ञों ने भी अतीत में पाकिस्तान में परमाणु हथियारों के आतंकवादी संगठनों के हाथों में पड़ने की आशंका जताई है। हनीफ अब्बासी का यह बयान इन चिंताओं को और भी गहरा करता है।

दोनों देशों के बीच वाकयुद्ध

पाकिस्तान की ओर से यह धमकी ऐसे समय में आई है जब सिंधु जल समझौते को लेकर भी दोनों देशों के बीच वाकयुद्ध चल रहा है। पाकिस्तान ने हाल ही में कहा था कि अगर भारत उसके हिस्से का पानी रोकता है तो वह इसे युद्ध की घोषणा मानेगा। इसी संदर्भ में बात करते हुए हनीफ अब्बासी ने और भी उत्तेजक बयान दिया। उन्होंने कहा, “हमारा पानी बंद करेंगे तो जंग के लिए तैयार हो जाएं। ये गौरी, शाहीन व गजनवी चौकों में सजाने के लिए नहीं हैं। ये हमने हिंदुस्तान के लिए रखी हुई हैं। हमारे पास 130 परमाणु हथियार हैं, उसे हमने सिर्फ मॉडल बनाने के लिए नहीं बनाया है। आपको पता ही नहीं है कि पाकिस्तान में हमने इनको कहां-कहां छिपाकर रखा है। मैं दोहराता हूं ये जो बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, ये जो क्रूज मिसाइलें हैं, यह जो शाहीन (पाकिस्तान की मिसाइल) हैं, इनका रुख भारत की तरफ ही हैं। किसी और की तरफ नहीं। यह सोचना भी नहीं है कि पाकिस्तान में क्रॉस करना है।”

सभी ताकतों का इस्तेमाल करेगा

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान की ओर से परमाणु हथियारों का इस तरह से दम भरा गया हो। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के बाद जारी किए गए आधिकारिक बयान में भी दो बार परमाणु हथियारों की ओर अप्रत्यक्ष रूप से इशारा किया गया था। उस बयान में कहा गया था कि पाकिस्तान अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी सभी ताकतों का इस्तेमाल करेगा।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली है। भारत ने इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का परिणाम बताते हुए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को रद्द करने की घोषणा कर दी है। इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। भारत का यह कदम पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि यह जल आपूर्ति पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

राजनयिक संबंध पहले से ही निचले स्तर पर

पाकिस्तान के रेल मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध पहले से ही निचले स्तर पर हैं। भारत लगातार पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाता रहा है, जबकि पाकिस्तान इन आरोपों को निराधार बताता रहा है। इस तनावपूर्ण माहौल में, पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा दी गई परमाणु हमले की सीधी धमकी स्थिति को और भी नाजुक बना सकती है।

गहरी चिंता

अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान के इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर गहरी चिंता व्यक्त कर सकता है। परमाणु हथियारों की धमकी किसी भी जिम्मेदार राष्ट्र के नेता द्वारा नहीं दी जानी चाहिए, खासकर दो ऐसे पड़ोसी देशों के बीच जिनके बीच पहले से ही कई विवाद मौजूद हैं। पाकिस्तान का यह बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी छवि को और खराब करेगा और उसे अलग-थलग करने का काम कर सकता है।

क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा

भारत ने हमेशा से एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति होने का परिचय दिया है और उसकी परमाणु नीति “पहले इस्तेमाल नहीं” (No First Use) की रही है। इसके विपरीत पाकिस्तान की ओर से इस तरह की धमकी भरी बयानबाजी क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है।

यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान की सरकार हनीफ अब्बासी के इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देती है। क्या प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस बयान से किनारा करते हैं या इसे अपनी सरकार की आधिकारिक नीति का हिस्सा मानते हैं? अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देगा, खासकर उन देशों की ओर से जो परमाणु अप्रसार के समर्थक हैं।

धमकी भरा बयान

कुल मिलाकर पाकिस्तान के रेल मंत्री हनीफ अब्बासी का भारत के विरुद्ध परमाणु हमले का यह सीधा धमकी भरा बयान अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना और चिंताजनक है। यह न केवल दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाता है बल्कि क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करता है। भारत ने इस पर संयमित प्रतिक्रिया दी है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मामले पर संज्ञान लेना होगा और पाकिस्तान पर इस तरह की भड़काऊ बयानबाजी से बचने के लिए दबाव डालना होगा। परमाणु हथियारों की धमकी कभी भी कूटनीति का हिस्सा नहीं होनी चाहिए, और दोनों देशों को आपसी बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से अपने विवादों को हल करने की दिशा में काम करना चाहिए।

 

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