Paper Leak Case: विधायक बेदीराम ने बनाई अकूत संपत्ति, जानें कैसे फिर नकल माफिया से बन गए ‘माननीय’

 गाजीपुर, बीएनएम न्यूज। UP Politics: Paper Leak Case: गाजीपुर के जखनियां से सुभासपा विधायक बेदी राम प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को पास कराने के मामले में एक वीडियो वायरल के जरिये विवादों के घेरे में आए हैं। बेदी राम ने गैरकानूनी तरीके से अकूत संपत्ति हासिल की। उन्होंने करोड़ों का साम्राज्य जौनपुर से लेकर लखनऊ तक खड़ा किया है। एसटीएफ के रिकार्ड में पेपर लीक गिरोह के सरगना और कुख्यात नकल माफिया जैसे शब्द बेदी राम के लिए दर्ज हैं। विधायक चुने जाने से पहले वर्ष 2014 में एसटीएफ की रिपोर्ट के बावजूद बेदी राम तत्कालीन सपा सरकार में खुद को बचाने में कामयाब रहे और आज सत्ताधारी गठबंधन के विधायक होने के नाते सुरक्षा कवच के घेरे में हैं।

सुभासपा के 6 विधायकों में एक हैं

उन्होंने 2022 में हुए विधानसभा चुनाव को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सिंबल पर लड़ा था और जीत दर्ज की थी। वर्तमान में एनडीए के 6 विधायकों में से एक बेदी राम, सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेहद करीबियों में से एक माने जाते हैं। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सबकुछ जानते हुए भी गाजीपुर से बेदी राम का कोई सियासी नाता न होने के बावजूद उन्हें टिकट दे दिया। यही नहीं, ऐसे कई वीडियो भी वायरल हैं, जिनमें ओम प्रकाश राजभर चुनाव प्रचार के दौरान उनके इस हुनर का बखान भी कर रहे हैं।

पैदाइश जौनपुर की, राजनीतिक कार्य क्षेत्र गाजीपुर है

बेदी राम ने बताया था कि उनकी पैदाइश भले ही जौनपुर की है, लेकिन अब वह लखनऊ में बस गए है, उनका राजनीतिक कार्य क्षेत्र गाजीपुर है। बेदी राम की पत्नी वर्तमान में जौनपुर में जलालाबाद ब्लाक से ब्लॉक प्रमुख हैं। मतदाता के तौर पर उनका नाम जौनपुर के जाफराबाद के वोटर लिस्ट में दर्ज है। इलेक्शन वॉच की वेबसाइट की माने तो बेदी राम ने चुनावी घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि उनके ऊपर राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कुल 8-9 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें साल 2014 में एसटीएफ के तरफ से भी दर्ज मामला शामिल है। वर्ष 1993 में अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद से स्नातक हैं।

कोई भी परीक्षा हो, आसानी से पास करा दूंगा', वायरल वीडियो में सुभासपा विधायक  बेदी राम का दावा - SBSP MLA Bedi ram claims will help pass any exam easily  video viral

यूपी के साथ राजस्थान, एमपी में भी मुकदमें

मतदाता के तौर पर उनका नाम जौनपुर के जाफराबाद के वोटर लिस्ट में दर्ज है। इलेक्शन वॉच की वेबसाइट के अनुसार बेदी राम ने चुनावी घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि उनके ऊपर राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कुल 8-9 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें साल 2014 में एसटीएफ के तरफ से भी दर्ज मामला शामिल है। बेदी राम पर भोपाल में केस विचाराधीन है। इसके साथ ही लखनऊ और जौनपुर में भी मामले विचाराधीन है।

बेदी राम पर कार्रवाई के लिए कहा

जखनियां से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक बेदी राम को लेकर मचे घमासान के बीच एक पत्र मिला है, जिसे 21 अगस्त, 2014 को एसटीएफ के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक सुजीत पांडेय ने लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखा था। एसटीएफ ने यह पत्र नकल माफिया बेदी राम पुत्र मन्नू राम निवासी 3\52 विक्रांतखंड गोमतीनगर लखनऊ की संकलित अभिसूचना के आधार पर 16 जुलाई, 2014 को गिरफ्तारी के बाद लिखा था।

कार्रवाई व संपत्ति कुर्क करना अनिवार्य

एसटीएफ ने साफ लिखा था कि आपराधिक गतिविधियों पर रोकथाम के लिए बेदी राम के विरुद्ध उत्तर प्रदेश गिरोह बंद अधिनियम के तहत कार्रवाई व संपत्ति कुर्क करना अनिवार्य है। इसके लिए अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था ने अपनी संस्तुति कर रखी है, लेकिन तब प्रदेश में सपा की सरकार होने के कारण बेदी राम अपने आप को बचाने में कामयाब रहे।

2014 में एसटीएफ ने जुटाया बेदी राम की संपत्ति का ब्योरा

बेदी राम के लखनऊ के पाश इलाके में चार भूखंड व भवन हैं। इसके अलावा आम के बाग भी लखनऊ में हैं। जौनपुर में दो ईंट भट्ठे, कृषि व व्यवसायिक भूमि है। इसका ब्यौरा एसटीएफ के पास मौजूद है। वह रेलवे में टीटीई था और इस दौरान भी कई परचे लीक कराए थे। जेल भी गया था। बेदी राम पर राजस्थान के जयपुर के थाना एसओजी, एसटीएफ थाना भोपाल, मध्य प्रदेश, थाना कृष्णानगर लखनऊ, थाना गोमतीनगर लखनऊ, थाना आशियाना लखनऊ, थाना मड़ियाहूं जौनपुर, थाना जलालपुर जौनपुर समेत कई मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा 10 मुकदमे तो केवल रेलवे भर्ती परीक्षा से जुड़े हैं। राजस्थान सम्मिलित परीक्षा 1992, उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों के निवारण अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट सहित कई मुकदमे दर्ज हैं।

तिलक चढ़ाने के बहाने पकड़ने पहुंची थी एसटीएफ

बेदी राम का नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में फैला था वह अपने गुर्गों की बदौलत पेपर लीक जैसी घटनाओं को बखूबी अंजाम देता था। डेढ़ दशक पहले बेदी राम के ऊपर शिकंजा कसने लगा और इसके बाद एसटीएफ को उसे गिरफ्तार करने का जिम्मा सौंपा गया। हर बार बेदी राम पुलिस की टीम को चकमा देकर फरार हो जाता था, लेकिन एसटीएफ की टीम ने ऐसा प्लान तैयार किया, जिसके शिकंजे में बेदी राम आसानी से आ गया।

बेदी राम को गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ की टीम तिलक चढ़ाने के बहाने उसके घर पहुंची। इस बात से बेखबर बेदी राम ने एसटीएफ अधिकारियों की खूब आवभगत की तो दूसरी तरफ अपनी पहचान छुपाने के लिए एसटीएफ की टीम भी अपने साथ फलों और मिठाइयों की टोकरी उसके घर लेकर पहुंची थी। घर का माहौल बेहद खुशनुमा था। जैसे ही उसे एसटीएफ के अधिकारियों के बारे में जानकारी लगी, उसके होश फाख्ता हो गए। जब तक बेदी राम कुछ समझ पाते एसटीएफ ने उसे धर दबोचा।

 

 

 

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