विधायक विपुल दुबे और बेदीराम पर पेपरलीक का आरोप तय, लखनऊ की MP-MLA कोर्ट का फैसला

लखनऊ, बीएनएम न्यूजः रेलवे भर्ती ग्रुप-डी की वर्ष 2006 में हुई परीक्षा के पेपर लीक मामले में आरोपी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक बेदीराम और निषाद पार्टी के विधायक विपुल दुबे समेत 18 आरोपितों पर शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरोप तय कर दिए।

गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद सभी आरोपित न्यायालय में प्रस्तुत हुए। इस दौरान दोनों विधायकों ने गैंगस्टर कोर्ट में डिस्चार्ज अर्जी लगाई, लेकिन न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने खारिज कर दिया।

इन आरोपियों पर भी आरोप तय

बेदीराम गाजीपुर की जखनिया और विपुल दुबे भदोही की ज्ञानपुर सीट से विधायक हैं। कोर्ट ने दोनों विधायकों के अलावा संजय श्रीवास्तव, मनोज कुमार मौर्या, शैलेश कुमार सिंह, राम कृपाल सिंह, भद्रमणि त्रिपाठी, आनंद कुमार सिंह यादव, कृष्णकांत, धर्मेंद्र कुमार पासी, रमेश चंद्र पटेल, मो. असलम, अवधेश सिंह, सुनील कुमार यादव, अख्तर हुसैन, दीना उर्फ दीन दयाल, शिव बहादुर व रश्मि चंद्रा के विरुद्ध आरोप विचारण की कार्यवाही की गई।

भदोही की ज्ञानपुर सीट से विधायक हैं विपुल दुबे

बेदीराम गाजीपुर की जखनियां विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले हैं। जबकि विपुल दुबे भदोही की ज्ञानपुर सीट से विधायक हैं। बेदीराम को सुभासपा अध्यक्ष और यूपी सरकार में मंत्री ओपी राजभर का करीबी माना जाता है।

गाजीपुर की जखनियां सीट से विधायक हैं बेदीराम

सभी आरोपियों के खिलाफ एसटीएफ ने कृष्णा नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। इससे पहले 10 जुलाई को गैंगस्टर और एमपी-एमएलए कोर्ट ने सभी के खिलाफ वारंट जारी कर 26 जुलाई को पेशी का आदेश दिया था।

2006 में STF ​​ने किया था गिरफ्तार

STF ने फरवरी 2006 में बेदीराम और विपुल दुबे को पेपर लीक मामले में अरेस्ट किया था। दोनों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगा था। STF ने आरोपियों के पास से रेलवे भर्ती ग्रुप डी की परीक्षा का प्रश्न पत्र बरामद होने का दावा किया था। जांच के बाद पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल की थी। कोर्ट ने बेदीराम और विपुल दुबे की हाजिरी माफी की अर्जी को भी खारिज कर दिया।

STF की रिपोर्ट: लखनऊ में 3 मकान, 6000 वर्ग फीट जमीन

2014 में एसटीएफ ने भी बेदीराम की संपत्ति की जानकारी जुटाई थी। एसटीएफ के तत्कालीन आईजी सुजीत पांडेय ने लखनऊ के तत्कालीन एसएसपी को पत्र भेजकर बेदीराम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। पत्र में ये भी लिखा था कि बेदीराम की संपत्ति कुर्क करने के संदर्भ में तत्कालीन एडीजी कानून व्यवस्था द्वारा सिफारिश की जा चुकी है।

रेलवे में नौकरी की, वहीं का पेपर लीक कराया

बेदी राम रेलवे में TTE थे। 10 साल पहले रेलवे की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने में उनका सामने आया। इसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया था। रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की 2006 की समूह ‘ग’ की भर्ती परीक्षा, 2008 में लोको पायलट की परीक्षा, 2009 में भोपाल और जयपुर में रेलवे की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक कराने में बेदी राम को गिरफ्तार भी किया गया था।

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